सभी सुरक्षात्मक उपायों एवं सामाजिक सहभागिता के साथ कोविड
नियंत्रण के लिए कार्य करें
कोविड टीकाकरण के कार्य को गति प्रदान करें -
उपराष्ट्रपति
राज्यपाल आपसी समन्वय बनाकर कोविड के नियंत्रण हेतु हर स्तर पर
जागरूकता अभियान चलाएं - प्रधानमंत्री
प्रदेश में सभी के सम्मिलित प्रयासों से कोविड के ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट को
प्रभावी ढंग से लागू किया जाय - आनंदीबेन पटेल
लखनऊः (मानवी मीडिया) उपराष्ट्रपति एम0 वेंकैया नायडू की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री एवं देश के समस्त राज्यपालों के साथ कोविड-19 के ‘वैक्सीन उत्सव’ के संबंध में बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें उप राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले एक साल से कोविड के खिलाफ देश व्यापी अभियान चल रहा है, जिसमें हमने सफलता भी पायी, लेकिन कोविड-19 का दूसरा स्ट्रेन देश में तीव्र गति से बढ़ रहा है। जिस पर हमें काबू पाने के लिये सभी सुरक्षात्मक उपायों के साथ-साथ सामाजिक सहभागिता के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने प्रदेश के समस्त राज्यपालों से अपील की कि वे समस्त राजनीतिज्ञ दलों, धर्मगुरूओं, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, महापौरों के साथ समन्वय बैठक आयोजित कर कोरोना के नियंत्रण के सामूहिक प्रयास करें तथा कोविड टीकाकरण के कार्य को गति प्रदान करें और लोगों से सुरक्षात्मक उपायों के साथ-साथ अनिवार्य रूप से मास्क लगाने के लिए प्रेरित करें, प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से भी जागरूकता अभियान चलाया जाए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यपालों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्यपाल सरकार एवं समाज के बीच महत्वपूर्ण कड़ी है। अतः राज्यपाल आपसी समन्वय बनाकर कोविड के नियंत्रण हेतु हर स्तर पर जागरूकता अभियान चलाएं जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य को सफल बनाने में एन0सी0सी0, एन0एस0एस0, रेड क्रास, सामाजिक संगठन तथा विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अभियान को सफल बनाने के लिए हमें समाज के हर व्यक्ति को इस अभियान में शामिल करना होगा। उचित होगा कि हम माइक्रों कंटेंटमेंट जोन पर अधिक बल दें। हमें हर हाल में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को रोकना है। जनभागीदारी को प्रोत्साहित करना है। इसमें हमारे राज्यपालों की महत्वपूर्ण भमिका हो सकती है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बताया कि राजभवन के समस्त कार्मिंकों तथा उनके परिजनों जो 45 आयु के ऊपर के थे, का टीकाकरण कराया गया। इसके पूर्व अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च, 2021 को राजभवन में कार्यरत समस्त महिलाओं का टीकाकरण कराया गया था। उन्होंने कहा कि ‘टीका उत्सव’ के अन्तर्गत प्रदेश के सभी जनपदों में 11 अप्रैल से आज 14 अप्रैल, 2021 तक लगभग आठ हजार से अधिक केन्द्रों पर 45 वर्ष या उससे ऊपर के लोगों को टीका लगाया गया।
राज्यपाल द्वारा टीका उत्सव को सफल बनाने के लिए प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों के साथ 10 अपै्रल, 2021 को वर्चुअल मीटिंग की गयी। उन्होंने विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया कि वे एक कार्य योजना बनाकर विश्वविद्यालय एवं उससे सम्बद्ध लगभग 50 हजार से अधिक महाविद्यालयों के छात्रों के माध्यम से उनके अभिभावकों, जनप्रतिनिधियों एवं स्वंयसेवी संस्थाओं को जोड़कर प्रत्येक ग्राम सभा में जनसामान्य को प्रेरित कर टीकाकरण कराएं। इस संबंध में प्रदेश के विश्वविद्यालयों के माध्यम से सैंतालिस हजार छह सौ इक्यासी लोगों का ‘टीका उत्सव’ में टीकाकरण हुआ तथा दो लाख से अधिक लोगांे को टीकाकरण हेतु प्रोत्साहित किया गया।
राज्यपाल ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री के साथ कोविड-19 के संबंध में सर्वदलों, धर्मगुरूओं तथा नगर निगमों के मेयरों साथ बैठक बुलाई गई। इन बैठकों में सभी के सम्मिलित प्रयासों से ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। तद्क्रम में शहरों की रिहायशी इलाकों में निगरानी समितियां बनाई गयी। साथ ही लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ सरकारी तथा निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा तथा शुल्क की वसूली की माॅनटरिंग पर बल दिया गया है। सभी राजनीतिक दलों ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिये राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए सभी प्रकार का सहयोग देने पर सहमति दी गई है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं आशा वर्कर के सहयोग से टीकाकरण को गति प्रदान की गई।
राज्यपाल ने बताया कि प्रदेश में 1.5 लाख से अधिक डेडिकेटेड कोविड बेड्स की व्यवस्था की गयी तथा सभी 75 जनपदों की प्रयोगशालाओं में दो लाख से अधिक प्रतिदिन जांचे की जा रही हैं एवं 14 अप्रैल, 2021 तक तीन करोड़़ छिहतत्तर लाख से अधिक जांचे की जा चुकी हंैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की आबादी देश में सर्वाधिक होने के बाद भी देश के अन्य प्रदेशों की तुलना में यहां पाॅजटिव केस की संख्या कम है। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश सातवें स्थान पर है।
राज्यपाल ने बताया कि मेरे द्वारा स्वयं अनेक जिलों का भ्रमण कर स्वयं सहायता समूहों, कुपोषित एवं क्षय रोग बच्चों के उत्थान एवं विकास हेतु चर्चाएं की गयीं तथा विश्वविद्यालय के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से सुविधा सम्पन्न बनाने के साथ-साथ 25 हजार से अधिक क्षय रोग ग्रसित बच्चों को गोद लेकर उन्हें चिकित्सा एवं पोषण सामग्री उपलब्ध करायी गयी। इनमें से अधिकांश बच्चें स्वस्थ भी हो चुके हैं। इसके साथ ही रेडक्रास सोसायटी के क्रियाकलापों को भी गति प्रदान की गयी तथा आंगनवाड़ी कार्यकत्री को प्रशिक्षण दिये जाने का कार्य वाराणसी से शुरू किया गया ताकि आंगनवाड़ी को और सुदृढ़ बनाया जा सके।
कार्यक्रम में समस्त राज्यों के राज्यपाल वर्चुअली जुड़े थे।