अस्पतालों में बेड नही फिर मरीज को व्यक्तिगत ऑक्सीजन सिलेंडर देने पर रोक क्यों?-अशोक सिंह - मानवी मीडिया

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Thursday, April 22, 2021

अस्पतालों में बेड नही फिर मरीज को व्यक्तिगत ऑक्सीजन सिलेंडर देने पर रोक क्यों?-अशोक सिंह

 पूरे प्रदेश सहित राजधानी में कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़ें भयावह, कोमा में सरकार- अशोक सिंह

कोरोना संक्रमण काल में सरकार की दोषपूर्ण नीतियों के चलते मरीजों की हो रही हैं मौतें -अशोक सिंह

अस्पतालों में बेड नही फिर मरीज को व्यक्तिगत ऑक्सीजन सिलेंडर देने पर रोक क्यों?-अशोक सिंह

बिना इलाज हो रही मौतों के लिये डबल इंजन सरकार दोषी-अशोक सिंह


लखनऊ( मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अशोक सिंह ने राज्य की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि रेफरल पर्ची के बाद मरीज को व्यक्तिगत ऑक्सीजन सिलेंडर न देने के आदेश अमानवीय है। कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में सरकार की कोई दिलचस्पी नही है। सरकार जमीनी हकीकत से मुँह मोड़कर संक्रमण से ग्रस्त मरीजों को आक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन एवं समुचित इलाज उपलब्ध कराने के बजाय उन्हें मौत के मुँह में डालने वाली दोषपूर्ण रणनीति बनाकर काम कर रही है। यही नहीं सम्बन्धित अधिकारियों से लेकर संक्रमण के संवेदनशील समय मुख्य चिकित्सा अधिकारी तक पूरी तरह न सिर्फ उदासीन बने हैं बल्कि या तो उनके मोबाइल बन्द हैं या वह फोन नहीं उठा रहे हैं। ऐसे में सरकार बताये कि उसकी व्यवस्था दोषपूर्ण है अथवा नहीं?

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने सरकार की नीतियों पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश कि मरीजों को व्यक्तिगत ऑक्सीजन सिलेंडर नही दिए जाएंगे। घोर निंदनीय, अमानवीय व मरीजों को मौत के मुँह में ढकेलने का सरकारी फरमान अधिक है। उन्होंने कहा कि संक्रमण को नियंत्रित करने, संक्रमित मरीजों के इलाज के लिये सरकारी व गैर सरकारी कोविड अस्पतालों में न बेड है, न वेंटिलेटर है, न आईसीयू है और न ही जीवन रक्षक ऑक्सीजन सिलेंडर है। ऐसे में संक्रमित मरीज जो घरों पर रहकर निजी खर्चे पर इलाज करा रहे हैं उन्हें छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर देने पर रोक लगाना नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के संविधान प्रदत्त अधिकार को समाप्त कर उसे मौत को गले लगाने को विवश करने वाला निर्देश है, जिसे सभ्य लोकतांत्रिक समाज व व्यक्ति के इलाज के लिये स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

कांग्रेस प्रवक्ता आशोक सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में सरकार ने घोर लापरवाही बरती जबकि वैज्ञानिक और विशेषज्ञ चिकित्सक पिछले वर्ष से ही दूसरी लहर के कहर की चेतावनी दे रहे थे। उसके बाद भी सरकार की डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ अतिआवश्यक बुनियादी सुविधाएं जुटाने में गंभीर नहीं रही। अब जब संक्रमण निरन्तर भयावहता के साथ मानव जीवन के लिये खतरा बन गया तो उसमें सरकार की संवेदनहीन रणनीतियां आग में घी डालने का काम कर रही हैं। कभी मरीज की भर्ती के लिये सीएमओ की रेफरल पर्ची का ड्रामा और अब ऑक्सीजन सिलेंडर न देने का आदेश सीधे सीधे सरकार द्वारा मरीजों को सुनाया गया मौत का फरमान है जिसको कांग्रेस बर्दास्त नही करेगी।

उन्होंने कहा कि राज्य में सरकारी लापरवाही ही संक्रमण से हो रही मौतों के लिये सीधे जिम्मेदार है। सरकार इस भयावह संक्रमण काल में युद्ध स्तर पर इस महामारी से लड़ने और रोकने के बजाय कोमा में चली गयी है।

सिंह ने मांग की है सरकार हालात की भयावहता को देखते हुए बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर, आईसीयू, दवाओं को सुगमता से उपलब्ध कराने के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर व रेमडेसविर इंजेक्शन के साथ सेनेटाइजर, पीपीपी किट आदि की कालाबाजारी पर तत्काल रोक लगाये और ऑक्सीजन सिलेंडर ब्यक्तिगत रूप से न देने के आदेश को वापस लेते हुए आक्सीजन की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित कराये।

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