आगरा (मानवी मीडिया): कोरोना से मरने वाले की तेजी से बढ़ रही संख्या के चलते हाहाकार मचा हुआ है। परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं मिल रही है तो कहीं पर घंटों इंतजार के बाद शवों को मुखाग्नि दी जा रही है। कोरोना के चलते कहीं पर तो मरघट तक ले जाने का साधन तक नहीं मिल रहा है। ऐसा ही एक मामला आगरा में देखते को मिला जहां एंबुलेंस की कमी के कारण बेटा मोहित अपने पिता के शव को कार की छत पर बांधकर श्मशान तक पहुंचा।
वहां मौजूद देखने वालों की आंखें नम हो गई। बीते शनिवार को बेटे मोहित ने बहुत कोशिशों और इंतजार के बाद भी जब एंबुलेंस का इंतजाम नहीं हुआ तो मोहित को अपने पिता का शव गाड़ी की छत पर बांधना पड़ा, ताकि मोक्षधाम ले जाकर दाह संस्कार किया जा सके। यह नजारा ही कुछ ऐसा था कि देखकर श्मशान में मौजूद लोगों की आंखें भर आईं। घंटों लाइन में लगे रहने के बाद जब समय आया तो, बेटे ने पिता के शव को कार से नीचे उतारा और फिर मुखाग्नि दी।- प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आगरा के ताजगंज श्मशान में 20 घंटे लगातार चिमनियां चलती जा रही हैं। रोजाना यहां कम से कम 50 शव अंतिम संस्कार के लिए आते हैं। हालत ये हो गई कि शाम तक दाह संस्कार के लिए 6 घंटे की वेटिंग हो हो जाती है।