दीक्षान्त समारोह का छात्र जीवन में सर्वाधिक महत्व
छात्र समाज के उन लोगों का ध्याान रखें जो विकास से अछूते हैं
स्वदेशी के क्षे़त्र में रचनात्मक कार्य की बहुत संभावनाएं हैं-
आनंदीबेन पटेल
लखनऊ (मानवी मीडिया) शिक्षा के क्षेत्र मंे जितनी महत्वपूर्ण भूमिका शिक्षा संस्थानों की है, उतनी ही उनकी दूरदर्शिता की भी है, समय के साथ नये बदलाव को अपनाने से ही शिक्षा स्तर का बेहतर विकास हो सकता है। ये विचार उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज पं0 दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के 39वें दीक्षांत समारोह के दौरान आॅनलाइन अपने सम्बोधन में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी से जुड़ा हुआ है। पंडित जी उच्च कोटि के राजनेता ओर दार्शनिक एवं विचारक थे, जिन्होंने इस बात पर बल दिया कि देश की आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक और राजनीतिज्ञ व्यवस्था भारतीय संस्कृति की बुनियाद पर ही निर्धारित और नियोजित होनी चाहिए।
उपाधि
प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि
दीक्षान्त समारोह किसी भी विद्यार्थी के जीवन के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों
में से एक होता है। विद्यार्थी के इम्तिहान का यह सफर अभी समाप्त नही हुआ
है, आगे जीवन में बहुत सारी चुनौतियां आयेंगी, जिनका डटकर सामना करना होगा।
राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं से कहा कि प्रतिज्ञा करें कि नये जीवन के
आरम्भ के साथ ही समाज के उन लोगों का भी ध्यान रखेंगे, जिनके जीवन में
विकास की किरण आज तक नहीं पहुंच पायी है।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्व के तेजी से बदलते दौर में आत्मनिर्भरता का
महत्व बढ़ गया है। स्वदेशी के क्षे़त्र में रचनात्मक कार्य की बहुत
संभावनाएं हैं। इस दृष्टि से हमारे विश्वविद्यालय केवल शोध और डिग्री
बांटने का ही कार्य न करें, बल्कि कौशल विकास पर भी ध्यान दें। इस अवसर पर
कुलाधिपति ने 155 छात्र-छात्राओं को पी0एच0डी0 की उपाधि एवं विभिन्न विषयों
में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले 130 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल एवं
स्नातक व स्नात्कोत्तर के छात्र- छात्राओं को आनलाइन डिग्रियां प्रदान की।
विश्वविद्यालय
के कुलपति प्रो0 राजेश सिंह ने विश्वविद्यालय की रिपोर्ट प्रस्तुत करते
हुए बताया कि विश्वविद्यालय में विभिन्न एकेडमिक कोर्सों की आगामी सत्र में
शुरूआत होने जा रही है, जो कि छात्र-छात्राओं के लिए काफी महत्वपूर्ण
साबित होगें। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालर्य मतव ठंेमक ब्ंउचने के
क्षेत्र में कार्य कर रहा है। यहां पर ह्यूमन स्टडी सेल की भी स्थापना की
गयी है। विश्वविद्यालय में अर्न बाई लर्न कोर्स शुरू किया गया है, जिसमें
विभिन्न बच्चों को 100 रूपया प्रति बच्चा दिया जाता है।
दीक्षान्त
समारोह में विश्वविद्यालय की स्मारिका का भी आनलाइन विमोचन किया गया,
समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डा0 संजय राय ने अपने वर्चुअली
संबोधन में छात्र जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक जीवन में आने वाली
चुनौतियों से अवगत कराया।
इस अवसर पर
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 राजेश सिंह, कार्यपरिषद एवं विद्या परिषद के
सदस्यगण, शिक्षणगण, कर्मचारीगण, आमंत्रित महानुभाव, उपाधि एवं पदक प्राप्त
छात्र-छात्राएं आनलाइन जुड़े हुये थे।