नई दिल्ली (मानवी मीडिया) हवाई किराए की सरकार द्वारा तय
अधिकतम और न्यूनतम सीमा की अवधि 31 मई तक के लिए बढ़ा दी गई है। इसके साथ
ही घरेलू उड़ानों की संख्या भी 31 मई तक पिछले साल के 'समर शेड्यूल' के 80
प्रतिशत तक सीमित रहेगी। कोविड-19 महामारी की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने के दो अलग-अलग आदेश जारी कर किराया और उड़ानों
की संख्या संबंधी नियमन का विस्तार किया है।
नागर विमानन महानिदेशालय ने आज इस संबंध में सर्कुलर जारी किये हैं। सरकार
ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर उड़ान के समय के हिसाब से हर सेक्टर का
अधिकतम और न्यूनतम किराया तय किया है। यह व्यवस्था पिछले साल 25 मई से ही
लागू है जब दो महीने के प्रतिबंध के बाद घरेलू मार्गों पर नियमित उड़ानें
शुरू करने की अनुमति दी गई थी। हालांकि विमान ईंधन की बढ़ी कीमतों का हवाला
देते हुये इस साल अधिकतम और न्यूनतम दोनों किराये में वृद्धि की गई है। इस
व्यवस्था को पहले तीन महीने के लिए लागू किया गया था, लेकिन बाद में इसकी
अवधि कई बाद बढ़ाई जा चुकी है। मंत्रालय के नये आदेश में कहा गया है कि
किराये की मौजूदा सीमायें 31 मई तक लागू रहेंगी। पिछले साल 25 मई को
एक-तिहाई उड़ानों की अनुमति देने के बाद धीरे-धीरे इस सीमा को बढ़ाकर 80
प्रतिशत किया गया था। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 31 मई तक
उड़ानों की संख्या 80 प्रतिशत पर ही सीमित रखने का निर्णय किया गया है।
किराये में कैपिंग का मतलब हुआ कि एयरलाइंस को अब 20 परसेंट टिकट ही
न्यूनतम और अधिकतम किराये के मध्यबिंदु (Midpoint) के नीचे की दर पर बेचनी
होंगी, जैसा कि अबतक वो करती आईं है। हालांकि 31 मार्च की डेडलाइन से पहले
तक एयरलाइंस मिडपॉइंट के नीचे की दर पर 40 परसेंट टिकट बेच रहीं थी। आपको
बता दें कि पिछले साल 25 मई 2020 से उड़ानें शुरू की गईं हैं।
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Monday, April 26, 2021
अभी सस्ते में कर सकेंगे घरेलू हवाई सफर, सरकार ने किरायों पर कैपिंग 31 मई तक बढ़ाई
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