नई दिल्ली (मानवी मीडिया): रक्षा मंत्रालय ने जर्मनी से 23 ऑक्सिजन जेनरेशन प्लांट को हवाई मार्ग से लाने का फैसला किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। ये प्लांट अगले एक हफ्ते में भारत आ जाएंगे। अभी उसके लिए कागजी प्रक्रिया चल रही है। मंत्रालय ने यह फैसला ऐसे समय में किया है जब कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच कई राज्यों को मेडिकल ऑक्सिजन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।कोरोना से जंग: अस्पतालों में लगेंगे 23 मोबाइल ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट, जर्मनी से होंगे इम्पोर्ट |
अधिकारियों ने बताया कि हर प्लांट की क्षमता 40 लीटर ऑक्सिजन प्रति मिनट और 2400 लीटर ऑक्सिजन प्रति घंटा उत्पादन करने की है। रक्षा मंत्रालय के प्रधान प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने कहा कि इन संयंत्रों की स्थापना कोविड-19 के मरीजों का उपचार करने वाले सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (एएफएमसी) के अस्पतालों में की जाएगी। मंत्रालय का यह फैसला तब आया है जब चार दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महामारी के मद्देनजर चिकित्सा आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने के उद्देश्य से जरूरी खरीद के लिए तीनों सेवाओं ओर अन्य रक्षा एजेंसियों को आपात वित्तीय अधिकार देने की घोषणा की थी।आर्मी ने जर्मनी से मंगाए 23 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट, मौजूदा संकट में ऐसे आएंगे काम |बाबू ने कहा, ‘23 मोबाइल ऑक्सिजन जेनरेशन प्लांट्स को हवाई मार्ग से जर्मनी से लाया जाएगा। इन्हें कोविड-19 के मरीजों का उपचार करने वाले एएफएमसी के अस्पतालों में स्थापित किया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि ऑक्सिजन उत्पादन करने वाले संयंत्र के एक सप्ताह के भीतर हवाई मार्ग से लाने की उम्मीद है। ग्रीन कॉरिडोर से दिल्ली के लिए ऐसे भेजे जारहे ऑक्सीजन कैप्सूल, पुलिस दे रही है सुरक्षाएक अन्य अधिकारी ने बताया कि जरूरी कागजी कार्य पूरा होने पर भारतीय वायु सेना को जर्मनी से संयंत्र लाने के लिए विमान को तैयार रखने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि विदेशों से और ऑक्सिजन उत्पादन संयंत्र की खरीद की जा सकती है। भारत में कोरोना महामारी लगातार गंभीर रूप लेती जा रही है और कई राज्यों में बिस्तरों से लेकर ऑक्सिजन तक की कमी की खबरें आ रही हैं। कई अस्पतालों में चिकित्सीय ऑक्सिजन की कमी की भी खबरें आ रही हैं।शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में एक दिन में रेकॉर्ड 3,32,730 नए मामले सामने आए जबकि 2,263 और लोगों की मौत होने के बाद मरने वालों की संख्या 1,86,920 पर पहुंच गई