अन्य दलों से लोगों का हो चुका है मोहभंग, कांग्रेस के प्रति बढ़ रहा है आकर्षण- अजय कुमार लल्लू
नदी अधिकार यात्रा लगातार 6वें दिन मांडा से जारी, शाम तक मिर्जापुर में होगी दाखिल
नदी, नाले, झील, पोखर, तालाब, और बालू व मट्टी पर निषाद, केवट, बिन्द समाज का नैसर्गिक अधिकार, प्रदेश की सरकार इनका कर रही है संगठित दोहन- अजय कुमार लल्लू
बड़ी-बड़ी कंपनी, पोकलैंड और जेसीबी से हो रहा है नदी और निषाद समुदाय का दोहन- अजय कुमार लल्लू
आपने नाव तोड़ी है, निषाद समुदाय योगी सरकार का घमंड तोड़ेगी-अजय कुमार लल्लू
लखनऊ, (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के समक्ष आज 2012 से 2017 तक बसपा के पुवायां जनपद शाहजहांपुर से विधायक रहे दलित नेता धीरेन्द्र प्रसाद ने आज अपने साथियों के साथ कंाग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रभारी उ0प्र0 श्रीमती प्रियंका गाँधी के मूल्यों और आदर्शो से प्रेरित होकर आज कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर अनु0 जाति विभाग के प्रदेश प्रभारी प्रदीप नरवाल, चेयरमैन आलोक प्रसाद, मध्य जोन के चेयरमैन तनुज पुनिया समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
इस मौके पर आयोजित प्रेसवार्ता में पूर्व विधायक धीरेन्द्र प्रसाद के अलावा बरेली के जाने-माने चिकित्सक डा0 रतन लाल गंगवार, डा0 सतपाल सिंह आदि ने अपने साथियों के साथ कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
सदस्यता ग्रहण के उपरान्त प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि धीरेन्द्र प्रसाद का हम सभी दिल से स्वागत करते हैं और इनको कांग्रेस परिवार में शामिल होने पर बधाई देते हैं। उन्होने कहाकि जहां भाजपा दमन की राजनीति कर रही है, इनके पार्टी में आने से देश, लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए तथा शोषितों, वंचितों के हितों के लिए कांग्रेस द्वारा कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी जी के नेतृत्व में किये जा रहे संघर्ष में तेजी आयेगी। भाजपा सहित गैर कांग्रेस दलों से लोगों का पूरी तरह मोहभंग हो चुका है और बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों और युवाओं का रूझान कांग्रेस के प्रति बढ़ रहा है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा नदी अधिकार यात्रा बसवार, प्रयागराज से बलिया माझी घाट तक निषाद भाईयों और मछुआरा समाज के अधिकारों के लिए चल रही है। कंाग्रेस शासनकाल में निषाद समुदाय को नदी, नाले, पोखरे, झील, मिट्टी, बालू के प्राकृतिक उपज का अधिकार दिया था लेकिन गैर कांग्रेसी सपा, बसपा सरकारों में उनके अधिकारों को छीन लिया गया। कंपनीराज स्थापित किया गया और आज उसी को आगे बढ़ाते हुए भाजपा ने सभी नदी, नाले और मिट्टी से निषाद समुदाय के अधिकारों को छीन लिया। आज बड़ी बड़ी कम्पनियां नदी के खनिज का लूट कर रही हैं। जब निषाद समुदाय ने इसका विरोध किया तो सरकार ने क्रूर कार्यवाही करते हुए उनको मारापीटा और प्रताड़ित करने का भाजपा सरकार ने किया। नावें तोड़ी गयीं। निषाद समुदाय का नाव से भावनात्मक रिश्ता रह है। जब भगवान राम को नदी पार करनी थी तब इसी निषाद समुदाय ने अपनी नाव का इस्तेमाल करते हुए भगवान को इस पार से उस पार किया था। लेकिन यह सरकार जान ले कि आज जिनकी नावें तोड़ी हैं, जिनको मारा-पीटा है आने वाले चुनाव में यही निषाद समुदाय सरकार का घमंड चूर-चूर करेगा और सत्ता से उखाड़ फेंकेगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कहा कि रोजाना 22 से 23 किमी. नदी अधिकार यात्रा चल रही है। अब तक 112 किमी की यात्रा पूरी हो चुकी है। आज 6वां दिन है 470 किमी. की यह यात्रा होनी है। लगभग 53 से अधिक छोटे-छोटे नुक्कड़ सभाएं आयोजित हो चुके हैं। 238 से अधिक नुक्कड़ सभाएं होनी है नदी अधिकार पत्र भी वहां मछुवारे समाज के लोगेां के भरे जा रहे हैं। निषाद समुदाय के लोगों का पूरा समर्थन कांग्रेस पार्टी को प्राप्त हो रहा है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि इस भाजपा की सरकार ने जो नदी, नली, मिट्टी, बालू का अधिकार निषाद समुदाय से छीना है, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जी जब बसवार गयी थीं और निषाद समुदाय से मिली थीं, उन्होने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनके हितों की लड़ाई कांग्रेस लड़ेगी और प्रियंका जी के निर्देश पर जब तक कंाग्रेस पार्टी निषाद समुदाय के नदी, नाले, बालू, मिट्टी का अधिकार उनको नहीं दिला देती तब तक संघर्ष करती रहेगी। उन्होने कहा कि आगामी 2022 के चुनाव में कंाग्रेस पार्टी की सरकार बनने पर निषाद समुदाय के नदी, नाले, बालू, मिट्टी के अधिकार उन्हें ससम्मान दिये जायेंगे।
सदस्यता ग्रहण करने के तुरन्त पूर्व विधायक पुवायां धीरेन्द्र प्रसाद ने कहा कि आज कांग्रेस और प्रियंका ही दलित, पिछड़ों और वंचितों की असली लड़ाई लड़ रही हैं। आज जाटव समाज पूरी तरह से बसपा और मायावती द्वारा छला महसूस कर रहा है। दलित समुदाय के बच्चों के वजीफे, विश्वविद्यालय में बच्चों के एडमीशन के सवालों सहित दलित समस्याओं का निराकरण करने में बसपा और मायावती की कोई दिलचस्पी नहीं है।