राष्ट्रपति, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सोनभद्र में वनवासी समागम कार्यक्रम में सम्मिलित हुए - मानवी मीडिया

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Sunday, March 14, 2021

राष्ट्रपति, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री सोनभद्र में वनवासी समागम कार्यक्रम में सम्मिलित हुए

 

राष्ट्रपति, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री जनपद
सोनभद्र में वनवासी समागम कार्यक्रम में सम्मिलित हुए


राष्ट्रपति ने सेवा समर्पण संस्थान सेवाकुंज आश्रम के नवनिर्मित बिरसा
मुंडा वनवासी विद्यापीठ स्कूल व अन्त्योदय छात्रकुल का उद्घाटन किया

राष्ट्रपति ने सेवा समर्पण संस्थान सेवाकुंज आश्रम
परिसर का भ्रमण कर वहां की व्यवस्थाओं को देखा

सोनभद्र जनपद में आदिवासी समाज की विविधता एवं एकता देखने को मिल रही है

देश की आत्मा ग्रामीण व वनवासी अंचलों में बसती है, वनवासी
समाज के विकास के बिना देश का विकास नहीं हो सकता: राष्ट्रपति

सेवा समर्पण संस्थान सेवाकुंज आश्रम, आदिवासी
समाज के सर्वांगीण विकास को अपना विजन मानता है: राज्यपाल

स्कूल, हॉस्टल की स्थापना से आदिवासी, वनवासी
समाज के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने में मदद मिलती रहेगी

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज भारत वैश्विक
मंच पर एक नई भूमिका के साथ आया है: मुख्यमंत्री

भारत ने कोविड प्रबन्धन के साथ वैक्सीन देकर विश्व मानवता के लिए मार्ग प्रशस्त किया

गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं, वनवासियों, गिरिवासियों, अनुसूचित जाति, पिछड़े लोगों को समाज की मुख्य धारा के साथ जोड़कर शासन की योजनाओं का लाभ उन तक ईमानदारी से पहुंचाने का अभूतपूर्व कार्य पिछले 06 वर्षों के अंदर हुआ
 
सोनभद्र में नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना होने जा रही है

‘हर घर नल-हर घर जल’ के भाव के साथ हर गांव तक और हर घर तक शुद्ध
पेयजल की उपलब्धता कराने के कार्य सोनभद्र के अंदर प्रारम्भ किया जा चुका है

गरीबों को मकान, हर घर बिजली, हर घर पेयजल, हर गरीब को स्वास्थ्य की सुविधा, हर नौजवान को रोजगार, हर खेत को पानी के अलावा हर व्यक्ति की आय को कई गुना बढ़ाने और आकांक्षात्मक जनपद को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का
एक अभिनव प्रयास देश के अंदर प्रधानमंत्री  के नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ है

राज्य सरकार द्वारा बच्चों के लिए शिक्षा, छात्रावास और छात्रवृत्ति की व्यवस्था की जा
रही है, शिक्षित बालक-बालिका सुखी और समृद्ध समाज का आधार: मुख्यमंत्री

लखनऊ:
(मानवी मीडिया) भारत के राष्ट्रपति  रामनाथ कोविंद , राज्यपाल  आनंदीबेन पटेल  एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  आज जनपद सोनभद्र भ्रमण के दौरान सेवा समर्पण संस्थान सेवाकुंज आश्रम परिसर के निकट आयोजित वनवासी समागम कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा सेवा समर्पण संस्थान सेवाकुंज आश्रम के नवनिर्मित बिरसा मुंडा वनवासी विद्यापीठ स्कूल व अन्त्योदय छात्रकुल का उद्घाटन किया गया।
राष्ट्रपति ने सेवा समर्पण संस्थान सेवाकंुज आश्रम परिसर का भ्रमण कर वहां की व्यवस्थाओं को देखा। वे आश्रम की पारम्परिक पूजा में सम्मिलित हुए और पूजा पण्डाल में शामिल आदिवासी समाज के नागरिकों को उपहार भी प्रदान किए। उन्होंने आदिवासियों के साथ भोजन भी किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति को आदिवासियों द्वारा बनायी गयी टोपी व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति ने स्थानीय भाषा में कहा कि ‘माँ विन्ध्यवासिनी व ज्वाला देवी जी से आशीर्वाद लेवे के लिए आईल बानी’। उन्होंने कहा कि वे बहुत पहले आश्रम में आना चाह रहे थे, किन्तु कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत पिछले वर्ष नहीं आ सके। यह इच्छा आज पूरी हो गई। जनपद सोनभद्र प्राकृतिक सम्पदाओं से परिपूर्ण है और ऊर्जा की राजधानी है। उन्होंने बिरसा मुंडा के जीवन मूल्यों व अन्य महापुरुषों के जीवन मूल्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि इन महापुरुषों का जीवन मानव सेवा के लिए था।
राष्ट्रपति ने कहा कि सेवा समर्पण संस्थान का सेवाकुंज आज शिक्षा प्रकल्प के रूप में विकसित हो रहा है। सेवा समर्पण संस्थान सेवाकुंज शिक्षा जगत का मंदिर है। उन्होंने शिक्षा का कार्य करने वाले संस्थान सेवाकुंज का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सोनभद्र में शिक्षा प्रकल्प के लोग बेहतर शिक्षा की व्यवस्था कर रहे हैं और उच्च शिक्षा की भी व्यवस्था जारी है। उन्होंने कहा कि सोनभद्र जिले के आदिवासी जनों से मिलना अच्छा लगता है। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में आदिवासी समाज की विविधता एवं एकता देखने को मिल रही है।
राष्ट्रपति ने करमा नृत्य की तारीफ करते हुए बधाई दी और कहा कि अनुसूचित जनजाति के लोक कलाओं को बढ़ावा देकर प्रदेश, देश व विश्व में इनके प्रदर्शन का मौका दिया जाए। उन्होंने एन0टी0पी0सी0 व एन0सी0एल0 के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि इससे विद्यालय के सर्वांगीण विकास में मदद मिलेगी। आदिवासी समाज ने भगवान श्रीराम की भी मदद की थी। उन्होंने कहा कि इस पिछड़े क्षेत्र के विकास की गति देते हुए आगे बढ़ाना है। देश की आत्मा ग्रामीण व वनवासी अंचलों में बसती है, वनवासी समाज के विकास के बिना देश का विकास नहीं हो सकता है। वनवासी समाज की सफलता देखने को मिल रही है, जिससे देश का गौरव बढ़ रहा है। कृषि सहित सभी क्षेत्रों में विकास हुआ है, सोनभद्र एक दिन आदिवासी विकास का केन्द्र होगा। आदिवासी सांस्कृतिक विरासत को विलुप्त होने से बचाया जाए। वनवासी समाज की भलाई के लिए वन ग्रामों को राजस्व ग्राम के रूप में प्रदेश सरकार द्वारा मूर्त रूप दिया जाए, जिससे मूल वनवासीजन का जीवन सुखमय हो।
राज्यपाल  आनंदीबेन पटेल जी ने राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की पावन धरती कारीडाड़ में स्कूल व हॉस्टल का उद्घाटन करने से पहले वर्ष 2001 में सांसद के रूप में महामहिम ने यहां आकर सांसद निधि से भवन बनवाने के लिए सहायता की थी। उन्होंने आदिवासियों की तरीफ करते हुए कहा कि सेवा समर्पण संस्थान सेवाकुंज आश्रम, आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास को अपना विजन मानता है। आदिवासी समाज के लोग कर्मदेव की पूजा करते हैं। सेवाकुंज परम्परागत कार्य, शिक्षा के अधिकारों के लिए कार्य करता है। साथ ही, नारी समाज को मजबूत बनाता है। स्कूल, हॉस्टल की स्थापना से आदिवासी, वनवासी समाज के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने में मदद मिलती रहेगी। उन्होंने सोनभद्र के आदिवासियों की ओर से राष्ट्रपति जी के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने सोनभद्र की जनता की ओर से महामहिम राष्ट्रपति का, देश की प्रथम महिला  सविता कोविंद जी का, प्रदेश की मा0 राज्यपाल  आनंदीबेन पटेल जी का हृदय से स्वागत और अभिनन्दन करते हुए कहा कि यह गर्व और सौभाग्य का विषय है कि उत्तर प्रदेश आदरणीय राष्ट्रपति जी की जन्मभूमि और कर्मभूमि रही है। जनपद सोनभद्र में वनवासी आबादी निवास करती है। उन वनवासियों के विकास के लिए महामहिम राष्ट्रपति जी पहले से ही सक्रिय रूप से सहभागी बने रहे हैं। आज भारत के राष्ट्रपति के रूप में पूरे देश को उनका नेतृत्व प्राप्त हो रहा है। उनका सोनभद्र की धरती में आकर वनवासी कल्याण आश्रम के तत्वावधान में नवनिर्मित छात्रावास और विद्यालय भवन के उद्घाटन का यह कार्यक्रम अपने आप में ही वनवासी समाज के जीवन में एक व्यापक परिवर्तन की लहर पैदा कर रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  के नेतृत्व में आज भारत वैश्विक मंच पर एक नई भूमिका के साथ आया है। अमेरिका के राष्ट्रपति  ने स्वयं इस बारे में प्रधानमंत्री  का अभिनन्दन किया कि वैश्विक मंच पर भारत ने कोविड प्रबन्धन के साथ वैक्सीन देकर विश्व मानवता के लिए जो मार्ग प्रशस्त किया है, भारत आदिकाल से इसी प्रकार का नेतृत्व करता रहा है। यह सम्मान जो आज प्रधानमंत्री मोदी के कारण देश को प्राप्त हो रहा है, यह सम्मान भारत की 135 करोड़ आबादी का सम्मान है। उन्होंने कहा कि केवल वैश्विक मंच पर ही नहीं, भारत के अंदर भी गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं, वनवासियों, गिरिवासियों, अनुसूचित जाति, पिछड़े लोगों को समाज की मुख्य धारा के साथ जोड़कर शासन की योजनाओं का लाभ उन तक ईमानदारी से पहुंचाने का अभूतपूर्व कार्य पिछले 06 वर्षों के अंदर हुआ है। इससे यह आकांक्षात्मक जनपद सोनभद्र उससे साक्षात लाभान्वित होते हुए दिखायी दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने सोनभद्र वासियों को बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्रपति जी की उपस्थिति इस आकांक्षात्मक जनपद को विकसित जनपद के रूप में प्रस्तुत करने का माध्यम भी बनने जा रही है। जनप्रतिनिधिगणों के प्रयास और आदरणीय प्रधानमंत्री की अनुकम्पा से राज्य सरकार एक नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना भी सोनभद्र जनपद में करने जा रही है। उन्होंने कहा कि जनपद मिर्जापुर और सोनभद्र हर बार जनवरी से लेकर मध्य जुलाई तक पेयजल के संकट से जूझते थे और अब प्रधानमंत्री मोदी  के विजन के कारण, जल जीवन मिशन के अन्तर्गत ‘हर घर नल-हर घर जल’ के भाव के साथ हर गांव तक और हर घर तक शुद्ध पेयजल की उपलब्धता कराने के कार्य को भी सोनभद्र के अंदर प्रारम्भ किया जा चुका है। इस साल के अंत तक ज्यादातर गांवों में पेयजल उपलब्ध होना प्रारम्भ हो जाएगा और बाकी बचे हुए गांवों में अगले 2-3 वर्ष के अंदर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति देकर स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का समाधान करने का कार्य किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों को मकान, हर घर बिजली, हर घर पेयजल, स्वास्थ्य की सुविधा हर गरीब को मिले, हर नौजवान को रोजगार, हर खेत को पानी देने के कार्यों के अलावा अन्य लोक कल्याणकारी योजना को आगे बढ़ाने का, हर व्यक्ति की आय को कई गुना बढ़ाने और आकांक्षात्मक जनपद को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का एक अभिनव प्रयास देश के अंदर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ है और आज उसका प्रभाव सोनभद्र जैसे जनपदों में भी देखने को मिला है। आई0टी0आई0, पॉलीटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं। स्कूल-कॉलेज की एक लम्बी श्रृंखला खड़ी हो रही है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम लगातार वनवासी बंधुओं के बीच कार्य कर रहा है। वनवासी बन्धुओं को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य कर रहा है। यह कार्य निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है। लाखों वनवासी समुदाय के बच्चों को एक नई दिशा देने, उनके जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने का माध्यम बना है। इसका साक्षी महामहिम राष्ट्रपति  की उपस्थिति में यह गांव और यह जनपद बन रहा है। इस वनवासी समागम के माध्यम से एक नया विद्यालय भवन और नया छात्रावास प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बच्चों के लिए शिक्षा, छात्रावास और छात्रवृत्ति की व्यवस्था की जा रही है। शिक्षित बालक या बालिका सुखी और समृद्ध समाज का आधार होते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति  की प्रेरणा और योगदान का परिणाम है कि आज यहां पर एक भव्य भवन बनकर इन बच्चों को राष्ट्र और समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि आज से कई वर्ष पूर्व सेवा समर्पण संस्थान के सेवाकुंज की शुरुआत हुई थी। महामहिम ने सांसद के रूप में पहले ही यहां आकर सांसद निधि की धनराशि आदिवासी बच्चों के पढ़ाई के लिए भवन निर्माण हेतु प्रदान की थी। मुख्यमंत्री  ने जिला प्रशासन को सोनभद्र जिले में शूटिंग रेंज बनाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं, विकासपरक व लाभार्थीपरक कार्यक्रमों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए राष्ट्रपति जी व राज्यपाल जी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने आश्रम परिसर में आदिवासी नागरिकों व बच्चों से भेंट की और उनका हालचाल लिया।
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति  को  ईश्वर दयाल चेरो द्वारा हाथ से बनायी गयी पेन्टिंग भेंट की गई। भ्रमण के दौरान राष्ट्रपति , राज्यपाल  तथा मुख्यमंत्री  ने सेवा समर्पण संस्थान परिसर में स्थानीय विधि से पानी को शुद्ध करने के सिस्टम को देखा और सराहना की। मुख्य कार्यक्रम स्थल पर महामहिम व माननीयगणों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर भगवान श्रीराम, माँ दुर्गा जी के चित्र पर माल्यार्पण किया। वनवासी समागम समारोह का शुभारम्भ व समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष राम चन्द्र खराड़ी सहित अन्य पदाधिकारीगण, जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग मौजूद थे।

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