लखनऊ (मानवी मीडिया)अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, लखनऊ द्वारा पर्यटन विभाग, उ0प्र0 के सहयोग से ‘शान्ति और सद्भाव पर भगवान बुद्ध का वैश्विक संदेश‘ विषय पर दिनांक 20-22 मार्च, 2021 तक संस्थान के प्रेक्षागृह में आयोजित तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय बुद्धिस्ट कान्क्लेव का शुभारम्भ भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवल तथा बुद्ध वन्दना के साथ हुआ। अग्ग महापण्डित भदन्त ज्ञानेश्वर ने पंचशील देकर, बुद्ध वन्दना करके विधिवत बौद्ध परम्परा के अनुसार सत्र का उद्घाटन किया। आपने वैश्विक शान्ति तथा भारत और विश्व में बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के मार्गों पर विस्तार से प्रकाश डाला। डाॅ0 प्रफुल्ल गडपाल ने अग्ग महापण्डित भदन्त ज्ञानेश्वर के सम्मान में रचित पालि कविता का गायन कर भदन्त ज्ञानेश्वर जी को अध्यक्ष संस्थान की ओर से सम्मान पत्र भेंट किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डाॅ0 महेन्द्र सिंह, मंत्री जलशक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, उ0प्र0, डाॅ0 लाल प्रसाद निर्मल, उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम (राज्य मंत्री स्तर), डाॅ0 राहुल बोधि, आल इण्डिया भिक्षु संघ के अनुसंघनायक, शिव कुमार पाठक, निदेशक संस्थान राजेश चन्द्रा अध्यक्ष आयोजन समिति आदि विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता भदन्त शान्ति मित्र अध्यक्ष अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान द्वारा की गई।
मुख्य अतिथि मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि अशोक के महान बनने को कारण भगवान बुद्ध की शिक्षाएॅ ही हैं। शांति के अग्रदूत के रूप में तथागत बुद्ध का पूरी दुनिया में सर्वाेपरि स्थान है। भगवान बुद्ध ने तर्क के आधार पर अपनी शिक्षाओं को उपदेशित किया है तथा यह बताया कि प्रत्येक कार्य के पीछे कोई न कोई कारण अवश्य होता है। विशिष्ट अतिथि डाॅ0 लाल जी प्रसाद निर्मल ने बताया कि शान्ति एवं सद्भाव की स्थापना के लिए भगवान बुद्ध के उपदेशों को मानना चाहिए। बुद्ध के उपदेशों को अपनाने से मानव तृष्णा से दूर होगा तथा निर्वाण की ओर अग्रसर होगा। डाॅ0 राहुल बोधि, आल इण्डिया भिक्षु संघ के अनुसंघनायक ने कहा कि वैश्विक शान्ति मानव अस्तित्व के लिए परम् आवश्यक है।
भगवान बुद्ध के उपदेशों को अपनाकर वैश्विक शान्ति आसानी से स्थापित की जा सकती है। निदेशक अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान संस्थान ने भारतीय संस्कृति का दक्षिण पूर्व एशिया एवं फार इस्ट में प्रचार-प्रसार में तथागत बुद्ध की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भारत का संविधान तथा भारतीय विदेश नीति में बौद्ध मत एवं पंचशील का विशेष स्थान है। राजेश चन्द्रा ने अग्ग महापण्डित भदन्त ज्ञानेश्वर के जीवन परिचय तथा उनकी उपलब्धियों पर विस्तृत प्रकाश डाला। अपने अध्यक्षीय भाषण में भदन्त शान्ति मित्र ने बताया कि यह कान्क्लेव भगवान बुद्ध के विचारों को विश्व पटल पर पहुॅचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा तथा आज की ज्वलंत समस्याओं के समाधान में अत्यधिक सहायक होगा। आपने सभी से विपश्यना करने की आवश्यकता पर बल दिया तथा यह भी विचार दिया कि सभी सरकारें धर्म की हांे और पंथ निरपेक्ष हों। इसके परिणाम स्वरूप वैश्विक शान्ति स्थापित होगी और इसका प्रभाव सुदूर दुर्गम क्षेत्रों एवं गाॅव-गाॅव तक फैलेगा।
कान्क्लेव का दूसरा सत्र आफ लाइन आयोजित किया गया तथा तीसरा सत्र आनलान आयोजित किया गया जिनमें कुल 20 से अधिक शोधपत्र प्रस्तुत किये गये। इन शोध पत्रों का संकलन करके प्रकाशित कराया जायेगा और इसकी प्रतियाॅ विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों तथा शोध संस्थानोें के पुस्तकालयों को उपलब्ध करायी जायेंगी। कल दिनांक 21 मार्च, 2021 को प्रातः 10.00 बजे से सत्र आयोजित किये जायेंगे और सायं 5.30 बजे पर सत्रावसान होगा।