फरीदाबाद :(मानवी मीडिया) फरीदाबाद में बहुचर्चित निकिता तोमर हत्याकांड में बुधवार को कोर्ट ने तौशीफ और रेहान को दोषी कऱार दिया। वहीं, अजरू को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। सजा पर 26 मार्च को बहस होगी। यह मामला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरताज बासवाना की फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा था। निकिता तोमर पक्ष के अधिवक्ता ऐदल सिंह ने बताया कि इस मामले में कुल 57 गवाहों की गवाही हो चुकी है। बचाव पक्ष की ओर से वकील अनवर खान, अनीस खान, पीएल गोयल ने आरोपितों के बचाव में विभिन्न पक्ष रखे। 26 मार्च को इस मामले को पूरे पांच माह हो जाएंगे।
हत्याकांड के 11 दिन बाद पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दायर कर दी थी। इस बहुचर्चित मामले के फैसले को लेकर सुबह से ही अदालत परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। जैसे जैसे दिन चढ़ता गया, इस मामले को लेकर फरीदाबाद ही नहंीें बल्कि पूरे देश के लोगों की निगाहें लगी रही। शाम को जब यह फैसला आया, तब जाकर पुलिस ने भी राहत की सांस ली। गौरतलब है कि बीकॉम ऑनर्स की छात्रा निकिता की 26 अक्टूबर-2020 को अग्रवाल कॉलेज के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या की साजिश का आरोप सोहना निवासी तौशीफ, नूंह निवासी रेयान और अजरू पर है। तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इस घटना के बाद काफी हंगामा हुआ था। यह मामला फास्ट ट्रैक अदालत में चलाने की मांग उठी थी, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया था। उधर निकिता तोमर के पिता मूलचंद तोमर का कहना है कि हमें पूरी उम्मीद है कि निकिता के कातिलों को फांसी की सजा होगी। उन्होंने कहा कि हमें कानून के बारे में ज्यादा नहीं पता है, लेकिन हमें न्यायपालिका पर भरोसा है, अगर कातिलों को फांसी की सजा सुना दी जाएगी तो मैं विश्वास करूंगा कि सभी का बलिदान और मेहनत सफल हुई है। तोमर ने कहा कि एक हिंदू लडक़ी को मुस्लिम परिवार में जबरदस्ती शादी करवाने के लिए मार डालना, लव जिहाद की ही बात दिखती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में लव जिहाद पर कानून नहीं बना इसलिए मैं सरकार से निराश हूं. सीएम मनोहर लाल ने वादा किया था कि वो कानून बना रहे हैं, लेकिन अभी तक नहीं बनाया गया। उन्होंने सरकार से विनती की कि निकिता को सम्मान दिया जाए, ताकि उसे याद रखा जाए।