कोलकाता (मानवी मीडिया): यशवंत सिन्हा को तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें तृणमूल कांग्रेस का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही यशवंत सिन्हा को टीएमसी की नेशनल वर्किंग कमेटी का सदस्य बनाया गया है। तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति को निर्णय लेने के लिए पार्टी की सबसे बड़ी समिति माना जाता है। सिन्हा ने पश्चिम बंगाल विधान सभा के लिए 8 चरणों में होने वाले चुनाव से पहले रविवार को TMC का दामन थामा है।यशवंत सिन्हा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रह चुके हैं और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में वे वित्त मंत्री की भूमिका निभा चुके हैं। लेकिन भारतीय जनता पार्टी की मौजूदा सरकार के साथ लंबे समय से उनका मतभेद रहा है और वे कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर सवाल उठा चुके हैं। हालांकि कुछ वर्ष पहले ही उन्होंने ऐलान कर दिया था कि वे किसी भी दल के साथ अब नहीं जाएंगे लेकिन उस ऐलान के बावजूद वे रविवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
इससे पहले पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने ममता बनर्जी को लेकर बड़ा दावा किया था। उन्होंने कहा था, 1999 में कंधार में आईसी-814 विमान के अपहरण के बाद से चल रहे तनाव के बीच, ममता बनर्जी ने बंधकों को रिहा करने के बदले खुद को बंधक के रूप में रखने की पेशकश की थी। सिन्हा ने कहा कि जब इंडियन एयरलाइंस का हवाई जहाज हाईजैक कर लिया गया था और आतंकवादी उसे कंधार ले गए थे, तब कैबिनेट में एक दिन चर्चा हो रही थी तो ममता बनर्जी ने ऑफर किया कि वह स्वयं बंधक बनकर जाएंगी। शर्त ये होनी चाहिए कि बाकी जो बंधक हैं, उनको आतंकवादी छोड़ दें और वो उनके कब्जे में चली जाएंगी। उसके बाद जो कुर्बानी देनी होगी, वो देश के लिए देने को तैयार होंगी। सिन्हा ने यह भी कहा था कि ममता बनर्जी अपने शुरुआती दिनों से एक 'फाइटर' रही हैं और उनमें अभी भी लड़ने का जज्बा बरकरार है।