वाशिंगटन (मानवी मीडिया): अगर आपका मन भर जाये व रोने का मन करे तो जी भरकर रोइए, क्योंकि साइंटिस्ट्स ने ऐसी ग्रंथियां बनाई हैं जिनकी बदौलत आप ढेर सारे आंसू निकाल सकते हैं। इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है। बल्कि इससे आपको फायदा होगा। ज्यादा आंसू निकलने से आंखें साफ रहेंगी। आंसू से संबंधित बीमारियां दूर रहेंगी।
जानकारी के अनुसार नीदरलैंड्स के ह्यूब्रेच इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंटल बायोलॉजी एंड स्टेम सेल और प्रिंसेस मैक्सिमा सेंटर फॉर पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी के वैज्ञानिकों ने इन आंसू ग्रंथियों को विकसित किया है। वैज्ञानिकों के लीडर हांस क्लेवर्स ने बताया कि सबसे बड़ी चुनौती थी ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित करना जिससे आंखों के चारों तरफ के गट्स बन सकें। क्योंकि आमतौर पर ये गट्स हर पांच दिन बाद अपनी लेयर बदलते हैं, लेकिन हांस की टीम ने इसमें सफलता हासिल की है। हांस क्लेवर्स की टीम ने गट टिश्यू के छोटे टुकड़े लिए। उन्हें स्टेम सेल और प्रोटीन से भरा। ताकि कोशिकाओं का विकास देखा जा सके। उम्मीद जताई जा रही थी कि स्टेम सेल्स पूरी तरह से विकसित हों और ये सामान्य आंसू की ग्रंथियों की तरह काम कर सकें। साइंटिस्ट्स की टीम ने मानव अंगों के कई मिनियेचर यानी मिनी-ऑर्गन्स बनाए हैं। जैसे लिवर, पैंक्रियास, ब्लैडर आदि. स्तनधारी जीवों से लेकर सरिसृपों तक। हांस की टीम ने सबसे पहले चूहे की आंसू ग्रंथियां बनाईं। फिर वो इंसान की तरफ बढ़े। आंसू की ग्रंथियां सिर्फ रोते समय पानी निकालने का काम नहीं करतीं, बल्कि आंखों को कई तरह से सुरक्षित रखती हैं। वैज्ञानिकों ने बनाई दुनिया की पहली बायोनिक आंख जो जन्मजात दृष्टिहीनता को ... हांस ने बताया कि इन ग्रंथियों से निकलने वाला पानी कॉर्निया की नमी बनाकर रखता हैं। आंखों का लुब्रिकेशन करता है। जलन और संक्रामण से बचाती है। साथ ही आंखों को पोषण देता है, लेकिन जब कोई दुखी होता है, खुश होता है, चोट लगने पर, कुछ चुभने पर या आंखों में बाल या धूल जाने के बाद दिमाग इन आंसू की ग्रंथियों को पानी निकालने का निर्देश देता है