मथुरा (मानवी मीडिया) : अपर सत्र न्यायाधीश सप्तम मथुरा प्रमोद कुमार सिंह द्वितीय ने हत्या के जुर्म में एक महिला समेत चार व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है ।
चारों पर अर्थदण्ड भी लगाया गया है। अभियोजन पक्ष ने आज यहां कहा कि 19 नवबर 2011 को जीतू को उसके पड़ोसी राम सिंह , उसके दोनो बेटे उमेश, महेश व उसकी पत्नी पुष्पा देवी धर से बुलाकर ले गए थे । शाम तक जब जीतू घर नही पहुंचा और उसके परिवारीजनों ने उसके बारे में पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि वह उसे जन्मभूमि के पास छोड़कर आ गए थे। जीतू जब राम सिंह के साथ जा रहा था तो उसे न केवल उसके परिवारीजनों ने देखा था बल्कि पड़ोसी दिनेश कुमार ने भी देखा था।
बाद में 25 नवम्बर को थाना हाईवे क्षेत्र के अन्तर्गत एक बोरे में बन्द लाश मिली जिसे पहने हुए कपड़ों के आधार पर परिवारीजनो ने पहचान लिया। 26 नवम्बर 2011 को इस घटना की रिपोर्ट गोविन्द ने चारों के खिलाफ थाना नरहौली में लिखाई थी।रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राम सिंह और उनका परिवार जो 25 नवम्बर से ही घर में ताला लगाकर गायब हो गए वे अपनी पुत्री राखी के भागने में मृतक का हाथ होने की आशंका में उससे रंजिश मान रहे थे।न्यायाधीश ने डाक्टरी रिपोर्ट, गवाहों के बयान , घरवालों के बयान एवं घटना में प्रयुक्त किये गये चाकू की बरामदगी आदि के आधार पर कल राम सिंह, उसकी पत्नी पुष्पादेवी, उसके बेटों उमेश, एवं महेश को धारा 302/34 आईपीसी में आजीवन कारावास व दस दस हजार का जुर्माना तथा जुर्माना न देने पर 6- 6 माह की अतिरिक्त साधारण सजा दी