मुंबई (मानवी मीडिया) यहां की विशेष अदालत ने प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट के तहत 65 वर्षीय व्यक्ति को उम्रकैद की सजा सुनाई है। ये सजा उक्त व्यक्ति को अपनी बेटी और नाबालिग नातिन से रेप के आरोप में सुनाई गई है। आरोपी को बतौर जुर्माना बेटी को 50 और नातिन को 25 हजार रुपए देने होंगे। इस बाबत पीडि़त महिला ने बताया कि वह अपनी शादी के बाद अपने माता-पिता के साथ ही रह रही थी। महिला के अनुसार उसके पिता, भाई और पति चित्रकार थे। महिला का यौन उत्पीडऩ उसका पिता करता था और इस बारे में पीडि़ता ने अपने पड़ोसी को बताया था। महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि साल 2017 में एक दिन उसकी बेटी जो दूसरी कक्षा में पढ़ती थी, ने उसे बताया कि नाना रात में जब उसके साथ सोते हैं, तो उसके साथ गलत हरकत करते हैं।
बेटी से विवरण सुनने के बाद महिला तुरंत पुलिस स्टेशन पहुंची और अपने पिता के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। सभी सबूतों और तर्कों के बाद न्यायाधीश रेखा एन पंधारे ने आईपीसी की धारा 376 (2) (बलात्कार) और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी को दोषी पाया।