नई दिल्ली(मानवी मीडिया): केंद्र सरकार की बैंकों के निजीकरण की नीति के खिलाफ सोमवार और मंगलवार को बैंक कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर यह हड़ताल हो रही है। हड़ताल के कारण बैंकिंग सिस्टम पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। एटीएम में भी नगदी का संकट गहरा सकता है। बैंक कर्मियों ने हड़ताल को कामयाब करने के लिए पिछले कई दिनों से अभियान चला रखा है। बुधवार से ही बैंकों में कामकाज सामान्य हो पाएगा।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र चौहान ने बताया कि सरकार बैंकों का निजीकरण चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए कर रही है। सरकार की निजीकरण की नीति का असर आम लोगों पर पड़ेगा। दो दिन की सांकेतिक हड़ताल के बाद अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने का भी फैसला हो सकता है।सोमवार और मंगलवार को हड़ताल के दिन सीटीओ चौक पर डीसी कार्यालय के पास प्रदर्शन किया जाएगा। बैंक कर्मियों की एआईबीईए, एआईबीओसी, एनसीबीई, बीईएफआई, आईएनबीईएफ, आईएनबीओसी, एनओबीडब्ल्यू और एनओबीसी सहित अन्य यूनियनें हड़ताल में शामिल होंगी