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Monday, March 22, 2021

आधार कार्ड अब इन कामों के लिए नहीं रहा जरूरी, सरकार ने जारी किए नए नियम

नई दिल्ली  (मानवी मीडिया) सरकार ने पेंशन लेने वाले बुजुर्गों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र पाने के संबंध में नए नियम अधिसूचित किए हैं। अब पेंशनरों के लिए डिजिटल तौर पर जीवन प्रमाण पत्र लेने के लिए आधार को स्वैच्छिक बना दिया गया है। सरकार ने बेहतर प्रशासन संचालन (सामाजिक कल्याण, इनोवेशन, ज्ञान) नियम 2020 के तहत अपनी त्वरित संदेश समाधान वाली ऐप ‘संदेश’ और सार्वजनिक कार्यालयों में हाजिरी लगाने के लिए आधार प्रमाणीकरण को स्वैच्छिक कर दिया है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा 18 मार्च को जारी अधिसूचना में कहा गया है, जीवन प्रमाण के लिए आधार की प्रामाणिकता स्वैच्छिक आधार पर होगी और इसका इस्तेमाल करने वाले संगठनों को जीवन प्रमाणपत्र देने के लिए वैकल्पिक तरीके निकालने चाहिए। इस मामले में एनआईसी को आधार कानून 2016, आधार नियमन 2016 और कार्यालय ज्ञापन और यूआईडीएआई द्वारा समय-समय पर जारी सकुर्लर और दिशानिर्देशों का अनुपालन करना होगा। 

पेंशनरों के लिए जीवन प्रमाण पत्र की शुरुआत तब की गई, जब कई बुजुर्गों को पेंशन लेने के लिए अपनी जीवित होने की सत्यता के लिए लंबी यात्रा कर पेंशन वितरित करने वाली एजेंसी के समक्ष उपस्थित होना पड़ता था। या फिर वह जहां नौकरी करते रहे हैं वहां से उन्हें जीवन प्रमाणपत्र लाना होता था और उसे पेंशन वितरण एजेंसी के पास जमा कराना होता था। डिजिटल तरीके से जीवन प्रमाणपत्र जारी करने की सुविधा मिलने के बाद पेंशनरों को खुद लंबी यात्रा कर संबंधित संगठन अथवा एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने की अनिवार्यता से निजात मिल गई।

लेकिन कई पेंशनरों ने अब इस मामले में शिकायत की है कि आधार कार्ड नहीं होने की वजह से उन्हें पेंशन मिलने में कठिनाई उठानी पड़ रही है अथवा उनके अंगूठे का निशान मेल नहीं खा रहा है। इसके लिए कुछ सरकारी संगठनों ने जहां 2018 में वैकल्पिक रास्ता निकाला था, वहीं अब जारी अधिसूचना के जरिए आधार को डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जारी करने के लिए स्वैच्छिक बना दिया गया है।

 

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