नई दिल्ली (मानवी मीडिया) राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने पेटेंट रहित मधुमेह रोधी दवाओं सहित 81 दवाओं का मूल्य निर्धारित कर दिया है। एनपीपीए ने वॉकहार्ट की ‘इंसुलिन ह्यूमन इंजेक्शन, 200 आईयू/एमएल’ और ‘70 प्रतिशत आइसोफेन इंसुलिन ह्यूमन सस्पेंशन प्लस 30 प्रतिशत इंसुलिन ह्यूमन इंजेक्शन 200 आईयू/एमएल’ का खुदरा मूल्य 106.65 रुपये प्रति एमएल (जीएसटी को छोडक़र) और मेसर्स टॉरंट फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की ‘प्रासुग्रेल हाइड्रोक्लोराइड 10 एमजी (फिल्म कोटेड) प्लस एस्पिरिन 75 एमजी (एंट्रिक कोटेड) कैप्सूल’ की कीमत 20.16 रुपये प्रति कैप्सूल (जीएसटी को छोडक़र) तय कर दी है । ये नई कीमतें 17.03.2021 से लागू हो गई हैं। दोनों दवाएं क्रमश: 132.50 रुपये प्रति एमएल और 27.26 रुपये प्रति कैप्सूल की एमआरपी पर बिक रही थीं।
इस मूल्य नियंत्रण के साथ, एनपीपीए ने जनता को उचित कीमत पर दवाओं की उपलब्धता का फिर से भरोसा दिलाया है। एनपीपीए ने स्वदेशी स्तर पर शोध एवं विकास के माध्यम से विकसित नई दवा आपूर्ति व्यवस्था के क्रम में ‘औषध मूल्य नियंत्रण आदेश (डीपीसीओ), 2013 के पैरा 32 के अंतर्गत संबंधित कंपनियों को उक्त उल्लिखित फॉम्र्यूलेशंस के लिए’ पांच साल की अवधि के लिए कीमत तय करने की छूट दी थी। छूट की अवधि के दौरान मूल्य नियंत्रण लागू नहीं था। एनपीपीए ने 10 मार्च को हुई बैठक में पेटेंट रहित मधुमेह रोधी दवा सहित मौजूद विनिर्माताओं द्वारा लॉन्च की जाने वाली 76 नई दवाओं की खुदरा कीमत भी निर्धारित कर दी है, जिससे मरीजों को पेटेंट समाप्त होने का लाभ पहुंचाने का रास्ता साफ हो गया है। इसके अलावा, एनपीपीए ने एक संक्रमण रोधी फॉम्र्यूलेशन पोविडोन आयोडीन 7.5 प्रतिशत स्क्रब और थॉयराइड से संबंधित बीमारियों के उपचार में इस्तेमाल होने वाली लेवो-थायरॉक्सिन 37.5 एमजी टैबलेट नाम के दो अनुसूचित फॉम्र्यूलेशन का अधिकतम मूल्य तय कर दिया है, जिससे उनकी वर्तमान कीमत में खासी कमी आ गई है। अनुसूचित फॉम्र्यूलेशन के वर्तमान अधिकतम मूल्य में संशोधन थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित है, जिसे प्राधिकरण द्वारा ही मंजूरी दी गई थी। संशोधित कीमतें अप्रैल, 2021 से लागू हो जाएंगी।