लखनऊः ( मानवी मीडिया)कृषि मन्त्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा आज पत्रकार वार्ता की गई जिसमें अपर मुख्य सचिव कृषि, उ0प्र0 शासन डा0 देवेश चर्तुवेदी एवं डा0 ए0पी0 श्रीवास्तव, कृषि निदेशक, उ0प्र0 उपस्थित रहें। कृषि मन्त्री द्वारा कृषि क्षेत्र में सरकार के चार वर्ष की उपलब्धियों का उल्लेख योजनावार किया गया। मन्त्री द्वारा बताया गया कि प्रदेश का वर्ष-2018 में गेहंू, आलू एवं गन्ना उत्पादन देश में प्रथम रहा तथा जब से सरकार आयी है खाद्यान्न का रिकार्ड उत्पादन प्रदेश द्वारा किया जा रहा है। प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर सर्वाधिक खाद्यान्न एवं तिलहन उत्पादन के लिये प्रधानमन्त्री द्वारा कृषि
कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
शाही ने बताया कि सरकार के गठन के तुरन्त बाद राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के 86 लाख लघु/सीमान्त किसानो के 31 मार्च 2016 तक रू0-1.00 लाख की सीमा तक ऋण माफी के लिये रू0 36 हजार करोड़ का प्रावधान कर ऋण माफी सुनिश्चित की गयी। प्रधानमन्त्री किसान सम्मान निधि योजना में अब तक प्रदेश में रू0-27332 करोड की धनराशि 240 लाख से अधिक कृषकों के खातों में हस्तांतरित किया गया, योजना क्रियान्वयन में त्वरित कार्य करने के कारण उत्तर प्रदेश देश में प्रथम रहा जिस हेतु प्रदेश को सम्मानित किया गया। उन्होंने किसान भाईयों के खेत की मृदा परीक्षण हेतु बताया कि सरकार द्वारा 73 जनपदों में मृदा परीक्षण की प्रयोगशाला की स्थापना का कार्य किया गया तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड कृषक को उपलब्ध हो यह सरकार द्वारा सुनिश्चित किया गया। कृषि विभाग अपनी समस्त योजनाओं का अनुदान डीे0बी0टी0 के माध्यम से प्रदान करने वाला पहला विभाग। वर्ष-2017 से पूर्व मात्र 24.63 लाख कृषकों को रू0-245.53 करोड का अनुदान बैंक खातों के माध्यम से उपलब्ध कराया गया जबकिं वर्तमान मे ं सरकार के गठन से अब तक 83.16 लाख कृषको के खातों में रू0-1918.30 करोड अनुदान के रूप में भेजे गये जो लगभग 3.5 गुने से ज्यादा कृषकों को सरकार द्वारा लाभान्वित किया गया। कृषि यंत्रीकरण में फार्म मशीनरी बैंक एवं कस्टम हायरिंग में सेन्टर की इन चार वर्षांे में 6793 सेन्टर की स्थापना तथा 21985 सोलर इटिगेशन पम्प की स्थापना करायी गयी। कोविड महामारी के दौरान लाॅकडाउन में कृषि विभाग द्वारा किसान भाईयों को समय से बीज खाद आदि उपलब्धता सुनिश्चित की गयी तथा खेत की फसल की कटाई, दवाई आदि के कार्य बाधित न हो इसलिए सरकार द्वारा कम्बाइन्ड हार्डजेस्टर, सर्विस सेन्टर एवं बीज व खाद केन्द्र आदि को छुट प्रदान की गयी।
कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा प्रदेश में जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए कलस्टर अप्रोच पर कार्य किया जा रहा है इसके अतिरिक्त नमामि गंगे योजना अंतर्गत प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए गया यात्रा अभियान 27 जनपदों में चलाया गया। सरकार द्वारा चार वर्षो में एम0एस0पी0 (समर्थन मूल्य) पर गेंहूॅ में कुल 162.71 लाख मै0 टन तथा धान में 211.58 लाख मै0 टन की रिकार्ड खरीद की गयी। समर्थन मूल पर दलहन-तिलहन का क्रय की व्यवस्था भीे सुनिश्चित की गयी।
सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड के समस्त जनपद में आच्छादन बढ़ाने हेतु 80 प्रतिशत अनुदान पर किसान भाइयों को बीज उपलब्ध कराया जा रहा है तथा सिंचाई हेतु 50 प्रतिशत अनुदान पर खेत तलाब योजना संचालित है।
शाही ने बताया कि किसान भाइयों तक नई तकनीकी योजना की जानकारी पहुॅचाने के उद्देश्य से प्रदेश में पहली बार वर्ष-2018 में कृषि कुम्भ का आयोजन किया गया जिनमें 1.00 लाख कृषकों द्वारा सहभाग किया गया। किसान तक तकनीकी एवं नई जानकारी के प्रसार के लिए 6 मार्च 2021 से किसान कल्याण मिशन चलाया गया जिनमें कृषि एवं अन्य विभागो द्वारा मौके पर कृषकों को तकनीकी जानकारी, योजनाओं से सम्बन्धित स्वीकृति पत्र/प्रमाण पत्र/लाभ प्रदान किया गया। द मिलियन फारमर स्कूल (किसान पाठशाला) के माध्यम से 76000 से अधिक गांव में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर किसानो को तकनीकी जानकारी उपलब्ध करायी
गयी। दिनांक-21.03.2021 को प्रदेश के समस्त विकास खण्ड में मिशन किसान कल्याण का आयोजन कराया जा रहा है। सरकार द्वारा कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान पर बल देते हुए कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना का कार्य तेजी से कराया गया एवं कई केन्द्रों को सेन्टर आफ एक्सेीलेन्स के रूप में विकसित किया जा रहा है।
अन्त में मन्त्री द्वारा कहा गया कि सरकार किसानो के हित में तेजी से निर्णय ले रही है- इसी क्रम में वर्तमान में सरकार द्वारा सिंचाई परियोजनाओं के लिये रू0-35 हजार करोड का प्रावधान किया गया है। जिससे 16 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जा सके। जिसका लाभ सीधे हमारे किसान भाईयों को प्राप्त होगा।