लखनऊ (मानवी मीडिया): बाराबंकी जिले के एक गांव में एएनएम को भेजकर कोरोना वैक्सीन लगवाने का हैरतअंगेज मामला प्रकाश में आया है। जानकारी के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। सीएमओ ने सीएचसी अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी कार्यालय से संबद्ध कर दिया है। इसके साथ ही गांव जाकर टीका लगाने वाली एएनएम की संविदा समाप्त करने की संस्तुति की गई। प्रकरण की जांच एसीएमओ को सौंपी गई है।सीएचसी रामनगर में तैनात अधीक्षक डॉ. राजीव दीक्षित पर आरोप है कि उन्होंने कोविड नियमों को दरकिनार करते हुए बीते बुधवार को एएनएम को सैदनपुर गांव भेजकर कई लोगों को कोरोना का टीका लगवा दिया। विभाग के अधिकारी कई दिनों तक यह मामला दबा रहे थे। सूचना डीएम और सीएमओ तक पहुंचने पर हड़कंप मचा तो कार्रवाई करनी पड़ी।
फ्रंट लाइन, हेल्थ केयर वर्करों को लगी कोरोना की वैक्सीन | एएनएम नसीम सुल्ताना का कहना है कि वह सीएचसी अधीक्षक के कहने पर सैदनपुर गांव में टीका लगाने के लिए गई थी। गांव में 20 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई है। इस गांव से 22 लोगों ने कोरोना वैक्सीन के लिए पंजीकरण कराया था। कोविड वैक्सीनेशन में भयंकर लापरवाही में डीएम ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सीएमओ को तत्काल मामले में कार्रवाई करने के आदेश दिए। डीएम के आदेश पर सीएमओ ने सोमवार को सीएचसी अधीक्षक डॉ. राजीव दीक्षित को तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटाते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी कार्यालय से संबद्ध कर दिया।इसके साथ ही एएनएम की संविदा समाप्त करने की संस्तुति भी कर दी गई है। सीएमओ द्वारा की गई यह कार्रवाई और वैक्सीनेशन के इस प्रकरण को लेकर सीएमओ कार्यालय में पूरे दिन तरह-तरह की चर्चाएं होती रहीं। उधर, सीएचसी अधीक्षक का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं है कि उक्त एएनएम कब गांव में कोरोना का टीका लगाने चली गई। मुझ पर एएनएम को गांव भेजने का जो आरोप लगाया जा रहा है वह पूरी तरह से निराधार है।