मुख्यमंत्री ने उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड मंे पंजीकृत निर्माण
श्रमिकों की पुत्रियों के सामूहिक विवाह कार्यक्रम में प्रतिभाग किया
श्रमिक राष्ट्र का निर्माता है, इसलिए उसके सुख-दुःख में सहभागी बनना
किसी भी लोक कल्याणकारी सरकार का पहला कर्तव्य बनता है: मुख्यमंत्री
अपने इसी कर्तव्य का निर्वहन करते हुए प्रदेश सरकार
ने अनेक कल्याणकारी योजनाएं प्रारम्भ की हैं: मुख्यमंत्री
श्रम विभाग द्वारा कन्या विवाह सहायता योजना के अन्तर्गत
बड़ी संख्या में श्रमिकों की कन्याओं का विवाह कराया जा रहा
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का समाज के प्रत्येक तबके ने स्वागत करते हुए इसे सकारात्मक
रूप से स्वीकार किया, जिससे यह योजना बहुत लोकप्रिय हो रही
लॉकडाउन की विषम परिस्थितियां में राज्य सरकार ने ‘भरण-पोषण योजना’ का
संचालन कर 54 लाख श्रमिकों के खातों में पैसा भेजा, ताकि उन्हें कोई दिक्कत न हो
राज्य सरकार ने कोरोना कालखण्ड में समाज के
अन्तिम व्यक्ति तक सहायता पहुंचाने का कार्य किया
कोरोना से बचाव के लिए ‘दो गज दूरी मास्क है जरूरी’ का पालन करना होगा
श्रमिकों के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए सभी मण्डल
मुख्यालयों में अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना करायी जा रही
केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा लागू की गयी अनेक योजनाओं
के माध्यम से श्रमिकों को लाभान्वित किया जा रहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रम विभाग द्वारा कन्या विवाह सहायता योजना के अन्तर्गत बड़ी संख्या में श्रमिकों की कन्याओं का विवाह कराया जा रहा है। पिछले माह जनपद मुरादाबाद में आयोजित ऐसे ही एक कार्यक्रम में 2700 से अधिक जोड़ों का विवाह हुआ था, जबकि आज यहां 3507 जोड़ों का विवाह संस्कार सम्पन्न हुआ है। आज इस कार्यक्रम के माध्यम से अनेक परिवारों को कन्यादान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने सभी नवदम्पत्तियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के माध्यम से सभी पात्र लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाता है, चाहे वे किसी भी जाति, समुदाय से आते हों। इस योजना का समाज के प्रत्येक तबके ने स्वागत करते हुए इसे सकारात्मक रूप से स्वीकार किया है, जिससे यह योजना बहुत लोकप्रिय हो रही है। इस योजना के तहत पात्र लाभार्थी को 51,000 रुपये की सहायता राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध करायी जाती है। अब तक लगभग पौने दो लाख कन्याओं की शादी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत सम्पन्न हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष पूरा देश कोरोना से जूझ रहा था। लॉकडाउन के समय विषम परिस्थितियां उत्पन्न हुईं। राज्य सरकार ने सबसे पहली योजना ‘भरण-पोषण योजना’ का संचालन कर 54 लाख श्रमिकों के खातों में पैसा भेजा था, ताकि उन्हें कोई दिक्कत न हो। इसके बाद सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत गरीबों को खाद्यान्न और गैस सिलेण्डर उपलब्ध कराए थे। साथ ही, पात्र लाभार्थियों को वृद्धावस्था, विधवा तथा दिव्यांगजन पेंशन उनके खातों में अग्रिम भेजी गयी, ताकि वे असहाय न महसूस करें। राज्य सरकार ने कोरोना कालखण्ड में समाज के अन्तिम व्यक्ति तक सहायता पहुंचाने का कार्य किया था।
मुख्यमंत्री ने कोरोना से बचाव की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि अभी भी ‘दो गज दूरी मास्क है जरूरी’ के मंत्र का पालन करना होगा। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों से इसका पालन करने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए सभी मण्डल मुख्यालयों में अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना करायी जा रही है। इनमें श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क पढ़ाई के साथ-साथ रहने-खाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। यह विद्यालय श्रमिकों के बच्चों की ऊर्जा और प्रतिभा का उपयोग समाज व राष्ट्र की प्रगति में किये जाने का माध्यम बनेंगे। यह विद्यालय श्रमिकों के बच्चों को आधुनिक शिक्षा उपलब्ध कराएंगे।
मुख्यमंत्रीने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा लागू की गयी अनेक योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों को लाभान्वित किया जा रहा है। श्रमिकों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं लागू की गयी हैं। श्रमिक श्रेणी में आने वाले प्रवासी, निवासी, पल्लेदार, कुली इत्यादि को सामाजिक सुरक्षा देने के उद्देश्य से 02 लाख रुपये का बीमा कराया जाएगा। इसके अलावा, आयुष्मान भारत योजना तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 05 लाख रुपये तक की चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध करायी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करते हुए लगातार कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि निर्माण सेस से प्राप्त होने वाली धनराशि से निर्माण श्रमिकों के लिए आवास की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने श्रमिकों के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा लागू की गयी विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए सभी श्रमिकों को इनसे जुड़ने का आह्वान किया।
कार्यक्रम को श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, विधायी एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक, महिला कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह तथा श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री मनोहर लाल मन्नु कोरी ने भी सम्बोधित किया। अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चन्द्रा ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम के दौरान शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक मौजूद थे।