लखनऊ (मानवी मीडिया): उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए आज आदेश दिया कि प्रदेश में सीटों के आरक्षण में साल 2015 को ही बेस ईयर बनाया जाए। अदालत ने कहा कि राज्य में 25 मई तक सभी चुनाव कराए जाएं। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आदेश दिया है कि इस पूरी प्रक्रिया को 27 मार्च तक पूरा किया जाए और आगे चुनावों की तैयारी कर दी जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि साल 2015 को मूल वर्ष मानते हुए सीटों पर आरक्षण लागू किया जाए। इसके पूर्व राज्य सरकार ने स्वयं कहा कि वह वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए तैयार है। इस पर न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी व न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने 25 मई तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न कराने के आदेश पारित किए हैं।लॉकडाउन में शराब की दुकानें खुली रहेंगी या नहीं? गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अदालत में कहा गया कि राज्य सरकार को पंचायत चुनाव में 2015 को बेस ईयर बनाने में कोई दिक्कत नहीं है। दरअसल, याचिकाकर्ता अजय कुमार की याचिका के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव की फाइनल सूची पर रोक लगाई थी। अदालत ने यूपी सरकार, चुनाव आयोग से जवाब मांगा था। आरक्षण को लेकर दायर की गई याचिका में 11 फरवरी 2021 के यूपी शासनादेश को चुनौती दी गई। याचिका में कहा गया है कि पंचायत चुनाव में आरक्षण लागू किए जाने सम्बंधी नियमावली के नियम 4 के तहत जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत व ग्राम पंचायत की सीटों पर आरक्षण लागू किया जाता है।