नई दिल्ली (मानवी मीडिया): सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मुस्लिम महिला कानून 2019 के तहत अपराध के आरोपी को अग्रिम जमानत देने पर कोई रोक नहीं है। न्यायालय ने हालांकि कहा कि अदालत को अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार करने से पहले शिकायतकर्ता महिला का पक्ष भी सुनना होगा। इस कानून के तहत मुस्लिमों में एक ही बार में ‘तीन तलाक’ कहकर शादी तोड़ देने की प्रथा दंडनीय अपराध के दायरे में आ गई है।शीर्ष अदालत ने कहा, कानून के प्रावधानों के तहत पत्नी को तीन तलाक कहकर रिश्ता तोड़ देने वाले मुस्लिम पति को तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है। न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कानून की संबंधित धाराओं और सीआरपीसी के प्रावधानों का जिक्र किया जो व्यक्ति की गिरफ्तारी की आशंका होने पर उसे जमानत देने से जुड़े निर्देशों से संबंधित हैं।
Post Top Ad
Sunday, January 3, 2021
तीन तलाक कानून में अग्रिम जमानत पर रोक नहीं
नई दिल्ली (मानवी मीडिया): सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मुस्लिम महिला कानून 2019 के तहत अपराध के आरोपी को अग्रिम जमानत देने पर कोई रोक नहीं है। न्यायालय ने हालांकि कहा कि अदालत को अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार करने से पहले शिकायतकर्ता महिला का पक्ष भी सुनना होगा। इस कानून के तहत मुस्लिमों में एक ही बार में ‘तीन तलाक’ कहकर शादी तोड़ देने की प्रथा दंडनीय अपराध के दायरे में आ गई है।शीर्ष अदालत ने कहा, कानून के प्रावधानों के तहत पत्नी को तीन तलाक कहकर रिश्ता तोड़ देने वाले मुस्लिम पति को तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है। न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कानून की संबंधित धाराओं और सीआरपीसी के प्रावधानों का जिक्र किया जो व्यक्ति की गिरफ्तारी की आशंका होने पर उसे जमानत देने से जुड़े निर्देशों से संबंधित हैं।
Tags
# दिल्ली /अन्य राज्य
About Manvi media
दिल्ली /अन्य राज्य
Tags
दिल्ली /अन्य राज्य
Post Top Ad
Author Details
.