गोरखपुर में घटा इनसेफ्लाईटिस का प्रकोप, रोगियो का संख्या में कमी आई - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Friday, January 8, 2021

गोरखपुर में घटा इनसेफ्लाईटिस का प्रकोप, रोगियो का संख्या में कमी आई

प्रदेश के समस्त जनपदों में सम्पादित हुई जे.ई., ए.ई.एस. तथा संक्रामक रोगों का प्रसार रोकने की गतिविधियों

वर्ष में तीन बार चला विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान, जिसके साथ-साथ चला दस्तक अभियान

गोरखपुर में घटा इनसेफ्लाईटिस का प्रकोप, रोगियो का संख्या में कमी आई

जांच, निदान के साथ-साथ उपचार व्यवस्थाएं सुदृढ़ हुई

-प्रमुख सचिव, वी0 हेकाली झिमोमी


लखनऊ: (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश  चिकित्साएवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा गतवर्ष 2020 में समस्त जनपदों में जापानी इन्सेफ्लाईटिस, एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस तथा अन्य संक्रामक रोगों का प्रसार रोकने की गतिविधियों सम्पादित की गई। इसके लिए वर्ष में तीन बार प्रदेश के सभी 75 जनपदों में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया गया जिसके साथ-साथ दिमागी बुखार पर नियंत्रण के लिए दस्तक अभियान भी सभी 75 जनपदों में चलाया गया।

ये जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग वी0 हेकाली झिमोमी ने अवगत कराया कि घर-घर जाकर इन रोगों से बचाव की जानकारी, आवश्यक उपाय और चिकित्सा के बारे में जागरूक करके व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया गया, जिसके परिणाम स्वरूप इन रोगों पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सका है। उन्होंने अवगत कराया कि ये गतिविधियां वर्ष 2018 से प्रारम्भ होकर निरंतर जारी हंै। उन्होंने इसी क्रम में वर्षवार 2015 से आंकड़े देते हुए बताया कि ए.ई.एस.के. वर्ष 2015 में कुल रोगी 2900 मृतक 491, वर्ष 2016 में रोगी 3911 मृतक 641, वर्ष 2017 में रोगी 4724 मृतक 655, वर्ष 2018 में रोगी 3077 मृतक 248, वर्ष 2019 में रोगी 2185 मृतक 126 थे। वर्ष 2017 से रोगियों में निरन्तर कमी आई और वर्ष 2020 में रोगियों की संख्या घटकर 1624 हुई और मृत्यु के आंकड़े में भी गिरावट दर्ज हुई, जो कि घटकर 79 दर्ज हुई।

प्रमुख सचिव वी0 हेकाली झिमोमी ने वर्ष 2020 में जे.ई. के घटे प्रकोप की जानकारी देते हुए वर्ष 2015 से 2020 तक का विवरण सामने रखा है। उन्होंने बताया है कि जे.ई. के पुष्ट रोगी वर्ष 2015 में 355, मृतक 47, वर्ष 2016 में 442 रोगी, मृतक 74, वर्ष 2017 में रोगी 693, मृतक 93, वर्ष 2018 में रोगी 329, मृतक 30, वर्ष 2019 में रोगी 235, मृतक 21 थे। वर्ष 2020 में इस प्रकोप में भारी गिरावट आयी और पुष्ट रोगियों की संख्या घटकर 95 तथा मृतकों की संख्या न्यून होकर 09 दर्ज हुई। वर्ष 2015 में प्रदेश में जे.ई. का प्रकोप को रोगियों का प्रतिशत जहां 12.24 प्रतिशत था वो 2020 में घटकर 5.85 प्रतिशत रह गया है।

उन्होंने जानकारी दी है कि प्रदेश सरकार के अथक प्रयासों से पूर्वी उ0प्र0 के जनपदों में जनपद स्तर एवं ब्लाक स्तर पर जांच, निदान के साथ-साथ उपचार व्यवस्थाएं सुदृढ हुई हैं। ए.ई.एस. रोग के उपचार हेतु पी0आई0सी0यू0, मिनी पी0आई0सी0यू0 एवं ई0टी0सी0 स्थापित किये गये, जिसके फलस्वरूप बी0आर0डी0 मेडिकल कालेज, गोरखपुर में भर्ती होने वाले ए0ई0एस0 रोगियों की संख्या में प्रभावी कमी आई एवं रोगियों की मृत्यु में भी कमी आई।

प्रमुख सचिव ने अवगत कराया कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियानों के कारण आज जनता में ऐसे रोगों के प्रति बड़े स्तर पर जागरूकता का प्रसार हुआ है और लोगों की ऐसी बीमारियों के लिए शीघ्र चिकित्सा और बचाव संबंधी जानकारियां हासिल होने से रोगियों में प्रभावी कमी और रोग मृत्यु दर में कमी आयी। इस संबंध में प्रदेश सरकार के कार्यों को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा जा रहा है।


Post Top Ad