खगड़िया (मानवी मीडिया): बिहार के खगड़िया जिले में एक हॉस्पिटल में डॉक्टर की लापरवाही की वजह से मां और बच्चें दोनों की मौत हो गई। ये मामला जिला के महेशखुंट थाना इलाके की एक प्राइवेट क्लिनिक का है। यहां एक गर्भवती महिला का प्रसव के दौरान ऑपरेशन करना पड़ा। तभी ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने बच्चे का सिर ही काट दिया है। जिससे तुरंत ही नवजात की मौत हो गई। फिर कुछ देर बाद प्रसूता महिला की भी मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने प्रसव के दौरान डॉक्टर द्वारा लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा करते हुए एनएच 107 को जाम कर दिया।
सूचना पर मौके पर पहुंचे प्रशासनिक और पुलिस टीम ने कार्रवाई का आश्वासन देते हुए महेशखूंट स्थित टाटा इमरजेंसी हॉस्पीटल को सील कर दिया गया। वहीं पीड़ित के आवेदन पर थाना में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। जानकारी के मुताबिक पसराहा थानाक्षेत्र के महदीपुर निवासी अमित कुमार की पत्नी चांदनी देवी को 11 जनवरी को रेफरल अस्पताल गोगरी प्रसव कराने के लिए गया था लेकिन बच्चा उल्टा होने के कारण वहां पर तैनात एएनएम ने बेहतर इलाज के लिए महेशखूंट के टाटा इमरजेंसी हॉस्पीटल में प्रसव कराने के लिए भेज दिया गया। उसके बाद अस्पताल आने के साथ ही डाक्टर ने सर्जरी कर प्रसव कराने की बात कही। बिहार के खगड़िया में जच्चा-बच्चा की मौत के बाद अस्पताल के बाहर जमा भीड़पीड़ित परिजनों ने बताया कि टाटा इमरजेंसी हॉस्पीटल में डॉक्टर ने ऑपरेशन के एवज में एक लाख रुपये की मांग की। इसके बाद सुबह महिला के प्रसव कराने की बात कही। इस बीच पीड़ा बढ़ने पर रात में ही महिला का प्रसव कराया जाने लगा। इस दौरान बच्चा के शरीर का नीचे का भाग बाहर आ गया। सिर बाहर नहीं आने के कारण नवजात का गला काटकर धर से अलग कर दिया गया। बाद में महिला के पेट का ऑपरेशन कर बच्चे का कटा सिर निकाला गया। ऑपरेशन के कुछ देर के बाद ही महिला की भी मौत हो गई। हालांकि इस बीच डॉक्टरों ने चालाकी दिखाते हुए प्रसूता की हालत गंभीर होने की बात कह रेफर कर दिया। वे लोग मरीज को लेकर बेगूसराय के लिए रवाना हो गए। इसी दौरान रास्ते में देखा कि चांदनी की मौत हो गई है।इसके बाद परिजनों ने शव को वापस लेकर महेशखूंट स्थित टाटा इमरजेन्सी हॉस्पीटल पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। इधर घटना की सूचना मिलने के बाद गोगरी एसडीओ सुभाषचंद्र मंडल, सीओ रविन्द्रनाथ पुलिस बल पहुंचकर आक्रोशित परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया। इधर अस्पताल संचालक डॉ प्रियरंजन ने कहा कि मरीज को रेफर कर दिया गया था। रेफर करने के बाद घटना हुई। आरोप बेबुनियाद है। इधर एसडीओ सुभाषचंद्र मंडल ने बताया कि महेशखूंट स्थित टाटा इमरजेंसी हॉस्पीटल को सील कर दिया गया है। वहीं पीड़ित के आवेदन पर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।