नई दिल्ली(मानवी मीडिय) : कोरोना का प्रकोप हर देश में जारी है। इस वायरस की वजह से इस साल बजट डॉक्यूमेंट्स प्रिंट नहीं किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि 1947 के बाद से यह पहली बार होगा, जब बजट डॉक्यूमेंट्स को प्रिंट नहीं किया जाएगा। लोकसभा और राज्य सभा सचिवालय ने सांसदों से अनुरोध किया है कि वे इस साल बजट डॉक्यूमेंट्स की सॉफ्टकॉपी का ही इस्तेमाल करें। प्रिंटेड नहीं इस बार सिर्फ डिजिटल होगा आम बजट और इकोनॉमिक सर्वे -
एक अखबार में लगी खबर से इस बारे में जानकारी ली गई है। रिपोर्ट के मुताबिक यह फैसला प्रिंटिंग प्रोसेस के दौरान कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लिया गया है। 26 नवंबर 1947 को पहली बार यूनियन बजट के लिए बजट डॉक्यूमेंट्स प्रिंट किए गए थे। इसके बाद से हर साल बजट के लिए इन डॉक्यूमेंट्स को प्रिंट किया जाता है। हर साल वित्त मंत्रालय 'हलवा सेरेमनी' का आयोजन करता है।2021 होगा इसबार बहुत खास, 1947 के बाद पहली बार नहीं होगी बजट दस्तावेजों की छपाई! - प्रिंटिंग में काम करने वाले कर्मचारियों को हलवा भी बांटा जाता है। इसके बाद ही बजट से जुड़े डॉक्यूमेंट्स की प्रिंटिंग की जाती है। यह काम नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में किया जाता है।