योगी के गृह जिले में ही महिलायें उपेक्षा की शिकार : प्रियंका - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Wednesday, January 13, 2021

योगी के गृह जिले में ही महिलायें उपेक्षा की शिकार : प्रियंका


लखनऊ (मानवी मीडिया) : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुये आरोप लगाया है कि मिशन शक्ति के प्रचार के नाम पर करोड़ों रूपये बहाने वाली सरकार के मुखिया के गृह जिले में ही महिलायें उपेक्षा का सामना कर रही हैं। वाड्रा ने बुधवार को फेसबुक पोस्ट के जरिये मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुये कहा “उप्र के मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र से आई खबर पढ़कर आपको अंदाजा लगेगा कि जिस सिस्टम ने अभी कुछ दिनों ही पहले महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चलाए गए ‘मिशन शक्ति’ के नाम पर झूठे प्रचार में करोड़ों रुपए बहा दिए, वो सिस्टम जमीनी स्तर पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर इस कदर उपेक्षित रवैया अपनाए हुए है। इस खबर के अनुसार गोरखपुर में पिछले दिनों 12 से अधिक लड़कियों की मौत के मामले आए। इन अपराधों में सजा दिलाना तो दूर कुछ मामलों में पुलिस मृत लड़कियों की पहचान तक नहीं कर पाई।”

 उन्होने लिखा “ उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हर दिन औसतन 165 अपराध होने के मामले होते हैं। पिछले दिनों ऐसे सैंकड़ों मामले सामने आए जिनमें या तो प्रशासन ने पीड़ित पक्ष की बात नहीं सुनी या फरियादी महिला से ही बदतमीजी कर दी। क्या आप सोच सकते हैं कि जो सरकार महिला सुरक्षा के नाम पर अपनी पीठ थपथपाने के लिए करोड़ों रुपए के विज्ञापन देती हो उस सरकार के थानों में जब महिला शिकायत लेकर पहुंचती है तो थाने में उस पर भद्दी टिप्पणियां की जाती हों और उसके प्रति संवेदना करने के बजाए उसका निरादर किया जाता है।”कांग्रेसी नेता ने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर हाथरस, उन्नाव एवं बदायूं जैसी घटनाओं में यूपी सरकार के व्यवहार को पूरे देश ने देखा। महिला सुरक्षा की बेसिक समझ है कि महिला की आवाज सर्वप्रथम है मगर यूपी सरकार ने बार-बार ठीक इसके उलट काम किया। इससे यह स्पष्ट है कि उनके लिए “बेटी बचाओ” और “मिशन शक्ति” सिर्फ खोखले नारे हैं। महिलाओं की आवाज और उनकी आपबीती को लेकर महिलाओं के प्रति सरकार को अपना व्यवहार बदलना पड़ेगा और महिलाओं के साथ संवेदनशीलता दिखानी पड़ेगी। जब कोई पीड़ित महिला या उसका परिवार आवाज उठाए और सत्ताधारी दल के लोग उस महिला व उसके परिवार पर ही भद्दी टिप्पणियां करने लगें तो इससे घृणित कोई और कार्य नहीं है।उन्होने कहा कि महिला सुरक्षा को सुनिश्चित करने की प्राथमिक शर्त है कि महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को सामने लाना। और इसके लिए महिलाओं की आवाज को आदर से सुनना होगा।

Post Top Ad