नई दिल्ली (मानवी मीडिया) व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को चुनौती देने वाली याचिका पर आज दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दाैरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि 'मैं आपकी परेशानी समझ नहीं पा रहा हूं। अगर आपको लगता है कि वॉट्सऐप आपका डेटा सुरक्षित नहीं रखेगा तो उसे डिलीट कर दीजिए।' कोर्ट ने कहा कि क्या आप मैप या ब्राउज़र इस्तेमाल करते हैं? उसमें भी आपका डाटा शेयर किया जाता है। कोर्ट में याचिकाकर्ता एडवोकेट मनोहर लाल ने कहा कि उन्होंने इस बारे में केंद्र सरकार को लिखा है मगर कोई जवाब नहीं मिला। याचिकाकर्ता ने कहा कि इस संबंध में कोई कानून होना चाहिए। जब अदालत ने पूछा कि कौन सा डेटा खतरे में है तो लाल ने कहा कि 'सबकुछ'। जब लाल ने कहा कि वॉट्सऐप उनके व्यवहार का एनालिसिस करती है तो जस्टिस संजीव सचदेवा की बेंच ने कहा कि सभी प्लेटफॉर्म्स ऐसा करते हैं।
अदालत में व्हाट्सएप की ओर से मुकुल रोहतगी ने दलील दी, उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल पूरी तरह से सुरक्षित है और लोगों की निजता का ध्यान रखा जा रहा है। व्हाट्सएप की प्राइवेसी नीति को लागू करने के खिलाफ एक वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। याचिका में कहा गया है कि ये संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार के खिलाफ है इसलिए हम इस मामले में चाहते हैं कि कड़ा कानून बने। यूरोपीय देशों में इसको लेकर कड़े कानून हैं, इसलिए व्हाट्सएप की पॉलिसी वहां पर अलग है और भारत में कानून सख्त ना होने के कारण आम लोगों के डाटा को थर्ड पार्टी को शेयर करने पर ऐसे एप को कोई दिक्कत नहीं है।दिल्ली हाईकोर्ट