कृषि अधोरचना में १०,००० करोड़ की सम्भावना: कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही - मानवी मीडिया

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Thursday, January 7, 2021

कृषि अधोरचना में १०,००० करोड़ की सम्भावना: कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही

 

लखनऊ (मानवी मीडिया )सीआई आई तथा उत्तर प्रदेश कृषि विभाग द्वारा सम्मिलित रूप से आयोजित कृषि अधोरचना निधि सत्र को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया की समय से भण्डारण, पैकिंग तथा प्रसंस्करण न हो पाने के कारन कृषि उत्पाद पर ३०-३५% बर्बाद होजाता है | अतः कृषि उत्पादन के सन्दर्भ में कृषि अधोरचना अत्यंत महत्वपूर्ण है |

उन्होंने बताया की प्रदेश स्तर पर इससे सम्बंधित कार्यों  की प्रगति एवं निरिक्षण अथवा समीक्षा मुख्य सचिव तथा बैंको द्वारा किया जाएगा |  इस विषय पर और प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया की इस योजना के माध्यम से FPOs , स्टार्ट-उप्स तथा कृषि आधारित सेवादाताओं को लाभ मिलेगा | तथा इसी के साथ वे कटाई, छटाई, प्रसंस्करण आदि सेवाओं की यूनिट लगा सकते है | और इस प्रकार खाद्यान की क्षति को भी काम किया जा सकता है | उन्होंने बताया की चावल के सबसे काम कीमत के उत्पादक होने के बावजूद भी भारत अन्य चावल निर्यातक देशो के मुक़ाबले कम चावल निर्यात कर प|ता है |उन्होंने उल्लेखित किया की कृषि क्षेत्र में वे प्रदेश में अगले ५ वर्षो में १०,००० करोड़ के निवेश की उम्मीद करते है और इसी परिपेक्ष में इंडस्ट्री को प्रदेश में कृषि सम्बंधित बुनियादी ढांचों के निर्माण में निवेश करने के लिए आमंत्रित करते है |  


सत्र को सम्बोधित करते हुए  देवेश चतुर्वेदी, ऊपर मुख्य सचिव, कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया की प्रदेश में बागबानी उत्पाद के सन्दर्भ में भी कृषि अधोरचना का विकास अत्यंत महत्वपूर्ण है | मौजूदा समय में उत्पादान एवं उसके लिए आवश्यक अधोरचना में ८०-९०% का अंतर है | अतः और अधिक से अधिक शीत गृह, भण्डारण, रिपेनिंग चैम्बर इत्यादि के निर्माण की आवश्यकता है | उन्होंने कहा कि इस निधि के लिए सौंपे गए एक लाख करोड़ में से, राज्य को 12,831 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने भारत सरकार से इस योजना की इकाई लागत को बढ़ाने के लिए इसे निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक बनाने का आग्रह किया। उन्होंने आगे बताया कि राज्य के एफपीओ डैशबोर्ड पर काम चल रहा है और दो से तीन सप्ताह में लॉन्च किया जाएगा।    

उद्योग प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए, भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के निदेशक, के आर मीणा ने बताया कि इस योजना के धन शोधन की सुविधा के लिए 21 निजी और सार्वजनिक बैंकों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की मुख्य विशेषताओं को साझा करते हुए, उन्होंने उल्लेख किया कि प्रभावी वित्तपोषण लगभग 5% पर उपलब्ध होगा। उन्होंने आगे बताया कि 7 साल के लिए ब्याज सबवेंशन और क्रेडिट गारंटी उपलब्ध होगी। इसके अलावा, केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं के साथ अभिसरण की भी अनुमति होगी।

CII उत्तर प्रदेश राज्य परिषद के अध्यक्ष  अंकित गुप्ता ने बताया कि कृषि एवं सम्बंधित गतिविधियों का राज्य के GSDP में 25% का योगदान  है और इसलिए यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। उन्होंने कृषि के विकास के लिए पब्लिक-प्राइवेट भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया । उन्होंने आगे सुझाव दिया कि विभाग राज्य में उगाई जाने वाली विभिन्न फसलों के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को एक नवीर के रूप में साझा कराये, जो किसानों के साथ-साथ कृषि उत्पादकों के लिए भी एक संदर्भ बिंदु के रूप में काम करेगा।

CII कानपूर के उपाध्यक्ष एवं शुभम गोल्डी मासाले लिमिटेड के निदेशक  आकाश गोयनका ने कहा कि किसी भी आपूर्ति श्रृंखला में लिंकजेस स्थापित करने से उसकी दक्षता पर कई गुना वृद्धि होती है। इसी तरह, कृषि खंड के लिए मूल्य श्रृंखला बनाने और बढ़ाने की आवश्यकता है। इससे न केवल खाद्य अपव्यय को रोका जा सकेगा बल्कि उपभोक्ताओं के लिए मूल्य स्थिरीकरण और किसानों के लिए बेहतर मूल्य वसूली को भी सक्षम बनाया जा सकेगा।

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