नई दिल्ली (मानवी मीडिया): विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि 26 जनवरी को राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में इस बारे विदेश का कोई गणमान्य मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल नहीं होगा। 55 सालों में ऐसा पहली बार होगा कि भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में किसी दूसरे देश का प्रमुख मुख्य अतिथि नहीं होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पूरे विश्व में फैली कोविड19 महामारी को देखते हुए इस साल 26 जनवरी पर किसी विदेशी मुख्य अतिथि को गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा नहीं बनाने का फैसला किया गया है।
ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन थे मुख्य अतिथि
गणतंत्र दिवस समारोह के के लिए ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि बनाया था, लेकिन उन्होंने अपने देश में कोरोना से बिगड़ते हालात के कारण दौरे को रद्द कर दिया था। ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से निपट रही हो तब किसी नए राष्ट्राध्यक्ष या शासन के प्रमुख को निमंत्रित करना भी आसान कार्य नहीं था। ऐसे में सरकार ने इस साल बिना मुख्य अतिथि के गणतंत्र दिवस मनाने का फैसला किया है।
जानसन बोले थे- रोमांचक वर्ष की होगी शुरुआत
निमंत्रण स्वीकार करते हुए, ब्रिटेन के पीएम ने असीम प्रसन्नता व्यक्त की
और कहा, "मैं ग्लोबल ब्रिटेन के लिए एक रोमांचक वर्ष की शुरुआत में अगले
साल भारत का दौरा करके बिल्कुल खुश हूं, और हमारे द्विपक्षीय संबंधों में
क्वांटम छलांग देने के लिए तत्पर हूं।" प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी और
मैंने इसे हासिल करने का संकल्प लिया है। हालांकि, यूके में कोरोनवायरस के
एक नए तनाव का पता चलने के बाद उनकी यात्रा रद्द होने के बाद, जॉनसन ने
पीएम नरेंद्र मोदी को फोन किया और भारत की यात्रा करने में असमर्थता जताई।
आखिरी बार 1966 में बिना विदेशी मेहमान मनी थी 26 जनवरी
भारत में आखिरी बार विदेशी मुख्य अतिथि के बिना गणतंत्र दिवस समारोह साल
1966 में संपन्न हुआ था। उस वक्त 11 जनवरी को तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल
बहादुर शास्त्री की मृत्यु हुई थी और 24 जनवरी को इंदिरा गांधी ने
प्रधानमंत्री का पद संभाला था। इससे पहले 1952 और 1953 में बिना विदेशी
मेहमान के गणतंत्र दिवस समारोह संपन्न हुआ था।