उच्च शिक्षा विभाग के कार्य कलापों की प्रगति,4 वर्ष कि उपलब्धियों के सम्बन्ध में उपमुख्यमंत्री द्वारा लोकभवन में कांफ्रेन्स - मानवी मीडिया

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Wednesday, January 13, 2021

उच्च शिक्षा विभाग के कार्य कलापों की प्रगति,4 वर्ष कि उपलब्धियों के सम्बन्ध में उपमुख्यमंत्री द्वारा लोकभवन में कांफ्रेन्स

लखनऊ( मानवी मीडिया) वर्तमान सरकार के कार्यकाल का 04 वर्श पूर्ण होने के अवसर पर उच्च षिक्षा विभाग के कार्य कलापों की प्रगति/प्रचार के सम्बन्ध में* 

1- नये राज्य विष्वविद्यालय की स्थापना-

राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विष्वविद्यालय, अलीगढ की स्थापना :- विष्वविद्यालय की स्थापना हेतु जिलाधिकारी, अलीगढ द्वारा तहसील कोल में 27.282 हे0 भूमि निःषुल्क आवंटित की गयी है। राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विष्वविद्यालय, अलीगढ के लिए वित्तीय वर्श 2020-21 में निर्माण कार्य मद में रू0 2000.00 लाख़ का प्राविधान किया गया है तथा रू0 10000.00 लाख की धनराषि निर्माण कार्य हेतु डा0 भीम राव अंबेडकर विष्वविद्यालय आगरा द्वारा प्रदान की गयी है। 

सहारनपुर राज्य विष्वविद्यालय की स्थापना :- विष्वविद्यालय की स्थापना हेतु ग्राम पुवांरका में कृशकों की 17.598 हे0 (43.46 एकड) भूमि क्रय करने के लिए कुल रू0 19,12,22,695/- की धनराषि षासनादेष दिनांक 23.06.2020 निर्गत की जा चुकी है। विष्वविद्यालय में राजकीय महाविद्यालय, पुवांरका की 5.91 एकड भूमि एवं भवन विष्वविद्यालय में आमेलित किया जा चुका है। चौधरी चरण सिंह विष्वविद्यालय मेरठ द्वारा राज्य विष्वविद्यालय, सहारनपुर के भवनों के निर्माण कार्य हेतु रू0 100 करोड़ की धनराषि प्रदान की जा चुकी है। शासनादेश संख्या-1/2021/29/सत्तर-4-2021, दिनांक 04.01.2021 द्वारा रू0 85.00 लाख की वित्तीय स्वीकृति निर्गत की जा चुकी है। 

आजमगढ राज्य  विश्वविद्यालय :- विष्वविद्यालय की स्थापना के लिए आयुक्त आजमगढ मण्डल द्वारा 38 एकड़ सरकारी भूमि आवंटित की गयी है। विष्वविद्यालय के लिए चिन्हित स्थल तक पहुॅच मार्ग के लिए 1.7246 हे0 भूमि तथा 50 एकड भूमि की आवष्यकता के दृश्टिगत 4.7330 हे0 (11.70 एकड़) भूमि कृशकों से सर्किल रेट के चार गुना दर पर क्रय की गयी है। कृशकों की भूमि क्रय के लिए कुल रू0 19,13,69,150/- की धनराषि षासनादेष दिनांक 23.06.2020 द्वारा निर्गत की गयी है। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचाल विष्वविद्यालय द्वारा आजमगढ राज्य विष्वविद्यालय के भवनों के निर्माण हेतु रू0 50 करोड़ की धनराषि प्रदान की गयी है। विश्वविद्यालय के प्रथम फेज में बनने वाले भवनों का आगणन लोक निर्माण विभाग से प्राप्त हो गया है, जो परिक्षणाधीन है। 

2- शोध कार्यों को प्रोत्साहन :-

प्रो0 राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) इंस्टीट्यूट आफ फिजिकल साइन्स आफ स्टडी एण्ड रिसर्च तथा रिसर्च सेण्टर फार रिन्यूएबल एनर्जी एण्ड नैनो साइन्स एण्ड टेक्नोलाजी की स्थापना :- 

वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर में प्रो0 राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) इंस्टीट्यूट आफ फिजिकल साइन्स आफ स्टडी एण्ड रिसर्च तथा रिसर्च सेण्टर फार रिन्यूएबल एनर्जी एण्ड नैनो साइन्स एण्ड टेक्नोलाजी की स्थापना की गयी है। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर में एम.एससी. एवं पीएच.डी. पाठ्यक्रमों के लिए प्रो0 राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल साइंस ऑफ स्टडी एवं रिसर्च तथा रिसर्च सेंटर फॉर रिन्यूएबल एनर्जी एण्ड नैनो साइंस एण्ड टक्नोंलॉजी स्थापित करायी गयी है। इस संस्थान के लिए षासनादेष दिनांक 26.07.2018 द्वारा 32 षैक्षणिक एवं 11 षिक्षणेत्तर पदें का सृजन किया गया।

महायोगी गुरू  गोरक्षनाथ षोध पीठ की स्थापना :-

 पं0 दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विष्वविद्यालय में महायोगी गुरू श्री गोरक्षनाथ षोध पीठ की स्थापना की गयी है। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर में महायोगी गुरु श्री गोरक्षनाथ षोधपीठ स्थापित किये जाने हेतु षासनादेष दिनांक 06.08.2018 द्वारा 15 षैक्षणिक एवं 13 षिक्षणेत्तर पदों का सृजन किया गया है।

पं0 दीन दयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर षोध को बढावा देने के उद्देष्य से प्रदेष के अन्य विष्वविद्यालयों के साथ महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर एवं जननायक चन्द्र्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया में पं0 दीन दयाल उपाध्याय षोधपीठ की स्थापना हेतु प्रत्येक विष्वविद्यालय को रू0 50.00 लाख की धनराषि अवमुक्त की गयी।

इण्टरनेषनल बुद्धिश्ट सेंटर एवं सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन हिन्दुइज्म, बुद्धिइज्म एवं जैनिज्म की स्थापना :-

सिद्धार्थ विष्वविद्यालय, कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर को इण्टरनेषनल बुद्धिश्ट सेंटर एवं सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन हिन्दुइज्म, बुद्धिइज्म एवं जैनिज्म के रूप में विकसित किये जाने हेतु षासनादेष दिनांक 10.08.2018 द्वारा 21 षैक्षणिक एवं 24 षिक्षणेत्तर पदों का सृजन किया गया है।

शोध कार्यों को प्रोत्साहन :-

वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर में प्रो0 राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) इंस्टीट्यूट आफ फिजिकल साइन्स आफ स्टडी एण्ड रिसर्च तथा रिसर्च सेण्टर फार रिन्यूएबल एनर्जी एण्ड नैनो साइन्स एण्ड टेक्नोलाजी की स्थापना की गयी है।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर डी0ए0वी0 कालेज, कानपुर में सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना हुई है।

पं0 दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विष्वविद्यालय में महायोगी गुरू श्री गोरक्षनाथ षोध पीठ की स्थापना की गयी है। 

3- नये राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना :-

प्रदेष में नये 50 राजकीय महाविद्यालयों तथा 01 राजकीय महाविद्यालय में विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय की स्थापना की जा रही है, जिसमें से 48 राजकीय महाविद्यालय तथा 01 राजकीय महाविद्यालय में विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय की स्थापना माननीय मुख्यमंत्री जी की घोशणा से आच्छादित है एवं 02 राजकीय महाविद्यालय उच्चादेश से आच्छादित है। इन 51 राजकीय महाविद्यालयों के अन्तर्गत भवन निर्माण हेतु प्रथम/द्वितीय किश्त की धनराशि निर्गत की जा चुकी है और निर्माण कार्य प्रगति पर है।

राश्ट्रीय उच्चतर षिक्षा अभियान (रूसा) के अन्तर्गत 26 मॉडल राजकीय महाविद्यालय संचालित किए जा चुके है। 

4-  महाविद्यालयों में नवचयनित प्रवक्ताओं की तैनाती :-

    प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में नवचयनित प्रवक्ताओं की तैनाती पारदर्शिता के दृष्टिगत ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से किये जाने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों के प्रवक्ता पद हेतु 272 पदों की संस्तुति प्राप्त हो चुकी है।

5- निजी क्षेत्र में विष्वविद्यालयों की स्थापना तथा षिक्षा की गुणवत्ता में सुधार  :-

राज्य में विश्वविद्यालयों के मध्य प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण सृजित कर शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि हेतु उ0प्र0 स्थित निजी विश्वविद्यालयों के नियमन एवं स्थापना के लिए शासन द्वारा उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम-2019 का प्रख्यापन किया गया है। अधिनियम के अन्तर्गत निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर निजी विश्वविद्यालय की स्थापना की कार्यवाही की जा रही है। दिनांक 17.03.2020 को निजी क्षेत्र में 28 निजी विष्वविद्यालयों की स्थापना हेतु ’’आषय-पत्र’’ निर्गत किये गये है तथा दिनांक 29.09.2020 को 02 और निजी विष्वविद्यालयों की स्थापना हेतु आषय पत्र निर्गत किया गया है।

उच्च षिक्षा विभाग के अन्तर्गत राज्य विष्वविद्यालयों एवं अषासकीय अनुदानित महाविद्यालयों में संचालित स्ववित्तपोशित योजनान्तर्गत पाठ्यक्रमों में तथा अषासकीय अनानुदानित स्ववित्तपोशित महाविद्यालयों में कार्यरत षिक्षकों एवं षिक्षणेत्तर कर्मचारियों के वेतन के मानक आदि के सम्बन्ध में षासनादेष दिनांक 13.03.2020 द्वारा नई व्यवस्थायें लागू की गयी है। 

लखनऊ विश्वविद्यालय (सरकारी गजट) 31 अगस्त, 2020- लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ से सम्बद्व महाविद्यालयों की संख्या 160 है जबकि छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर से सम्बद्व महाविद्यालयों की संख्या 950 है। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर की विस्तृत क्षेत्रीय अधिकारिता होने के कारण सुदूरवर्ती जिलों में रहने वाले छात्रों को भौतिक दूरी अधिक होने के कारण उच्च अध्ध्यन प्राप्त करने में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है सम्बद्व महाविद्यालयों की संख्या में भिन्नता होने के कारण दोनों विश्वविद्यालयों की आय में भिन्नता है। लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ सदैव अभाव में रहता है और वित्तीय सहायता हेतु राज्य सरकार पर निर्भर है, जबकि छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर स्वावलम्बी है। अतएव, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ की क्षेत्रीय अधिकारिता को बढाये जाने और इस प्रकार छात्रों की कठिनाइयों को कम करने तथा उसे स्वावलम्बी बनाने हेतु लखनऊ विश्वविद्यालय में जनपद हरदोई, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, सीतापुर और रायबरेली जिले व छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर में कानपुर नगर, औरैया, इटावा, फर्रूखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात और उन्नाव जिलों को सम्बद्व किया गया है। 

6- पारदर्षिता :-

उच्च षिक्षा विभाग के अन्तर्गत राज्य विष्वविद्यालयों, राजकीय महाविद्यालयों एवं अषासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों को षिक्षकों के षैक्षणिक अभिलेखों के सत्यापन, षिक्षकों के भौतिक सत्यापन हेतु षासनादेष दिनांक 26.06.2020 द्वारा जनपदवार जांच समिति गठित करते हुए जांच कार्यवाही गतिमान है। 

समस्त राजकीय महाविद्यालय एवं अषासकीय अनुदानित महाविद्यालयां के षिक्षकों के नाम, आधार नम्बर, बैंक खाते के विवरण के आधार पर एन0आई0सी0 के माध्यम से डी-डुप्लीकेसी परीक्षण करवाया जा रहा है। 

समस्त उ0प्र राज्य विष्वविद्यालयों द्वारा एन0ओ0सी0 की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है। 

राजकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों की स्थानान्तरण नीति का निर्धारण किया गया है तथा ऑनलाइन स्थानान्तरण की प्रक्रिया प्रारंभ की गयी है। स्थानान्तरण नीति के अन्तर्गत सहायक प्रोफेसर का स्थानान्तरण उनके द्वारा दिए गए विकल्प के अनुसार किये जाते हैं। समस्त स्थानान्तरित शिक्षकों को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर संदेश भेजने तथा ऑनलाइन एकाउन्ट पर आदेश की प्रति उपलब्ध कराने की व्यवस्था विहित की गयी है।

जनहित गारण्टी अधिनियम के अन्तर्गत विभागीय 03 सेवाओं-(1)राज्य की शिक्षण संस्थाओं द्वारा निर्गत शैक्षिक प्रमाण-पत्रों के ऑनलाइन निर्गत किया जाना (2) राज्य की शिक्षण संस्थाओं द्वारा निर्गत शैक्षिक प्रमाण-पत्रों के ऑनलाइन सत्यापन किया जाना (3) राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रमाण-पत्रों को ऑनलाइन निर्गत किया जाना, को लागू किया गया।

उच्च शिक्षा विभाग में प्रक्रिया को सरल एवं पूर्ण पारदर्शी रूप से लागू किये जाने के उद्देश्य से प्रदेश में बी0एड0 पाठ्यक्रम के अतिरिक्त नये महाविद्यालयों को प्रारम्भ करने एवं पूर्व से संचालित महाविद्यालयों में नये पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने हेतु विश्वविद्यालय स्तर पर शैक्षिक सत्र-2020-21 से एन0ओ0सी0 की प्रक्रिया ऑनलाइन निर्धारित की गयी है।

इस क्रम में नये महाविद्यालयों एवं पूर्व से संचालित महाविद्यालयों में नये पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने हेतु विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त करने की प्रक्रिया को पूर्णतः ऑनलाइन करने के संबंध में एन0आई0सी0 के माध्यम से विकसित सॉफ्टवेयर क्रियाशील कर दिया गया और शैक्षिक सत्र-2021-2022 से सम्बद्धता ऑनलाइन ही प्रदान की जायेगी। भूमि के संबंध में अभिलेखों के सत्यापन की आख्या, निरीक्षण आख्या पोर्टल पर ऑनलाइन ही प्रेषित की जायेगी।

शासनादेश दिनांक 13.03.2020 द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के अधीन उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालयों एवं अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों में संचालित स्ववित्तपोषित योजनान्तर्गत पाठ्यक्रमों में तथा अशासकीय अनानुदानित स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के वेतन एवं सेवा शर्तों के मानक आदि के सम्बन्ध में दिशा निर्देश जारी किये गये हैं।

प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में उ0प्र0 लोक सेवा आयोग से अधियाचित 712 पदों के सापेक्ष नवचयनित प्रवक्ताओं की संस्तुतियां प्राप्त हो रही हैं, जिनकी तैनाती ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से कराए जाने की कार्यवाही गतिमान है।

7- ऑनलाइन एन0ओ0सी0 तथा ऑनलाइन सम्बद्धता :-

     उच्च षिक्षा विभाग में प्रक्रिया को सरल एवं पूर्ण पारदर्षी रूप से लागू किए जाने के उद्देष्य से निजी महाविद्यालयों को शैक्षिक सत्र 2020-21 से एन0ओ0सी0 अॅानलाइन प्रदान की जा रही है तथा अगले सत्र से सम्बद्धता भी ऑनलाइन प्रदान की जायेगी। इन पोर्टल को दिनांक 28 अक्टूबर, 2020 को मा0 उपमुख्यमंत्री  द्वारा प्रारम्भ किया गया। अद्यतन एन0ओ0सी0 पोर्टल पर 653 आवेदन प्राप्त हुये है एवं ऑनलाइन सम्बद्धता के सम्बन्ध में 119 आवेदन प्राप्त हुये हैं। 

8- उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत लॉकडाउन अवधि में किए गए महत्वपूर्ण  कार्य :- 

शैक्षिक सत्रों को नियमित करने हेतु प्रभावी कार्यवाही की गयी है। 

उत्तर प्रदेष उच्च षिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी :

 उच्च षिक्षा को वर्तमान सूचना प्रौद्योगिकी के वैष्विक स्तर पर लाने के कल्याणकारी उद्देष्य की ओर एक कदम आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेष के मा0 मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ की अपेक्षा के अनुसार प्रदेष में उच्च षिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं को एक उत्कृष्ट श्रेणी की पाठ्य सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध कराने हेतु मा0 उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेष षर्मा जी द्वारा उ0प्र0 उच्च षिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी का दिनांक 28 अक्टूबर, 2020 को लोकार्पण किया गया। 

कोरोना महामारी के वैष्विक प्रकोप से जब पूरी दुनिया में विकास की गति एकदम मंद पड़ गई है, ऐसे समय में युवा पीढ़ी को प्रगति के नए प्रतिमान को वास्तविकता के धरातल पर चरितार्थ करने का बीड़ा उत्तर प्रदेष सरकार ने उठाया है। 05  सितम्बर, 2020 को उच्च षिक्षा विभाग ने इस पोर्टल का षुभारम्भ करते हुए माह सितम्बर/अक्टूबर, 2020 को ‘‘विद्यादान माह’’ घोषित किया।

एन0आई0सी0 के अधिकारियों द्वारा बहुत कम अवधि में उ0प्र0 उच्च षिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी के लिए पोर्टल तैयार करने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया गया। इनके द्वारा उच्च षिक्षा विभाग तथा विष्वविद्यालयों के षिक्षकों के साथ गुणवत्तापूर्ण समन्वय एवं अनुश्रवण स्थापित किया गया। उत्तर प्रदेष के 23 विष्वविद्यालयों के विषेषज्ञों के सक्रिय योगदान तथा षिक्षा जगत के लगभग 1700 षिक्षाविद्ों  और तकनीकी विषेषज्ञों की सहभागिता और टीमवर्क के फलस्वरूप 73,468 से भी अधिक ई-कन्टेन्ट छात्रों के लिए निःषुल्क उपलब्ध है।

डिजिटल लाइब्रेरी में हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में 134 विषयों के 73,468 ई-कन्टेन्ट्स वर्तमान में उपलब्ध हैं और षिक्षकों द्वारा लगातार ई-कन्टेन्ट तैयार करके अपलोड किये जा रहे हैं। जिसे छात्र-छात्राओं द्वारा 257661 बार देखा गया है। 

नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इण्डिया, आई0आई0टी0, खड़गपुर द्वारा उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी के साथ पार्टनरशिप हेतु अनुरोध किया गया है।  देश भर के छात्र-छात्राओं को उत्कृष्ट शिक्षा पाठ्य क्रम साम्रगी उपलब्ध कराने हेतु उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी एवं नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इण्डिया, आई0आई0टी0, खड़गपुर के मध्य पार्टनरशिप हेतु उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सहमति प्रदान कर दी गयी है।

जनजागरूकता

एन0एस0एस0 स्वयंसेवकों, अभिभावकों एवं विभिन्न षैक्षणिक/कर्मचारी संघों, समाचार पत्रों एवं सोषल मीडिया द्वारा कोविड आपदा से निपटने के लिए बचाव एवं सुरक्षात्मक उपायों के सम्बन्ध में लगभग 75.00 लाख अपीलें अभी तक जारी की गयी है। 

विभिन्न विष्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों द्वारा लॉकडाउन की अवधि में कोरोना वाइरस से बचाव हेतु अन्तर्राश्ट्रीय एवं राश्ट्रीय ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। बुन्देलखण्ड विष्वविद्यालय द्वारा कोविड महामारी पर आयोजित होने वाले वेबिनार का उदघाटन मा0 उप मुख्यमंत्री  द्वारा किया गया जिसमें 500 लोग ऑनलाइन जुड़े एवं 18,000 लोगों ने यू-ट्यूब पर सजीव प्रसारण देखा। 

विद्यार्थियों के मानसिक तनाव को दूर करने हेतु ऑनलाइन काउन्सिलिंग की जा रही है। 

एन0एस0एस0 द्वारा लॉकडाउन अवधि में किए गए कार्य :- 

सभी जिलों में कोविड आपदा के कारण लॉकडाउन के दौरान गतिविधियां की निगरानी एवं रिपोर्टिंग के लिए नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। 

’’मुस्कुराएगा इण्डिया इनीषियेटिव’’ के अन्तर्गत स्वयंसेवकों के मानसिक स्वास्थ्य के दृश्टिगत यूनीसेफ की मदद से सभी जिलों से इच्छुक 310 कार्यक्रम अधिकारियों को काउन्सिलिंग हेतु ऑनलाइन प्रषिक्षित किया गया।

पूरा विश्व जहाँ एक तरफ कोरोना काल की विषम परिस्थितियों से जूझ रहा था, उस समय उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश स्तरीय बी0एड0 संयुक्त प्रवेश परीक्षा वर्ष 2020 दिनांक 09.08.2020 को सफलता पूर्वक सम्पन्न करायी गयी। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा करायी गयी उक्त परीक्षा समुचित देश के लिये मॉडल साबित हुयी। 

9- राश्ट्रीय षिक्षा नीति-2020

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को यथाशीघ्र क्रियान्वित करने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार कृत संकल्प है। इस दिशा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विविध आयामों पर उत्तर प्रदेश के विशेष सन्दर्भ में गम्भीरता से मंथन किया जा रहा है। वर्तमान राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय परिदृश्य के दृष्टिगत विद्यार्थियों के चतुर्दिक विकास एवं रोजगारोन्मुख शिक्षा प्रदान किये जाने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लब्धप्रतिष्ठ विद्वानों से इस पर निरन्तर विचार-विमर्श किया जा रहा है। 

2-     राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को प्रदेश में क्रियान्वयन हेतु बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, प्राविधिक/व्यावसायिक शिक्षा तथा उच्च शिक्षा विभाग को सम्मिलित करते हुए 16 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन मा0 उप मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में किया गया है। राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) बेसिक शिक्षा विभाग जो टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष है। टास्क फोर्स की पाँच बैठकें आहूत् की जा चुकी है। 

3-     प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सफल क्रियान्वयन हेतु  मोनिका एस0 गर्ग, अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा विभाग, उ0प्र0 शासन की अध्यक्षता में 19 सदस्यीय ‘‘स्टीयरिंग कमेटी‘’ का भी गठन किया गया है। कमेटी में राज्य एवं निजी विश्वविद्यालयों के पूर्व कुलपति, कुलपति, संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, निदेशक, उच्च शिक्षा, उ0प्र0 एवं महाविद्यालयों के सह आचार्य सदस्य है। कमेटी की निरन्तर प्रत्येक सोमवार, बुधवार तथा शुक्रवार को वर्चुवल बैठक आयोजित की जा रही है। कमेटी द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की प्रक्रिया पर सारगर्भित विमर्श किया जा रहा है। सदस्यों के मध्य उनकी रूचि एवं कार्यक्षेत्र में विशेषज्ञता के दृष्टिगत कार्ययोजना तैयार करने के लिए अलग-अलग उप विषय तैयार किये गये है।

4-    राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में लक्षित कौशल विकास के उद्देश्य की पूर्ति के साथ-साथ हैण्डलूम/हैण्डीक्राफ्ट, खादी, व्क्व्च् एवं अन्य डैडम् के क्षेत्र में डिजाइन, तकनीक, मार्केटिंग एवं अन्य नवाचार को भी प्रोत्साहन हेतु अपर मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग के साथ एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किए जाने पर मा0 उप मुख्यमंत्री जी द्वारा सहमति प्रदान की गयी है। 

5-    राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन हेतु उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के प्रयोग तथा ऑनलाइन शिक्षा का प्रोत्साहन देने के लिए उत्तर प्रदेश की कार्ययोजना भाग-1 ’’आनलाइन शिक्षा नीति-शिक्षा में तकनीक का प्रयोग’’ समस्त राज्य एवं निजी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में मार्गदर्शी सिद्धान्त परिचालित किया गया है।  इस कार्ययोजना से कोरोना महामारी के कारण अधिकांश विश्वविद्यालयों/ महाविद्यालयों में ऑनलाइन कक्षायें टाइमटेबल का लिंक विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड, टीचर्स ट्रेनिंग, अकादमिक डाटा बैंक, आकांक्षात्मक जनपदों एवं प्रदेश के दूरस्थ अंचलों के राजकीय महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में प्री-लोडेड डिजिटल डिवाइस/टैबलेट उपलब्ध कराए जाने की योजना, राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क की स्थापना तथा ई-सुविधा केन्द्र से प्रदेश के छात्र लाभान्वित होंगे। 

6-    राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रस्तर-17 पर प्रत्येक संस्थान द्वारा अपनी त्मेमंतबी च्वसपबल की घोषणा-शोध के पराम्परागत क्षेत्रों, समकालीन विषयों के चयन के प्रावधान, समाज एवं उद्योग उपयोगी विषयों पर शोध एवं अध्ययन को प्रोत्साहन देने हेतु समस्त राज्य विश्वविद्यालय/महाविद्यालय को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देश दिये गये है।

7-    राश्ट्रीय षिक्षा नीति-2020 के परिपेक्ष्य में प्रत्येक संस्थान द्वारा विद्यार्थिंयों की क्षमताओं की अभिवृद्वि के लिये आवश्यक नए पाठ्यक्रम को निर्धारित/क्रियान्वियन किये जाने के सम्बन्ध में समस्त राज्य/निजी विश्वविद्यालय/महाविद्यालय को सुझाव  देते हुए आवष्यक कार्यवाही के निदेष दिये गये है।

8-    राश्ट्रीय षिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में प्रत्येक उच्च षिक्षण संस्थान द्वारा स्डै;स्मंतपदह डंदंहमउंमदज ैलेजमउद्ध विकसित जाने के सम्बन्ध में समस्त राज्य/निजी विश्वविद्यालय/महाविद्यालय को सुझाव  देते हुए आवष्यक कार्यवाही के निदेष दिये गये है। 

    9- भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहन हेतु प्रदेश में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस एवं भाषा केन्द्रों     की स्थापना :-

    एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना के अन्तर्गत भाषा की अनेकता में एकता को ध्यान में रखते हुये राज्य सरकार द्वारा ब्मदजतम वि म्गबमससमदबम वित स्ंदहनंहमे की स्थापना वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर में की जा रही है, जो प्रदेश में संचालित भाषा केन्द्रों की स्थापना, निगरानी, निरीक्षण एवं मूल्यांकन का दायित्व निभायेगा। प्रदेश में भाषा केन्द्रों की स्थापना से रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। 

    भारत के महान साहित्यकारों द्वारा विभिन्न भाषाओं में प्रणीत ग्रंथ जो ग्रंथालयों में हैं, उनको ज्ञान विज्ञान की दृष्टि से सार्वजनिक मंच पर लाया जायेगा, जिसका अध्ययन एवं अध्यापन छात्रों के मानवीय मूल्यों को जागृत करेगा।   

    10- “उत्तर प्रदेश की साँस्कृतिक धरोहर, परम्परा एवं लोक कला” को प्रोत्साहन देने     हेतु उच्च शिक्षा विभाग द्वारा डॉ0 भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा में सेंटर     ऑफ एक्सीलेन्स स्थापित किया जायेगा :-

उत्तर प्रदेश के प्रमुख क्षेत्रों यथा ब्रज, अवध, बुन्देलखण्ड आदि का पारम्पारिक दर्शन, ललित कलाओं का श्रव्य एवं दृश्य प्रदर्शन, शिक्षण, सामाजिक चेतना में उन्हें सम्माननीय स्थान दिलाना तथा प्रशिक्षुओं को इन लोक कलाओं के माध्यम से जीविकोपार्जन हेतु आत्मनिर्भर बनाना। 

रासलीला, स्वांग, रसिया, सांझी, हस्त कौशल, आदि प्रादेशिक, पारम्परिक कलाओं पर शोध किया जायेगा। 

विश्वविद्यालय के नवनिर्मित संस्कृति भवन में उपरोक्त पाठ्यक्रमों के साथ साथ फिल्म, टी0वी0 एवं डिजिटल माध्यमों के पाठ्यक्रमों को शुरू करने की योजना है। 

प्रथम चरण में पर्यटक गाइड का प्रशिक्षण प्रस्तावित है, जिसके द्वारा न केवल इतिहास अपितु क्षेत्रीय कलाओं तथा वास्तु कला आदि का भी सम्यक ज्ञान उपलब्ध कराया जायेगा।  



10-     शोध एवं अनुसंधान को प्रोत्साहन :- 

शिक्षकों को शोध एवं अनुसंधान के लिये प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रदेश में त्मेमंतबी - क्मअमसवचउमदज च्वसपबल घोषित की गयी है। 

शोध हेतु राष्ट्रीय एवं वैश्विक प्राथमिकता के तथा समकालीन विषयों को प्राथमिकता प्रदान की जायेगी।

मेजर प्रोजेक्ट हेतु रू0 15 लाख तथा माइनर प्रोजेक्ट हेतु रू0 05 लाख की ग्राण्ट प्रदान की जायेगी।

विज्ञान, वाणिज्य एवं प्रबंधन तथा अन्य विषयों हेतु ग्राण्ट (प्रत्येक को 33.3ः) प्रदान की जायेगी

विश्वविद्यालय के साथ-साथ महाविद्यालयों के शिक्षकों को भी ग्राण्ट प्रदान की जायेगी।  

प्रत्येक संस्थान द्वारा शोध एवं अध्ययन हेतु अपने मार्गदर्शी सिद्धान्त बनाने के लिये शासन स्तर से गाइडलाइन्स जारी कर दी गयी है। 


      राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 की संस्तुतियों के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालयों में संचालित एम0फिल0 पाठ्यक्रम को वर्ष 2021-22 से समाप्त किये जाने के आदेश निर्गत किये गये।  


प्री-लोडिड डिजिटल डिवाइस/टैबलेट (च्तम.सवंकमक क्पहपजंस कमअपबमध्जंइसमज)-

        उत्तर प्रदेश के महत्वाकांक्षी जनपद अपेक्षाकृत पिछड़े क्षेत्र है जिनमें छात्र-छात्राएं मोबाइल, इण्टरनेट एवं अन्य ई-लर्निंग से संबंधित सामग्री से सुसज्जित नहीं है। इसी में दृष्टिगत महात्वाकांक्षी उक्त जनपदों के राजकीय महाविद्यालय में अध्यनरत् छात्र-छात्राओं को टैबलेट उपलब्ध कराये जाने की शासन की योजना है, ताकि इन पिछड़े अंचलों के छात्र-छात्रा भी आनलाइन शिक्षण का लाभ प्राप्त कर अपने ज्ञानार्जन में वृद्धि कर सकें। 07 जनपदों फतेहपुर, चित्रकूट, चंदौली, सोनभद्र, श्रावस्ती, सिद्वार्थनगर एवं बलरामपुर के 18 राजकीय महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में प्रीलोडेड टैबलेट उपलब्ध कराये जाने की योजना प्रस्तावित है, जिससे दूरस्थ अंचलों के छात्र भी इण्टरनेट पर उपलब्ध शिक्षण सामग्री को एक्सेस कर सकें। ई-कन्टेन्ट, डिजिटल लाइब्रेरी इत्यादि सुविधाओं का लाभ प्री-लोडेड टैबलेट से किया जा सकता है। इस हेतु महत्वाकांक्षी जनपदों में स्थित राजकीय महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को प्री-लोडेड टैबलेट उपलब्ध कराए जाने की महती आवश्यकता है। 

    विभिन्न शोध अध्ययन यह बताते है कि टैबलेट्स कम्प्यूटर स्किल में वृद्धि करते है तथा शिक्षार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करते है। टैबलेट्स का परिवहन सुविधा जनक होता है छात्र-छात्रा टैबलेट्स के माध्यम से वीडियों, फोटोग्राफस, वाइस रिकोर्डिंग एवं टेस्ट लिटरेचर आसानी से टैबलेट्स में सुरक्षित रख अपने ज्ञानार्जन में वृद्धि कर सकतें है। नवीन शिक्षा नीति 2020 में शिक्षार्थियों हेतु उन्नत तकनीक आधारित सीखने के नए विकल्प उपलब्ध कराने का उल्लेख किया गया है जिसके तहत विभिन्न एप्स, आनलाइन कोर्सेस, माड्यूल, सेटेलाइट बेस्ड टी0वी0 चैनलस, आनलाइन बुक्स एवं ई-लाईब्रेरी इत्यादि सुविधाओं का लाभ प्राप्त करने में छात्र सफल होंगे। 

इसी के दृष्टिगत 07 जनपदों के 18 राजकीय महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में टैबलेट उपलब्ध कराए जाने की योजना प्रस्तावित है, जिनमें पहले से ही पाठ्य सामग्री लोड होगी, उन्हें पुस्तकों की भांति छात्रों को नियत समय के लिये पुस्तकालय से इश्यू किया जायेगा और छात्र अपने घर बैठे ही ऑफलाइन उसका अध्ययन कर सकते हैं, चाहे उन्हें इण्टरनेट की सुविधा ना भी उपलब्ध हो। 07 जनपदों यथा-फतेहपुर, चित्रकूट, चंदौली, सोनभद्र, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर एवं बलरामपुर के 18 राजकीय महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में प्री-लोडेड टैबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे, जिनमें पाठ्यक्रम के अनुरूप सामग्री पहले से उपलब्ध रहेगी। प्रत्येक महाविद्यालय में 8-9 प्री-लोडेड टैबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे। 


ई-लर्निंग पार्क (म.समंतदपदह चंताद्ध


प्रदेश के अनेक राजकीय महाविद्यालय पिछड़े क्षेत्रों में है जहाँ पर आधुनिक तकनीकी संसाधनों की अत्यंत कमी महसूस की जाती है। उत्तर प्रदेश सरकार विशेषकर पिछडे़ क्षेत्र के निर्धन, वंचित छात्र/छात्राओं को शिक्षण कार्य से जुड़ी सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्प है। ऐसे में प्रदेश के 170 राजकीय महाविद्यालयों में से तहसील/ब्लाक स्तर पर संचालित 120 राजकीय महाविद्यालयों में जिनमें अधिकांश छात्र ग्रामीण अंचल के पिछड़े एवं वंचित तबके के हैं, इन साधन विहीन छात्रों को आधुनिक शिक्षण तकनीक से शिक्षण सुविधा प्रदान करने एवं डिजिटलाइजेशन की ओर उन्मुख करने हेतु राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क स्थापित करते हुये वाईफाई, एवं इण्टरनेट एक्सेस की सुविधा प्रदान करके इन ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को आनलाइन शिक्षण सामग्री ई-कन्टेन्ट, डिजिटल लाईब्रेरी के उपयोग, विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों, वेबिनार आदि अनेको उपयोगी एवं आधुनिक सुविधाएं प्रदान कर उनका बहुमुखी विकास किया जा सकता है। इस दिशा में ई-लर्निंग पार्क की सुविधा से शैक्षणिक गतिविधिओं को बढ़ावा मिलेगा एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को सुचारू रूप से सम्पन्न किया जा सकेगा।


ई-सुविधा केन्द्र

समस्त विश्वविद्यालय/महाविद्यालय अपने कम्प्यूटर केन्द्र का अधिकतम उपयोग सुनश्चित करने हेतु उसे ई-सुविधा केन्द्र के रुप में विकसित करने पर विचार कर सकते हैं, ताकि संस्थान के समय के पश्चात छात्र ई-लर्निंग के लिये उसका उपयोग कर सकें। 

विश्वविद्यालय/महाविद्यालय अपने क्षेत्र के इंटर कालेज, पंचायतों में जहॉ कम्प्यूटर एवं इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध हों, को ई-सुविधा केन्द्र में प्रयोग करने के लिये योजना बना सकते हैं ताकि छात्रों को अपने घर के पास आनलाइन शिक्षा प्राप्त हो सके।

विश्वविद्यालय/महाविद्यालय अपने क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों/उधोगों से सम्पर्क कर सी.एस.आर. के अर्न्तगत ई-सुविधा केन्द्र स्थापित करवा सकते है।

 छात्रों को न्यूनतम दर पर ऑनलाईन सुविधा प्रदान करने के लिये विश्वविद्यालय और महाविद्यालय अपने क्षेत्रों में इच्छुक व्यक्तियों द्वारा ई-सुविधा केंद्र की स्थापना हेतु नियमानुसार पी0पी0 मॉडल पर भी योजनाएॅ तैयार कर सकते हैं जिसमें निर्धारित शुल्क के आधार पर उच्च शिक्षा सम्बंधी अधिकतम ऑनलाईन सुविधाएं छात्रों को उपलब्ध करायी जाएॅ।  

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन हेतु शासन द्वारा अद्यतन निर्गत किये गये शासनादेशों का विवरण निम्नवत् हैः- 

ऑनलाइन शिक्षा नीति के सम्बन्ध में ( सं05687/सत्तर-3-2020-8(35)2020दिनांक 15.12.2020)

120 राजकीय महाविद्यालय में ई-लर्निंग पार्क की स्थापना के सम्बन्ध में             ( सं01890/सत्तर-5-2020(44)2020दिनांक 14.12.2020)

उच्च शिक्षण संस्थानों के डिजिटलाइजेशन हेतु स्डैध्डप्ै तैयार करने के सम्बन्ध में   ( सं05609/सत्तर-3-2020-8(35)2020दिनांक 03.12.2020)

07 पिछड़े जिलों के राजकीय महाविद्यालयों के पुस्तकालय में प्री-लोडेड टेबलेट उपलब्ध करने के सम्बन्ध में ( सं05687/सत्तर-3-2020-8(35)2020दिनांक 15.12.2020)

पी0पी0पी0 के माध्यम से उच्च शिक्षण संस्थानों में ई-सुविधा केन्द्रों की स्थापना के सम्बन्ध में, ( सं05687/सत्तर-3-2020-8(35)2020दिनांक 15.12.2020)

नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु शिक्षण संस्थानों में विभिन्न प्रकोष्ठ की स्थापना के सम्बन्ध में शासनादेश निर्गत किया जाना प्रक्रियाधीन हैं। 

विश्वविद्यालयों द्वारा एम0फिल0 को समाप्त किये जाने के सम्बन्ध में,               ( सं02062/सत्तर-1-2020-16(74)2011 दिनांक 20.10.2020)

शिक्षकों के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट नीति घोषित, उच्च शिक्षा में शोध को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश की शोध नीति जारी करने के सम्बन्ध में                       ( सं05608/सत्तर-3-2020-8(35)2020दिनांक 03.12.2020)

संस्थानों द्वारा नए पाठ्यक्रम के क्रियान्वयन की तैयारी के लिए दिशा निर्देश जारी करने के सम्बन्ध में( सं05607/सत्तर-3-2020-8(35)2020दिनांक 03.12.2020)

विश्वविद्यालयों में भारतीय भाषा, लोक कला एवं लोक विद्या के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना करने के सम्बन्ध में शासनादेश निर्गत किया जाना प्रक्रियाधीन हैं।

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय मैं भाषा का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किये जाने के सम्बन्ध में शासनादेश निर्गत किया जाना प्रक्रियाधीन हैं।

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