नई दिल्ली(मानवी मीडया)- दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक ऑनलाइन मल्टी-लेवल मार्केटिंग कैंपेन पर आकर्षक रिटर्न की पेशकश के साथ लोगों को धोखा देने वाले एक अंतरराष्ट्रीय मालवेयर और धोखाधड़ी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने बताया कि उसने इस मामले में कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो चीनी और एक तिब्बती नागरिक भी शामिल हैं। गिरफ्तार लोगों के पास से करीब 25 लाख रुपये कैश बरामद किए गए हैं और 4.75 करोड़ रुपये कई बैंक खातों में ब्लॉक किए गए हैं। इस मामले में अभी और भी गिरफ्तारियां होंगी।
पुलिस ने बताया कि आरोपी एक एमएलएम ऐप की आड़ में लोगों के उपकरणों में मालवेयर की सेंधमारी कर देते थे। पुलिस की ओर से 13 जनवरी से शुरू की गई छापे की एक श्रृंखला में कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें दो महिला चीनी नागरिक चौहांग देंग दाओयॉन्ग (27) और वू जियाजी (54) शामिल हैं। लगभग 40,000 ऐसे पुष्ट पीड़ितों की पहचान की गई है, जिनके साथ दो महीने के दौरान करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की गई है।
डीसीपी अनयेश राय ने खुलासा करते हुए बताया कि सब्सक्रिप्शन का जमा कराया गया पैसा 40 से ज्यादा कंपनियों में रूट होता था, जिसमें कई चाइनीज डायरेक्टर भी हैं। उन्होंने कहा कि हमने 13 जनवरी को दिल्ली में कई जगह छापा मारकर एक ऐप से जुड़े 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें दो चीनी नागरिक भी शामिल हैं। बता दें कि मालवेयर का उपयोग कंप्यूटर पर महत्वपूर्ण जानकारी की चोरी करने या गोपनीय जानकारी में सेंध लगाने के लिए किया जाता है। कई मालवेयर अवांछनीय ईमेल भेजने और कंप्यूटर पर गोपनीय और अश्लील संदेश भेजने और प्राप्त करने का काम करते हैं। इसमें विशेष बात यह है कि इसका प्रयोग कई हैकिंग करने वाले (हैकर) अपने हित में करते हैं और उपयोक्ताओं को इसका पता तक नहीं चल पाता है कि उनके मेल से कौन सी संदेश सामग्री भेजी गई है।इस ठगी की शुरुआत होती थी एक ऐप डाउनलोड करवाने से। सबसे पहले वॉट्सऐप मैसेज के जरिए टारगेट लोगों को एक लिंक सर्कुलेट किया जाता था। इस मैसेज में एनक्रिप्टेड शॉर्ट यूआरएल होता था, जिसके जरिए ऐप डाउनलोड होता था। डीसीपी रॉय के मुताबिक इस यूआरएल को फॉरेन्सिक टीम ने चेक करने के बाद कहा था कि ये एक मालवेयर है। इस ऐप पर रोजाना 30 मिनट बिताने वालों को 3000 रुपये तक का रोजाना कमीशन देने का ऑफर दिया जाता था। उन्हें बताया जाता था कि उनका काम फेसबुक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर इंटरनेट सेलेब्रिटीज को प्रमोट करने का रहेगा।ऐप के जरिए फेसबुक, यूट्यूब आदि पर इंटरनेट सेलेब्रिटी का प्रमोशन करने पर यूजर के अकाउंट में 6 रुपये डाल दिए जाते थे। और अधिक पैसे कमाने के लिए वीआईपी अकाउंट लेना होता था, लेकिन इनके लिए यूजर को पैसे देने होते थे। पुलिस के अनुसार एक महिला ने आरोप लगाया है कि इस ऐप के जरिए उससे करीब 50 हजार रुपयों की ठगी की गई है। महिला ने बताया कि उन्हें इस ऐप का लिंक एक सहकर्मी ने भेजा था।