नई दिल्ली (मानवी मीडिया) : गूगल ने भारत में सैकड़ों की संख्या में व्यक्तिगत ऋण देने वाले ऐप की समीक्षा की है और इनमें से कई को अपने प्ले स्टोर से हटा दिया है। प्रयोगकर्ताओं और सरकारी एजेंसियों ने कंपनी से इन ऐप को लेकर चिंता जताई थी। गूगल ने बृहस्पतिवार कहा कि जो ऐप उपयोक्ता सुरक्षा नीतियों का उल्लंघन कर रहे थे, उन्हें तत्काल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है। वहीं फिनटेक एक्सपर्ट श्रीकांत एल ने बताया है कि गूगल ने पिछले 10 दिनों में कम से कम 118 डिजिटल लोन ऐप हटा दिए हैं।
गूगल ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि हमने अपने डेवलपर्स से नियमों का उल्लंघन करने वाले डिजिटल लोन ऐप के बारे में जानकारी हासिल की है। इसके साथ ही गूगल ऐसे ऐप्स की पहचान कर रहा है, जो लोकल लॉ और रेग्यूलेशन का उल्लंघन करके फ्रॉड डिजिटिल लेंडिंग करते हैं। ऐसा करने वाले ऐप्स के खिलाफ बिना नोटिस जारी किए कार्रवाई की जाएगी।Google की नई पॉलिसी के तहत पर्सनल लोन देने वाले ऐप के लिए भुगतान की न्यूनतम व अधिकतम समयसीमा और अधिकतम ब्याज दर के बारे में यूजर को स्पष्ट जानकारी देना जरूरी है। बता दें कि ये एक्शन इसलिए लिया जा रहा है क्योंकि पिछले कुछ महीनों से देश के कई हिस्सों से मोबाइल ऐप से लोन देने के कई फर्जीवाड़ों की सूचनाएं मिल रही हैं। ये ऐप पहले तो आसानी से 5000 से 50000 रुपये तक कर्ज दे देते हैं, और फिर इस पर 60 से 100 फीसद तक का ब्याज लेते हैं। इसके साथ ही कर्ज नहीं चुकाने वाले लोगों के साथ वसूली के नाम पर गलत तरीके से व्यवहार करते हैं। बता दें कि लोन ऐप के जरिये उत्पीड़न की घटनाओं के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक वर्किंग ग्रुप का गठन किया है। वर्किंग ग्रुप से कहा गया है कि वे अनरेगुलेटेड लैंडिंग ऐप से कंज्यूमर को होने वाले खतरों की पहचान करें। आरबीआई ने हाल ही में जल्दी लोन अप्रूव करने और ऊंजी दरों पर लोन देने वाले ऑनलाइन ऐप से लोगों को आगाह किया था।