कोलकाता (मानवी मीडिया): पश्चिम बंगाल में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति कई तरह के करवट ले रही है। शुभेंदु अधिकारी जैसे नेता टीएमसी छोड़ बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। इस बीच एक बड़ा फैसला लेते हुए सुजाता ने सांसद पति सौमित्र की पार्टी का साथ देने की बजाय ममता बनर्जी का साथ देने का फैसला किया है। सुजाता मोंडल ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है। उधर, भाजपा सांसद सौमित्र ने पत्नी को तलाक देने की तैयारी कर ली है। इसके साथ ही सुजाता के घर की सुरक्षा में लगे जवानों को भी हटा दिया गया है।
सुजाता मंडल खान तृणमूल सांसद सौगत राय और प्रवक्ता कुणाल घोष की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुईं। टीएमसी में शामिल होने के बाद सुजाता ने कहा, मैंने राज्य में पार्टी को ऊपर लाने का काम किया था, लेकिन अब भाजपा में कोई सम्मान नहीं है। एक महिला होने के नाते, मेरे लिए पार्टी में रहना मुश्किल था। उन्होंने कहा, भाजपा केवल तृणमूल से भ्रष्ट नेताओं को अपने पाले में कर रही है और अपनी पार्टी बनाने की कोशिश कर रही है। भाजपा में छह मुख्यमंत्री और 13 डिप्टी सीएम चेहरे हैं! राज्य में भाजपा का कोई सीएम चेहरा नहीं है। मुझे लगता है कि ममता बनर्जी के लिए काम करना एक महिला के रूप में मेरे लिए सम्मानजनक होगा। सुजाता मोंडल पश्चिम बंगाल में बीजेपी सांसद सौमित्र खान की पत्नी हैं। सुजाता ने 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े अपने पति सौमित्र खान की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने सौमित्र के लिए लगातार प्रचार किया था। ये प्रचार काफी आक्रामक था। बताया जा रहा है कि सौमित्र खान और सुजाता के बीच कई दिनों से अनबन चल रही थी। पर्दे के पीछे चल रही लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है। पत्नी के बीजेपी में शामिल होने पर बीजेपी सांसद सौमित्र खान ने कहा कि यह सच है कि परिवार में मतभेद थे। हम परिवार हैं, लड़ाई हो सकती है, लेकिन इसे राजनीतिक रूप देना सही नहीं है। मुझे दुख है कि मेरे बीजेपी में शामिल होने के कारण उसने अपनी नौकरी खो दी। मुझे पीड़ा है कि सुजाता अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए टीएमसी से जुड़ गई।