लखनऊ (मानवी मीडिया) : लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में शुरू हुए राम मंदिर निर्माण कार्य में अब कई परेशानियां सामने आ रहीं हैं। बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य की शुरुआत हो गई है। जानकारी मिली है कि मंदिर की नींव के नीचे सरयू नदी की धार मिली है। इसकी वजह से निर्माणकार्य में अब मुश्किलें आ सकती हैं। इस मामले को लेकर निर्माण कमेटी ने मंगलवार को चर्चा की। वहीं, मंदिर ट्रस्ट ने निर्माण मे आ रही इन समस्याओं को देखते हुए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मदद की गुहार लगायी है। ज्ञात हो कि कुछ दिनों पहले भी मंदिर निर्माण में चल रहे खंभों से जुड़े काम में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।प्रधानमंत्री के पूर्व मुख्य सचिव नृपेंद्र मिश्रा की अगुआई में बनी निर्माण समिति ने मंगलवार को बैठक की। सूत्रों ने बताया कि इस मीटिंग में तय किया गया है कि नींव के नीचे सरयू नदी की धारा मिलने के कारण मंदिर के लिए पहले से तैयार मॉडल सही नहीं है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में मौजूद सूत्रों ने बताया कि इस काम के लिए आईआईटी से मदद की अपील की गई है।
ट्रस्ट ने आईआईटी से मंदिर की मजबूत नींव के निर्माण के लिए मदद मांगी है। गौरतलब है कि मंदिर का निर्माण 2023 में पूरा होना है। सूत्रों ने बताया कि फिलहाल समिति दो तरीकों पर गौर कर रही है। पहला राफ्ट को सहायता देने के लिए वाइब्रो पत्थर का इस्तेमाल और दूसरा इंजीनियरिंग मिश्रण मिलाकर मिट्टी की क्वालिटी और पकड़ को बेहतर बनाया जाए।अयोध्या में राम मंदिर का भक्तों को इंतजार है। यहां मंदिर बनाए जाने के लिए 1200 खंभों की ड्राइंग तैयार की गई थी। हालांकि, यह डिजाइन प्लान के अनुसार, सफल होती नहीं दिख रही है। दरअसल, मंदिर की बुनियाद के लिए खंभों की टेस्टिंग की गई थी। इस दौरान कुछ खंभों को 125 फीट गहराई में डाला। इनकी जांच करने के लिए करीब 30 दिनों तक छोड़ा गया। बाद में इस पर 700 टन का वजन डाला गया और भूकंप के झटके दिए गए, तो ये खंभे अपनी जगह से हिल गए और मुड़ भी गए।