नई दिल्ली( मानवी मीडिया): केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की कक्षा 10वीं और 12 वीं की बोर्ड परीक्षा 2021 4 मई से प्रारंभ होगी। डॉ. निशंक ने सीबीएसई की कक्षा 10वीं और 12 वीं की बोर्ड परीक्षा 2021 की तारीखों की घोषणा करते हुए कहा कि परीक्षाएं 4 मई से प्रारंभ होगी जिसे 10 जून तक पूरा कर लिया जाएगा। 15 जुलाई तक बोर्ड परीक्षा के नतीजे आएंगे। उन्होंने कहा कि दसवीं और 12वीं के प्रैक्टिकल एक मार्च से शुरू किया जाएगा। उन्होंने छात्रों से मन लगाकर तैयारी करने और बिना किसी संकोच के परीक्षा देने की अपील की है। सीबीएसई की ओर से जल्द ही डेट शीट जारी की जाएगी। निशंक ने कहा- हमने अपने बच्चों का साल खराब नहीं होने दिया। सुरक्षा, सजगता के साथ हमने परीक्षा कराई है और उनका साल खराब होने से बचाया है। छात्रों ने भी जिस मनोबल से काम किया, यह अद्भुत उदाहरण है। हमारे देश में 33 करोड़ छात्र-छात्राएं हैं। यह अमेरिका की कुल आबादी से भी ज्यादा है।
आ गई CBSE बोर्ड एग्जाम की डेट- 4 मई से 10 जून तक होंगी परीक्षा, 15 जुलाई को नतीजे | डिजिटल लर्निंग पर उन्होंने कहा- कोविड-19 के संकट के दौरान भी हमारे छात्रों और हर किसी ने चुनौतियों का सामना किया। अध्यापकों ने योद्धा बनकर काम किया। डिजिटल पढ़ाई हुई। छात्र-छात्राओं ने खुद को तैयार किया। हां, कुछ छात्र-छात्राएं हैं जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं था। लेकिन, हमने टेलीविजन और रेडियो के माध्यम से ऐसे छात्रों के लिए काम किया।बता दें कि सीबीएसई बोर्ड में आम तौर पर प्रैक्टिकल परीक्षाओं की शुरुआत जनवरी में हो जाती है और लिखित परीक्षाएं फरवरी के आस-पास होती हैं। लेकिन इस साल कोरोना की वजह से पैदा हुई स्थिति के चलते पहली बार ऐसा हो रहा है कि बोर्ड परीक्षाएं मई में आयोजित कराई जा रही हैं और प्रैक्टिकल परीक्षाएं मार्च में हो रही हैं। इससे पहले डॉ़ निशंक ने ट्वीट करके कहा," मुझे विश्वास है कि सीबीएसई द्वारा आयोजित 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में प्रविष्ट होने वाले हमारे विद्यार्थी पूर्ण लगन एवं मेहनत से बेहतर तैयारी कर रहे होंगे।": 22 दिसंबर को शिक्षा मंत्रीउल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के बाद देशभर के सभी स्कूल मार्च में बंद कर दिए थे। अक्तूबर में कुछ राज्यों ने आंशिक तौर पर स्कूलों को दोबारा खोलने की शुरुआत की थी। हालांकि, कुछ राज्यों ने संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अपने यहां अभी तक स्कूलों को बंद ही रखा है।