नहीं लगेगा महाराष्ट्र में लॉकडाउन या नाइट कर्फ्यू, लेकिन छह महीनों के लिए मास्क पहनना जरूरी: उद्धव ठाकरे - मानवी मीडिया

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Sunday, December 20, 2020

नहीं लगेगा महाराष्ट्र में लॉकडाउन या नाइट कर्फ्यू, लेकिन छह महीनों के लिए मास्क पहनना जरूरी: उद्धव ठाकरे


मुंबई (मानवी मीडिया): कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए महाराष्ट सरकार ने अगले 6 महीने तक मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। यह घोषणा रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने की। रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लोगों को संबोधित करते हुए ठाकरे ने लोगों से नियमों के पालन की अपील की। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाने के लिए मास्क पहनना जरूरी है। इसलिए राज्य में अगले छह महीनों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य किया जा रहा है।

ठाकरे ने कहा कि विशेषज्ञों ने नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन लागू करने की बात कही थी, लेकिन वो इसके पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में संक्रमण की रफ्तार पूरी तरह काबू नहीं आई है, लेकिन यह कुछ हद तक नियंत्रण में है। बता दें, लॉकडाउन की पाबंदियां हटने के बाद पंजाब समेत कई राज्यों ने संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए नाइट कर्फ्यू का सहारा लिया था।मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आगे कहा, ''रोकथाम इलाज से बेहतर है। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना कम से कम छह महीने के लिए एक आदत बना लेनी चाहिए।'' महा विकास अघाड़ी सरकार के पहले एक साल को लेकर उद्धव ठाकरे ने कहा कि 28 नवंबर को राज्य सरकार ने अपना पहला साल पूरा कर लिया। कई लोगों को उम्मीद थी कि यह सरकार गिर जाएगी, लेकिन सरकार ने न सिर्फ अपना पहला साल पूरा किया, बल्कि सबसे कठिन स्थिति का भी सामना किया।महाराष्ट्र में शनिवार को 3,940 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं। यह देश में शनिवार को सामने आए नए मामलों में दूसरे स्थान पर है। वहीं, महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस की स्थिति में काफी तेजी से सुधार आया है। हालांकि, अभी भी हालात पूरी तरह से सुधरे नहीं हैं। नवंबर में राज्य सरकार ने अधिकारियों को एक पत्र जारी किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि सुधार के बाद भी अधिकारी कोई लापरवाही न बरतें और टेस्टिंग में कमी न लाएं। आशंका है कि महाराष्ट्र में जनवरी-फरवरी में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आ सकती है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिस तरीके की दूसरी लहर ब्रिटेन और यूरोप के अन्य देशों में आई है, उस तरह की भारत में आने की आशंकाएं कम हैं।

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