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Sunday, December 27, 2020

साल के अंतिम मन की बात में बोले मोदी करुणा में हर सकट से नया सबक लिया


नई दिल्ली (मानवी मीडिया) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 72वीं बार मन की बात के जरिए देश को संबोधित किया। यह 2020 की पीएम मोदी की आखिरी मन की बात थी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि चार दिन बाद नया साल शुरू होने वाला है। अगले साल अगली मन की बात होगी। उन्होंने कहा कि देश में नया सामर्थ्य पैदा हुआ है। इस नई सामर्थ्य का नाम आत्मनिर्भरता है। देश में बने खिलौनों की मांग बढ़ रही है। पीएम नरेंद्र मोदी

 पीएम मोदी ने इस साल के आखिरी मन की बात कार्यक्रम में आत्मनिर्भर भारत, स्वच्छता अभियान, वोकल फॉर लोकल, तेंदुओं की बढ़ती संख्या सहित कई मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नए साल में लोग यह प्रण लें कि वे हमारे देश वासियों के खून-पसीने से बने उत्पादों को खरीदेंगे। 12 साल की मेहनत के बाद विलुप्त हो रही कोरवा भाषा का शब्दकोष बनाने वाले झारखंड की कोरवा जनजाति के हीरामन जैसे ही कई अन्य लोगों की प्रेरणादायक कहानी सुनाकर पीएम ने आखिर में देश की जनता को नए साल के लिए शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'हमारा देश, 2021 में, सफलताओं के नए शिखर छुए, दुनिया में भारत की पहचान और सशक्त हो, इसकी कामना से बड़ा और क्या हो सकता है।' पढ़ें पीएम मोदी की कही खास बातें -एक और बात मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं। कोरोना की वजह से इस साल इसकी चर्चा उतनी हो नहीं पाई है। हमें देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करना ही है। ये भी 2021 के संकल्पों में से एक है।- गुरुग्राम के प्रदीप सांगवान 2016 से Healing Himalayas नाम से अभियान चला रहे हैं। वो अपनी टीम और वॉलंटियर्स के साथ हिमालय के अलग-अलग इलाकों में जाते हैं, और जो प्लास्टिक कचरा टूरिस्ट वहाँ छोड़कर जाते हैं, वो साफ करते हैं। प्रदीप जी अब तक हिमालय की अलग-अलग टूरिस्ट लोकेशनों से टनों प्लास्टिक साफ कर चुके हैं।- आपने भी अपने जीवन में महसूस किया होगा, जब हम समाज के लिए कुछ करते हैं तो बहुत कुछ करने की उर्जा समाज हमें खुद ही देता है।- जब तक जिज्ञासा है, तब तक जीवन है।- अभी दो दिन पहले ही गीता जयंती थी। गीता, हमें, हमारे जीवन के हर सन्दर्भ में प्रेरणा देती है। - आपको यह जानकर खुशी होगी कि कश्मीरी केसर को जीआई टैग का सर्टिफिकेट मिलने के बाद दुबई के एक सुपर मार्किट में इसे लॉन्च किया गया। अब इसका निर्यात बढ़ने लगेगा। यह आत्मनिर्भर भारत बनाने के हमारे प्रयासों को और मजबूती देगा: पीएम मोदी- आपको यह जानकर खुशी होगी कि कश्मीरी केसर को जीआई टैग का सर्टिफिकेट मिलने के बाद दुबई के एक सुपर मार्किट में इसे लॉन्च किया गया। अब इसका निर्यात बढ़ने लगेगा। यह आत्मनिर्भर भारत बनाने के हमारे प्रयासों को और मजबूती देगा। प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु की टीचर  हेमलता एन.के. की तारीफ की। हेमलता जी विडुपुरम के एक स्कूल में दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल पढ़ाती हैं। - हम सबने इंसानों वाली वीलचेयर देखी है, लेकिन, कोयंबटूर की एक बेटी गायत्री ने, अपने पिताजी के साथ, एक पीड़ित कुत्ते के लिए वीलचेयर बना दी। ये संवेदनशीलता, प्रेरणा देने वाली है, और, ये तभी हो सकता है, जब व्यक्ति हर जीव के प्रति, दया और करुणा से भरा हुआ हो।- आइये, दूसरों की देखभाल के लिए सेवा-भाव से भरे इस प्रकार के प्रयासों को प्रोत्साहित करें। यह वास्तव में एक ऐसा सत्कार्य है, जो समाज की संवेदनाओं को सशक्त करता है।- मेरे प्यारे देशवासियो, अब मैं एक ऐसी बात बताने जा रहा हूं, जिससे आपको आनंद भी आएगा और गर्व भी होगा। भारत में तेंदुओं की संख्या में, 2014 से 2018 के बीच, 60 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। - 2014 में, देश में, तेंदुओं की संख्या लगभग 7,900 थी, वहीं 2019 में, इनकी संख्या बढ़कर 12,852 हो गयी।- ये वही तेंदुए हैं जिनके बारे में जिम कॉरबेट ने कहा था- जिन लोगों ने तेंदुओं को प्रकृति में स्वछन्द रूप से घूमते नहीं देखा, वो उसकी खूबसूरती की कल्पना ही नहीं कर सकते। उसके रंगों की सुन्दरता और उसकी चाल की मोहकता का अंदाज नहीं लगा सकते-देश के अधिकतर राज्यों में, विशेषकर मध्य भारत में, तेंदुओं की संख्या बढ़ी है । तेंदुए की सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र सबसे ऊपर हैं । यह एक बड़ी उपलब्धि है।-तेंदुए, पूरी दुनिया में वर्षों से खतरों का सामना करते आ रहे हैं, दुनियाभर में उनके हैबिटैट को नुकसान हुआ है। ऐसे समय में, भारत ने तेंदुए की आबादी में लगातार बढ़ोतरी कर पूरे विश्व को एक रास्ता दिखाया है।-आज के ही दिन गुरु गोविंद जी के पुत्रों, साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था । अत्याचारी चाहते थे कि साहिबजादे अपनी आस्था छोड़ दें, महान गुरु परंपरा की सीख छोड़ दें।- आप में से बहुत लोग जानते ही होंगे, ये मार्केट दिल्ली में साइकिल और खिलौनों के लिए जाना जाता है। पहले वहां महंगे खिलौनों का मतलब भी इंपोर्टेड खिलौने होता था, और, सस्ते खिलौने भी बाहर से आते थे।- जब जनता कर्फ्यू जैसा अभिनव प्रयोग, पूरे विश्व के लिए प्रेरणा बना, जब, ताली-थाली बजाकर देश ने हमारे कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया था, एकजुटता दिखाई थी, उसे भी, कई लोगों ने याद किया है। कोरोना काल में हमने हर संकट से नए सबक लिए।- कोल्हापुर से अंजलि जी ने लिखा है, कि नए साल पर, हम, दूसरों को बधाई देते हैं, शुभकामनाएं देते हैं, तो इस बार हम एक नया काम करें। क्यों न हम, अपने देश को बधाई दें, देश को भी शुभकामनाएं दें । अंजलि जी, वाकई, बहुत ही अच्छा विचार है।

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