हैदराबाद (मानवी मीडिया): हैदराबाद में वायुसेना के कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि हम संघर्ष नहीं, शांति चाहते हैं लेकिन देश के आत्म-सम्मान को किसी भी तरह का नुकसान बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस गतिरोध को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में विश्वास रखता है लेकिन देश के आत्म-सम्मान को किसी भी तरह का नुकसान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।हैदराबाद में डिंडीगुल वायुसैनिक अड्डे पर संयुक्त स्नातक परेड को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान ‘‘चीन के रवैये ने उसके इरादों को जाहिर कर दिया’’। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमने साबित किया है कि भारत कमजोर नहीं है। यह नया भारत है जो सीमा पर उल्लंघन, आक्रामकता तथा किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है।’’ सिंह ने कहा कि भारत को कई देशों का समर्थन मिला है और उसकी सराहना भी हुई है।
गतिरोध का हल निकालने के लिए कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर पर हुई कई दौर की वार्ता का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘मैं दोहराना चाहती हूं कि हम संघर्ष नहीं शांति चाहते हैं, लेकिन देश के आत्मसम्मान को किसी भी तरह का नुकसान हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’ उन्होंने यह भी कहा कि देश किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है।सिंह ने कहा कि पाकिस्तान सीमाओं पर छिटपुट संघर्षों को अंजाम दे रहा है। उन्होंने कहा कि चार युद्धों में भारत से पराजित होने के बावजूद पड़ोसी देश आतंकवाद के जरिए छद्म युद्ध छेड़ रहा है, लेकिन सैन्य बल और पुलिस आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपट रहे हैं। पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादियों के शिविरों पर भारत के हवाई हमलों का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत न केवल देश के भीतर आतंकवाद से प्रभावी ढंग से मुकाबला कर रहा है बल्कि सीमाओं के बाहर जाकर भी कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया को भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत इरादों को दर्शाता है।