नई दिल्ली (मानवी मीडिया)-कृषि कानूनों के मुद्दे पर जारी किसान आंदोलन के बीच कल किसान संगठनों और सरकार के बीच फिर से वार्ता होगी। इस वार्ता पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं। इसी बीच आज गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रियों की एक बैठक हुई। बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल हुए। इस बैठक को कल की वार्ता के मद्देनजर काफी अहम माना जा रहा है। सूत्रों की मानें तो सरकार कल की बैठक के लिए ठोस मसाैदा तैयार कर रही है ताकि कल की वार्ता में कोई सकारात्मक परिणाम निकले। उधर, किसान संगठनों ने पत्र जारी कर अपनी मांगें दोहराई हैं जिनमें तीनों कृषि कानूनों को रद्द करना, सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक MSP पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान तय करना, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश 2020 में ऐसे संशोधन हों जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए जरूरी हैं शामिल है। इनके अलावा किसानों के हितों की रक्षा के लिए 'विद्युत संशोधन विधेयक 2020' के मसौदे को वापस लेने की प्रक्रिया भी किसानों की मांगों में शामिल है।
उधर, कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में आंदोलनरत कृषकों के समर्थन में बिहार की राजधानी पटना में आज राजभवन मार्च कर रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज की, जिसमें कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक धावले, अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सचिव रामाधार सिंह के साथ ही वामदलों के नेताओं के नेतृत्व में खेग्रामस, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संघ (ऐपवा), अखिल भारतीय विद्यार्थी संघ (आइसा), इनौस और ऑल इंडिया सेंटर फॉर ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू) के करीब दस हजार नेता एवं कार्यकर्ताओं ने तीनों कृषि कानून के विरोध में मंगलवार को यहां ऐतिहासिक गांध मैदान से राजभवन के लिए मार्च निकाला। मार्च के डाकबंगला चौराहा पहुंचते ही वहां पहले से मौजूद पुलिस के जवानों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इस पर मार्च में शामिल किसान उग्र हो गए और पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई