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Tuesday, December 8, 2020

हां नहीं के फेर में अमित शाह और किसान नेताओं के बीच वार्ता, अंतिम समय पर बदला बैठक का स्थान


नई दिल्ली (मानवी मीडिया)- तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच कल महत्वपूर्ण बैठक होनी है। उस बैठक से पहले ही गृह मंत्री अमित शाह ने आज शाम को 13 किसान नेताओं को वार्ता के लिए बुला लिया। ये किसान नेता दिल्ली पहुंचे हैं। गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के लिए किसान नेताओं को इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के गेस्ट हाउस में लेकर जाया गया है। पहले यह बैठक नार्थ ब्लाक में होनी थी फिर पता चला कि बैठक अमित शाह के आवास पर होनी है लेकिन अंतिम समय में फिर बैठक स्थल बदल गया। इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि मुलाकात पर कुछ भी साफ नहीं है, हो सकता है जगह बदल जाए। बैठक से पहले किसान नेता रुलदू सिंह मानसा ने कहा कि बीच का समाधान नहीं है, हम गृह मंत्री से सिर्फ हां या ना की मांग करेंगे। एक अन्य नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि ‘भारत बंद’ सफल रहा और केंद्र सरकार को अब पता है कि उसके पास कोई रास्ता नहीं है। स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि 25 राज्यों में करीब 10,000 जगहों पर बंद आहूत किया गया। अमित शाह और किसान नेताओं के बीच वार्ता की पुष्ट जानकारी तो सामने नहीं आई लेकिन सूत्रों के मुताबिक बैठक में किसानों की हर शंका दूर करके आंदोलन को विराम देने की कोशिश की गई। 

आंदोलन कर रहे किसानों में से पंजाब किसान यूनियन के आरएस मानसा ने कहा है कि हम दिल्ली या हरियाणा से किसी को भी असुविधा नहीं पहुंचाना चाहते हैं। हमें रामलीला ग्राउंड पर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी जानी चाहिए। पूरे देश में आज सुबह 11 बजे से लेकर शाम 3 बजे तक 'भारत बंद' बुलाया गया था। इसका असर पूरे देशभर के अलग-अलग हिस्सों पर पड़ा। बिहार से लेकर ओडिशा और महाराष्ट्र में ट्रेनें रोकी गईं हैं। दिल्ली-एनसीआर में भी चक्का जाम शुरू हो गया है। किसानों के इस भारत बंद को कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सपा समेत देश की 18 राजनीतिक पार्टियों ने भी अपना समर्थन दिया। केंद्र सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच पांच दौर की वार्ता हो चुकी है, मगर अब तक कोई हल नहीं निकल सका है। आज की बैठक भी हां और ना के फेर में है। खबर लिखे जाने तक बैठक शुरू नहीं हुई थी।

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