मुख्यमंत्री ने लगभग 89.90 करोड़ रु0 लागत की
40 परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास व शुभारम्भ किया
मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित
व्यक्तियों को प्रतीकात्मक चेक एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया गया
प्रधानमंत्री के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में केन्द्र व राज्य सरकार अन्नदाता किसानों के
जीवन में खुशहाली लाने एवं उनकी समृद्धि के लिए कार्य कर रही: मुख्यमंत्री
जब कृषि लागत में कमी होगी, तकनीक के उपयोग से
उत्पादकता बढ़ेगी, तभी किसानों की आय में वृद्धि होगी
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केन्द्र सरकार गांव, गरीब, किसान, मजदूर, नौजवान,
महिला सभी को बिना किसी भेदभाव के लाभान्वित करने का कार्य कर रही
प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना के अन्तर्गत प्रदेश में अब तक 2.3 करोड़
किसानों को 22 हजार करोड़ रु0 की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी
प्रदेश सरकार ने किसानों के हित के लिए पूरे समर्पण
भाव से कार्य किया, गन्ना किसानों को अब तक 01 लाख
12 हजार करोड़ रु0 से अधिक का गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया
25 दिसम्बर, 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा देश के 09 करोड़ किसानों को
लगभग 18 हजार करोड़ रुपये की धनराशि सीधे उनके खाते में प्रेषित की जाएगी
केन्द्र सरकार द्वारा बनाये गये कृषि कानून किसानों की
आमदनी बढ़ाने के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएंगे
काॅन्ट्रेक्ट खेती में सरकार किसानों का हित सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध
यह पूर्णतया भ्रामक है कि कृषि कानून लागू होने से एम0एस0पी0 समाप्त हो जाएगी, प्रधानमंत्री द्वारा भी किसानों
को एम0एस0पी0 समाप्त न होने का भरोसा दिया गया है: मुख्यमंत्री
लखनऊ: (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद अयोध्या के आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय प्रांगण में आयोजित ‘किसान सम्मेलन’ को सम्बोधित किया। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित कृषि प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने लगभग 89.90 करोड़ रुपए लागत की 40 परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास व शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री द्वारा 30.67 करोड़ रुपए की 10 परियोजनाओं का लोकार्पण, 26.45 करोड़ रुपए की 10 परियोजनाओं का शिलान्यास तथा 32.77 करोड़ रुपए की 20 परियोजनाओं का शुभारम्भ किया गया। उन्होंने इस अवसर पर विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित व्यक्तियों को प्रतीकात्मक चेक एवं प्रमाण पत्र भी प्रदान किये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय द्वारा नये कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना तथा पहले से संचालित कृषि विज्ञान केन्द्रों को सेन्टर आॅफ एक्सलेन्स के रूप में विकसित कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप वर्ष 2022 तक किसानों की आय दो गुना करने के कार्य में सराहनीय योगदान किया जा रहा है। उन्होंने भरोसा जताया कि आज यहां शिलान्यास की गयी एवं लोकार्पित लगभग 90 करोड़ की परियोजनाएं कृषकों की आय बढ़ाने में सहायक सिद्ध होेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में केन्द्र व राज्य सरकार अन्नदाता किसानों के जीवन में खुशहाली लाने एवं उनकी समृद्धि के लिए कार्य कर रही हैं। उन्हांेने कहा कि जब कृषि लागत में कमी होगी, तकनीक के उपयोग से उत्पादकता बढ़ेगी, तभी किसानों की आय में वृद्धि होगी। प्रधानमंत्री जी द्वारा इस दिशा में लगातार प्रयास किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, वन ड्राप-मोर क्राप, कृषि विज्ञान केन्द्रों की श्रृंखला स्थापित कर किसानों को तकनीक से जोड़कर कृषि लागत कम करने और उत्पादकता बढ़ाने का कार्य हुआ है। इसके फलस्वरूप किसानों द्वारा खाद्यान्न का रिकाॅर्ड उत्पादन किया गया है। वर्षाें से लम्बित सिंचाई परियोजनाओं को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत पूरा किया गया। प्रधानमंत्री जी ने स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू कर किसानों को एम0एस0पी0 का लाभ उपलब्ध कराया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केन्द्र सरकार गांव, गरीब, किसान, मजदूर, नौजवान, महिला सभी को बिना किसी भेदभाव के लाभान्वित करने का कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण, गरीब परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन देने, आयुष्मान भारत, सौभाग्य योजना के अन्तर्गत विद्युत कनेक्शन दिये जाने की योजनाओं से बिना किसी भेदभाव के सभी पात्रों को लाभान्वित किया गया है। वर्तमान राज्य सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट में ही किसानों के 36,000 करोड़ रुपये के ऋण को माफ करने का निर्णय लिया। किसानों का हित हमारा दायित्व और सरकार की मंशा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने फरवरी, 2019 में प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि की घोषणा की। इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश में अब तक
2.3 करोड़ किसानों को लगभग 22 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खाते में प्रदान की गयी है। योजना के अन्तर्गत किसान को प्रतिवर्ष 03 किस्तों में 6000 रुपये की सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसान को सम्मान दिलाया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से प्राप्त होने वाली धनराशि के कारण अब किसान को किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं है। इस योजना के तहत 25 दिसम्बर, 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा देश के 09 करोड़ किसानों को लगभग 18 हजार करोड़ रुपये की धनराशि सीधे उनके खाते में प्रेषित की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन्हें यह कार्य अच्छा नहीं लग रहा है वे किसानों को गुमराह करना चाहते हैं। देश की जनता प्रबुद्ध है, वह किसी बहकावे में नहीं आएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बनाये गये कृषि कानून किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएंगे। इससे ग्रामीण युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर प्राप्त कराना सम्भव होगा। उन्होंने कहा कि यह पूर्णतया भ्रामक है कि कृषि कानून लागू होने से एम0एस0पी0 समाप्त हो जाएगी। प्रधानमंत्री द्वारा भी किसानों को एम0एस0पी0 समाप्त न होने का भरोसा दिया गया है। मण्डी समितियां भी काम करेंगी। साथ ही, किसान अपनी उपज अधिक मूल्य पर बाजार में भी बेच सकेंगे। उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि किसान के खेत पर कब्जा होने की बात भी भ्रामक है। काॅन्ट्रेक्ट खेती में सरकार किसानों का हित सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत साढ़े तीन वर्षाें में प्रदेश सरकार ने किसानों के हित के लिए पूरे समर्पण भाव से कार्य किया है। गन्ना किसानों को अब तक 01 लाख 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया है। वर्तमान राज्य सरकार ने किसान की उपज की खरीद सुनिश्चित करायी है। सरकार के पहले वर्ष मंे 36 लाख मी0 टन गेहूं एवं 52 लाख मी0 टन धान की खरीद करायी गयी। अगले वर्ष 56 लाख मी0 टन गेहूं तथा 52 लाख मी0 टन धान की खरीद हुई। कोरोना काल में एक भी चीनी मिल को बन्द नहीं होने दिया गया। हर खेत का गन्ना चीनी मिल तक पहुंचा। राज्य सरकार द्वारा ‘एक जनपद-एक उत्पाद योजना’ को लागू किया गया है। इसके तहत अयोध्या का गुड बाजार में महत्वपूर्ण स्थान बना रहा है। इसकी प्रभावी मार्केटिंग करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने आचार्य नरेन्द्र देव जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण भी किया।
इस अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क, पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल, कृषि राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत, गन्ना विकास राज्यमंत्री सुरेश पासी, सहित जनप्रतिनिधिगण, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 बिजेंद्र सिंह एवं शासन-प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, किसान एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।