निर्विवाद उत्तराधिकार को खतौनियों में दर्ज कराने
के लिए प्रदेश के समस्त ग्रामों में यह अभियान संचालित
राजस्व विभाग द्वारा लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए वरासत के सम्बन्ध में
एक हेल्पलाइन बनाई जाए, इसके अलावा एक ई-मेल आई0डी0 भी जारी की जाए
अभियान के बाद शासन स्तर से जनपदों में टीम भेजकर
यह पुष्टि भी की जाए कि कहीं निर्विवाद उत्तराधिकार
का कोई प्रकरण खतौनियों में दर्ज होने से शेष तो नहीं है
तहसील दिवस तथा थाना दिवस का आयोजन पूरी संवेदनशीलता से
करते हुए जनसमस्याओं का गुणवत्तापरक निस्तारण सुनिश्चित किया जाए
लखनऊ:( मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरासत अभियान को समयबद्ध ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि निर्विवाद उत्तराधिकार को खतौनियों में दर्ज कराने के लिए प्रदेश के समस्त ग्रामों में यह अभियान संचालित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राजस्व विभाग द्वारा लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए वरासत के सम्बन्ध में एक हेल्पलाइन बनाई जाए। इसके अलावा एक ई-मेल आई0डी0 भी जारी की जाए। उन्होंने कहा कि अभियान के बाद शासन स्तर से जनपदों में टीम भेजकर यह पुष्टि भी की जाए कि कहीं निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई प्रकरण खतौनियों में दर्ज होने से शेष तो नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तहसील दिवस तथा थाना दिवस का आयोजन पूरी संवेदनशीलता से करते हुए जनसमस्याओं का गुणवत्तापरक निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
ज्ञातव्य है कि विशेष वरासत अभियान 15 दिसम्बर, 2020 से 15 फरवरी, 2021 तक संचालित किया जाएगा। इसके तहत 15 से 30 दिसम्बर, 2020 के दौरान राजस्व/तहसील अधिकारियों द्वारा राजस्व ग्रामों में खतौनियों को पढ़ने की प्रक्रिया तथा लेखपाल द्वारा ग्रामवार कार्यक्रम बनाकर सर्वे कर वरासत हेतु प्रार्थना पत्र प्राप्त करते हुए उन्हें आॅनलाइन भर्ती की कार्यवाही की जाएगी। 31 दिसम्बर, 2020 से 15 जनवरी, 2021 की अवधि में लेखपाल द्वारा आॅनलाइन जांच की प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। 16 से 31 जनवरी, 2021 तक राजस्व निरीक्षक द्वारा जांच एवं आदेश पारित करने की प्रक्रिया के अन्तर्गत कार्यवाही की जाएगी। 01 से 07 फरवरी, 2021 तक यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई भी प्रकरण दर्ज होने से अवशेष नहीं है। 08 से 15 फरवरी, 2021 तक जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी व अन्य जनपदस्तरीय अधिकारियों द्वारा निर्विवाद उत्तराधिकार के समस्त लम्बित प्रकरणों को पूर्ण कराना सुनिश्चित किया जाएगा।