किसान आंदोलन को लेकर विपक्ष पर जमकर बरसे प्रधानमंत्री मोदी, किसानों को बताए कृषि कानून के फायदे - मानवी मीडिया

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Friday, December 25, 2020

किसान आंदोलन को लेकर विपक्ष पर जमकर बरसे प्रधानमंत्री मोदी, किसानों को बताए कृषि कानून के फायदे


नई दिल्ली (मानवी मीडिया): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को वीडियो कॉन्‍फ्रेसिंग के जरिए आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) की किश्त के 18 हजार करोड़ रुपए करीब 9 करोड़ किसानों के खातों में ट्रांसफर की है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम सम्मान निधि की अगली किस्त जारी करने के बाद कई राज्यों के किसानों के साथ संवाद किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोग ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि आपकी फसल का कोई कांट्रैक्ट करेगा तो जमीन भी चली जाएगी। इतना झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि नए कानूनों के लागू होने के बाद भी MSP, मंडी, मंडी के बाहर फसल बेचने का अधिकार है। पीएम मोदी ने कहा कि कानूनों के बारे में झूठ फैलाए जा रहे हैं। जैसे MSP खत्म होगी, मंडियां बंद होंगी। कानून को लागू हुए कई महीने बीत चुके हैं, अबतक कोई मंडी नहीं हुई। MSP की बात है तो हाल के महीनों में सरकार ने इसे खत्म करने की जगह बढ़ाया है।पीएम मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने किसानों की जमीन हड़पी वही लोग जमीन की चिंता करके दिखा रहे हैं। आंदोलन के नाम पर टोल नाकों को फ्री किया जा रहा। विपक्षी किसानों के कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे हैं। मैं आज फिर एक बार विरोधियों को नम्रता के साथ कहता हूं कि हमारी सरकार किसान हित में बातचीत के लिए तैयार है। लेकिन बात तथ्यों पर होगी। मुद्दों पर होगी. आत्मनिर्भर किसान ही आत्मनिर्भर भारत बनाएगा।

पीएम ने ममता बनर्जी और विपक्षी दलों पर साधा निशाना

पीएम ने कहा कि मुझे आज इस बात का अफसोस है कि पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। बंगाल के 23 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं। लेकिन राज्य सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को इतने लंबे समय से रोक रखा है। स्वार्थ की राजनीति करने वालों को जनता बहुत बारीकी से देख रही है। जो दल पश्चिम बंगाल में किसानों के अहित पर कुछ नहीं बोलते वो दल यहां किसान के नाम पर दिल्ली के नागरिकों को परेशान करने में लगे हुए हैं, देश की अर्थनीति को बर्बाद करने में लगे हुए हैं। पीएम ने कहा कि जो लोग 30-30 साल तक बंगाल में राज करते थे, एक ऐसी राजनीतिक विचारधारा को लेकर उन्होंने बंगाल को कहां से कहां लाकर खड़ा कर दिया है, ये सारा देश जानता है। आप ममता जी के 15 साल पुराने भाषण सुनेंगे तो पता चलेगा कि इस विचारधारा ने बंगाल को कितना बर्बाद कर दिया था।आंदोलन में कई सच्चे किसान भी हैं: मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आंदोलन में कई सच्चे किसान भी हैं, सब किसी पार्टी-विचारधारा के नहीं हैं। जो आंदोलन कर रहे हैं उनसे आप सीक्रेटली पूछोगे की कितने में बेचा, तो वो बोलेंगे की हां हमने बेचा MSP पर बेचा। नए कानून बनने के बाद बढ़े हुए MSP पर सरकार ने रिकॉर्ड खरीददारी की है। सरकार ने अपनी जिम्मेदारी बढ़ाई है। अग्रीमेंट फॉर्मिंग की बात करें तो पहले समझौता तोड़ने पर किसानों को पेनल्टी लगती थी, हमारी सरकार ने इसे खत्म किया। अब कोई जुर्माना नहीं लगेगा। खरीददार आपकी फसल का भुगतान करने के लिए कानूनी तौर पर बाध्य हुआ है, सिर्फ तीन दिन में भुगतान ना होने पर कानूनी रास्ते का विकल्प है। अगर किसी वजह से फसल अच्छी नहीं होती या बर्बाद हो जाती है। इस स्थिति में भी किसान को दाम मिलेगा। अग्रीमेंट को ट्रेडर चाहे तो खत्म नहीं कर सकता, किसान चाहे तो ऐसा कर सकता है।केरल में आंदोलन करके वहां तो APMC चालू करवाओ: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि मैं इन दलों से पूछता हूं कि यहां फोटो निकालने के कार्यक्रम करते हो, जरा केरल में आंदोलन करके वहां तो APMC चालू करवाओ। पंजाब के किसानों को गुमराह करने के लिए आपके पास समय है, केरल में यह व्यवस्था शुरू कराने के लिए आपके पास समय नहीं है। क्यों आप लोग दोगली नीति लेकर चल रहे हो। किसानों के नाम पर अपने झंडे लेकर जो खेल खेल रहे हैं, अब उनको सच सुनना पड़ेगा। ये लोग अखबार और मीडिया में जगह बनाकर, राजनीतिक मैदान में खुद के जिंदा रहने की जड़ी- बूटी खोज रहे हैं। ये वही लोग हैं जो वर्षों तक सत्ता में रहें। इनकी नीतियों की वजह से देश की कृषि और किसान का उतना विकास नहीं हो पाया जितना उसमें सामर्थ्य था। पहले की सरकारों की नीतियों की वजह से सबसे ज्यादा बर्बाद छोटा किसान हुआ।आपको जहां सही दाम मिले आप वहां पर उपज बेच सकते हैं

पीएम मोदी ने कहा कि हमने इस लक्ष्य पर भी काम किया की देश के किसान के पास खेत में सिंचाई की पर्याप्त सुविधा हो। हम दशकों पुरानी सिंचाई योजनाओं को पूरा करने के साथ ही देशभर में  के मंत्र के साथ माइक्रो इरीगेशन को भी बढ़ावा दे रहे हैं। हम इस दिशा में भी बढ़े कि फसल बेचने के लिए किसान के पास सिर्फ एक मंडी नहीं बल्कि नए बाजार हो। हमने देश की एक हजार से ज्यादा कृषि मंडियों को ऑनलाइन जोड़ा। इनमें भी एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार हो चुका है। इन कृषि सुधार के जरिए हमने किसानों को बेहतर विकल्प दिए हैं। इन कानूनों के बाद आप जहां चाहें जिसे चाहें अपनी उपज बेच सकते हैं। आपको जहां सही दाम मिले आप वहां पर उपज बेच सकते हैं। देश के किसान को इतने अधिकार मिल रहे हैं तो इसमें गलत क्या है? अगर किसानों को अपनी उपज बेचने का विकल्प ऑनलाइन माध्यम से पूरे साल और कहीं भी मिल रहा है तो इसमें गलत क्या है?आपने देश के किसी एक भी कोने में एक भी मंडी बंद होने की खबर सुनी है?

बीते कुछ महीनों में करीब 2.5 करोड़ छोटे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ा गया है। हम मछली पालकों, पशुपालकों को भी अब किसान क्रेडिट कार्ड दे रहे हैं। आज नए कृषि सुधारों को लेकर असंख्य झूठ फैलाए जा रह हैं। कुछ लोग किसानों के बीच भ्रम फैला रहे हैं कि MSP समाप्त की जा रही है। कुछ लोग अफवाहें फैला रहे हैं कि मंडियों को बंद कर दिया जाएगा। मैं आपको फिर ध्यान दिलाना चाहता हूं कि इन कानूनों को लागू हुए कई महीने बीत गए हैं, क्या आपने देश के किसी एक भी कोने में एक भी मंडी बंद होने की खबर सुनी है? ये कृषि सुधारों और नए कृषि सुधार कानूनों के बाद भी हुआ है।

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