उल्लेखनीय है कि सरकार से बातचीत के लिए किसानों की पहली शर्त ये है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संभावनाओं पर बातचीत हो। दूसरी शर्त मिनिमम सपोर्ट प्राइस की कानूनी गारंटी बातचीत के एजेंडे में रहे। किसानों की सरकार से तीसरी शर्त कमीशन फॉर द एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ऑर्डिनेंस के तहत सजा के प्रोविजन किसानों पर लागू नहीं हों। ऑर्डिनेंस में संशोधन कर नोटिफाई किया जाए। चौथी शर्त इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल में बदलाव का मुद्दा भी बातचीत के एजेंडे में शामिल होना चाहिए।
नई दिल्ली (मानवी मीडिया): तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार में फिर वार्ता होने वाली है। इस बार वार्ता 30 दिसंबर को होगी। केंद्र सरकार की किसानों के साथ बातचीत 30 दिसंबर को दिन में दोपहर 2:00 बजे होगी। इस बाबत केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने किसानों को चिट्ठी लिखी है। उधर, किसानों की बैठक से पहले गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इससे पहले किसानों ने सरकार को कल यानी 29 दिसंबर को 11 बजे 4 प्रस्तावों के आधार पर वार्ता का प्रपोजल भेजा है लेकिन सरकार ने 30 दिसंबर को वार्ता के लिए कहा है। यह किसानों और सरकार की सातवीं बैठक होगी। सूत्रों का कहना है कि सरकार बैठक के लिए अतिरिक्त समय इसलिए चाहती है ताकि वह ठोस मसौदा तैयार कर सके जो किसानों के सामने पेश किया जाएगा।