लखनऊः (मानवी मीडिया) आज बढ़ती जनसंख्या संसाधनों पर भार है। इस से निपटने के लिए जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण स्थापित किया जाना अत्यंत आवश्यक है। कोरोना महामारी के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने इस समस्या ने निपटने के लिए प्रत्येक माह की 21 तारीख को “खुशहाल परिवार दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय से प्राप्त जाकारी के अनुसार इस विशेष दिन प्रत्येक चिकित्सा इकाई में नव-दम्पत्तियों और ऐसे दम्पत्तियों को जिन्हे परिवार नियोजन अपनाना चाहिए ,उनको प्रेरित करने की लिए उनकी मुलाकात परिवार नियोजन के स्थाई साधन अपनाने वाले संतुष्ट दम्पत्तियों से कराकर अनुभव साझा कराये जायेंगें । ऐसी महिलायें जिनका प्रसव एक वर्ष से कम समय पहले हुआ है और उनकी प्रसव की स्थिति उच्च संकट गर्भावस्था की रही है,उन पर परिवार नियोजन के लिए विशेष ध्यान दिया जाना है, इसके लिए खुशहाल परिवार दिवस पर उनको बुलाकर उनके पोषण और परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने के लिए विशेष रूप से प्रेरित किया जायेगा। साथ ही, तीन या तीन से अधिक बच्चों वाले दम्पत्तियों को परिवार नियोजन के स्थाई साधनों को अपनाने के लिए जोर दिया जायेगा।
परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाना मुख्य उद्देश्य है। प्रदेश के सभी जिला एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में इस विशेष दिन सभी लक्ष्य-दम्पत्तियों को परिवार नियोजन के स्थाई-अस्थाई साधनों के उपयोग की लोकप्रियता संवर्धन का कार्य किया जाएगा। सभी सरकारी स्वास्थ्य इकाइयों में प्रदान की जाने वाली निःशुल्क सुविधाओं के साथ ही चिन्हित गैर-सरकारी स्वास्थ्य इकाइयों में सिफ्सा पोषित योजना “हौसला साझीदारी” के माध्यम से परिवार नियोजन की सेवाएँ और सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं।