नई दिल्ली (मानवी मीडिया)- दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध निरोधक विंग ने अंतर्राष्टीय हवाला किंगपिन नरेश जैन को गिरफ्तार किया है। नरेश जैन कई देशों में शैल (फर्जी) कंपनियां चलाता है। इन कंपनियों का संचालन धोखाधड़ी एवं आपराधिक साजिशों को अंजाम देने के लिए किया जाता है। पुलिस विभाग की टीम काफी समय से जैन के खिलाफ जांच कर रही है। करीब 20,000 करोड़ रूपये के अंतरराष्ट्रीय हवाला लेन-देन से जुड़े धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किये गये कथित हवाला कारोबारी नरेश जैन ने हाल ही में दिल्ली की एक अदालत में जमानत की अर्जी लगाई थी। अर्जी में दावा किया गया कि आरोपी के संबंध में जांच पूरी हो गयी है तथा उसे और हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है। आवेदन में यह भी कहा गया है कि अदालत आरोपी को राहत प्रदान करते हुए उस पर कोई भी शर्त लगा सकता है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश विशेष सरकारी वकील नवीन कुमार मट्टा ने इससे पहले अदालत से कहा था कि जैन ने सह आरोपी एवं साथियों के साथ मिलकर 450 भारतीय एवं 104 विदेशी निकायों को निगमित किया एवं उनका संचालन किया तथा इस काम में बैंक खाते खोलने के लिए छद्म शेयरधारकों एवं निदेशकों के पहचानपत्रों एवं दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।
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Wednesday, December 9, 2020
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इंटरनेशनल हवाला किंगपिन नरेश जैन गिरफ्तार, 20 हजार करोड़ रुपए के लेनदेन से उठेगा पर्दा
इंटरनेशनल हवाला किंगपिन नरेश जैन गिरफ्तार, 20 हजार करोड़ रुपए के लेनदेन से उठेगा पर्दा
नई दिल्ली (मानवी मीडिया)- दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध निरोधक विंग ने अंतर्राष्टीय हवाला किंगपिन नरेश जैन को गिरफ्तार किया है। नरेश जैन कई देशों में शैल (फर्जी) कंपनियां चलाता है। इन कंपनियों का संचालन धोखाधड़ी एवं आपराधिक साजिशों को अंजाम देने के लिए किया जाता है। पुलिस विभाग की टीम काफी समय से जैन के खिलाफ जांच कर रही है। करीब 20,000 करोड़ रूपये के अंतरराष्ट्रीय हवाला लेन-देन से जुड़े धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किये गये कथित हवाला कारोबारी नरेश जैन ने हाल ही में दिल्ली की एक अदालत में जमानत की अर्जी लगाई थी। अर्जी में दावा किया गया कि आरोपी के संबंध में जांच पूरी हो गयी है तथा उसे और हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है। आवेदन में यह भी कहा गया है कि अदालत आरोपी को राहत प्रदान करते हुए उस पर कोई भी शर्त लगा सकता है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश विशेष सरकारी वकील नवीन कुमार मट्टा ने इससे पहले अदालत से कहा था कि जैन ने सह आरोपी एवं साथियों के साथ मिलकर 450 भारतीय एवं 104 विदेशी निकायों को निगमित किया एवं उनका संचालन किया तथा इस काम में बैंक खाते खोलने के लिए छद्म शेयरधारकों एवं निदेशकों के पहचानपत्रों एवं दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।
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