लखनऊ की कोर्ट में सरेंडर के बाद पुलिस हुई सक्रिय
कानपुर,( मानवी मीडिया) बिकरू कांड के मुख्य गुनहगार विकास दुबे के छोटे भाई दीपप्रकाश उर्फ दीपू पर भी कई मुकदमे हैैं। विकास की तरह ही उस पर भी पुलिस मेहरबान थी। इसका अंदाजा इसी से ही लगाया जा सकता है कि वह प्रधानाचार्य सिद्धेश्वर पांडेय हत्याकांड में सजा पाने के बाद भी 16 साल से जमानत पर बाहर है।अपनी कार में सरकारी नंबर डालकर रौब गांठने वाले दीप पर लखनऊ के कृष्णा नगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है और इसी मामले में लखनऊ पुलिस ने पिछले दिनों उसके घर की कुर्की की थी। उस पर 25 हजार रुपये का इनाम भी था। दीप बिकरू कांड का आरोपित नहीं था,लेकिन एसआइटी की संस्तुति के आधार पर उसके खिलाफ पिछले दिनों चौबेपुर थाने में फर्जी नाम से मोबाइल सिम प्रयोग करने का मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस के मुताबिक दीप के खिलाफ थाना चौबेपुर, शिवली में 14 मुकदमे दर्ज हैं।साल 2000 में शिवली में ताराचंद्र इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में विकास के साथ वह भी नामजद हुआ था और दोनों भाइयों को उम्रकैद की सजा भी हुई थी। वर्ष 2004 में इस मामले में दीपक को जमानत मिली थी और तबसे बाहर ही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक दीप पर वर्ष 1992 में शिवली थाने में मारपीट का पहला मुकदमा दर्ज हुआ। वर्ष 2000 के अलावा वर्ष 2002 में शिवली थाने में भी हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। मारपीट, डकैती के अलावा वर्ष 2004 में पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा भी दर्ज किया था।