लखनऊ(मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धन्वन्तरि जयन्ती के अवसर पर आज राजभवन स्थित ग्रह वाटिका में आयुर्वेद के जनक आरोग्य देव भगवान धन्वन्तरि की प्रतिमा का अनावरण किया और आचार्य सुश्रुत्र, आचार्य वाग्भट्ट, आचार्य चरक और आचार्य माधवकर द्वारा आयुर्वेद के संबंध में व्यक्त किये गये विचारों से अंकित शिलापटों को अवलोकन किया।
इस अवसर पर प्रयागराज के राजकीय पाण्डुलिपि पुस्तकालय की ओर से आयुर्वेद की दुर्लभ पाण्डुलिपियों और पुस्तकों की लगाई गई प्रदर्शनी का राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया तथा पुस्तक ‘भारत के प्राणाचार्य’ एवं ‘दुर्लभ पाण्डुलिपियों में आयुर्वेद’ का विमोचन किया। इसके अलावा ग्रह वाटिका में राज्यपाल ने इलायची एवं मुख्यमंत्री ने लौंग का पौधा भी रोपित किया।
राज्यपाल ने प्रदर्शनी में रखी आगन्तुक पुस्तिका में लिखा कि ‘भगवान धन्वन्तरि हमारे आयुर्वेद के भगवान हैं। पूरा जीवन आयुर्वेद दवाई और सुश्रुषा में व्यतीत किया। मनुष्य की जीवनदायिनी हैं आयुर्वेद दवाइयां। मैं ऐसे महान आयुर्वेद भगवान को प्रणाम करती हूँ।’
मुख्यमंत्री ने आगन्तुक पुस्तिका में लिखा कि ‘धनतेरस के अवसर पर उत्तर प्रदेश राजभवन परिसर में आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वन्तरि की प्रतिमा स्थापना तथा आयुर्वेद से संबंधित प्रदर्शनी अत्यन्त रोचक एवं प्रेरणास्पद है। मा0 राज्यपाल महोदया के सानिध्य में यह कार्यक्रम अत्यन्त महत्व का हो गया है। मेरी मंगलमय शुभकामनाएं।’
इस अवसर उत्तर प्रदेश के आयुष विभाग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 धरम सिंह सैनी, पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 नीलकंठ तिवारी, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता, अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम एवं निदेशक संस्कृति शिशिर सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।
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