नई दिल्ली (मानवी मीडिया): फेस्टिवल सीजन और बढ़ती ठंड के बीच दिल्ली में कोरोना संक्रमण हर दिन नए रिकॉर्ड बना रहा है। बुधवार को पहली बार दिल्ली में कोरोना के 8 हजार से ज्यादा नए केस सामने आए। नवंबर में कोरोना की दिल्ली में यह रफ्तार बहुत डराने वाली है। हालात की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दिल्ली हाई कोर्ट को केजरीवाल सरकार को संक्रमण से प्रभावी ढंग से न निपट पाने के लिए कड़ी फटकार लगानी पड़ी है। डीडीएमए को राष्ट्रीय राजधानी में सार्वजनिक जगहों पर छठ न मनाने के आदेश जारी करने पड़े हैं।
दिल्ली में बुधवार को कोरोना के 8,593 नए केस सामने आए जो अब तक का हाइएस्ट सिंगल डे केस का रेकॉर्ड है। इसके अलावा 85 नई मौतें हुई हैं। दिल्ली में बुधवार को कुल 64,121 टेस्ट किए गए। केस पॉजिटिवी रेट 13.4 प्रतिशत यानी काफी हाई रहा। बुधवार को दिल्ली में 7,264 मरीज ठीक भी हुए। बात अगर दिल्ली में कोरोना संक्रमण के कुल मामलों की करें तो यह आंकड़ा 4,59,975 पहुंच चुका है। इसमें से 4,10,118 मरीज ठीक हो चुके हैं। ऐक्टिव केसों की संख्या 42,629 है। राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना से अब तक 7,228 लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवार को दिल्ली में कुल कंटेनमेंट जोन्स की संख्या 4,016 रही।
राष्ट्रीय राजधानी में बेकाबू हो रही कोरोना महामारी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को केजरीवाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि सीरो सर्वे के मुताबिक दिल्ली में तकरीबन हर घर में कोरोना ने दस्तक दे दी है। हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि शहर में हर 4 में से एक व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो चुका है। दरअसल, हालिया चौथे राउंड के सीरो सर्वे के मुताबिक सेन्ट्रल डिस्ट्रिक्ट कोरोना से सबसे बुरी तरह प्रभावित है। सीरो सर्वे के रिपोर्ट को जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच के सामने पेश किया गया। सीरो सर्वे के मुताबिक सितंबर में हुए सर्वे के मुकाबले सेन्ट्रल दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले दोगुने से ज्यादा बढ़े हैं।
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