BRICS सम्मेलन में पीएम मोदी का पाक पर निशाना, बोले-आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को दोषी ठहराना जरूरी     - मानवी मीडिया

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Tuesday, November 17, 2020

BRICS सम्मेलन में पीएम मोदी का पाक पर निशाना, बोले-आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को दोषी ठहराना जरूरी    

नई दिल्ली (मानवी मीडिया)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ब्रिक्स समूह के वर्चुअल शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। अपने संबोधन के दाैरान पीएम मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर बिना नाम लिए पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने एक बार फिर यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में बदलाव की बात छेड़ी। पीएम मोदी ने कहा कि 2021 में BRICS के 15 वर्ष पूरे हो जाएंगे। पिछले सालों में हमारे बीच लिए गए विभिन्न निर्णयों का मूल्यांकन करने के लिए हमारे शेरपा एक रिपोर्ट बना सकते हैं। 2021 में अपनी अध्यक्षता के दौरान हम BRICS के तीनों स्तंभों में intra-BRICS सहयोग को मजबूत करने का प्रयत्न करेंगे। उन्होंने कहा कि ग्लोबल गवर्नेंस की क्रेडिबिलटी और इफेक्टिवनेस पर सवाल उठने का कारण यह है कि इनमें समय के साथ उचित बदलाव नहीं आया। ये अभी भी 75 साल पुराने विश्व की मानसिकता और वास्तविकता पर आधारित है। भारत का मानना है कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में बदलाव बहुत ही अनिवार्य है. इस विषय पर हमें अपने ब्रिक्स पार्टनर के सहयोग की अपेक्षा है।


ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए, हमें खुशी है कि रूस की अध्यक्षता के दौरान ब्रिक्स काउंटर टेररिज्म स्ट्रेटजी को अंतिम रूप दे दिया गया है. यह एक बड़ी उपलब्धि है। भारत इस कार्य को अपनी अध्यक्षता के दौरान और आगे बढ़ाएगा।" मोदी ने कहा कि हमने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत एक व्यापक रिफॉर्म प्रोसेस शुरू किया है। यह कैंपेन इस विश्वास पर आधारित है कि एक सेल्फ रिलायंट और रेसिलायंट भारत पोस्ट-कोविड वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए फोर्स मल्टीप्लायर हो सकता है और ग्लोबल वैल्यू चेन्स में एक मजबूत योगदान दे सकता है। भारत की क्षमताओं को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका उदाहरण पूरी दुनिया ने कोविड-19 के दौरान देखा था, जब भारतीय फार्मा उद्योग की क्षमताओं के कारण ही 150 से अधिक देशों तक हम आवश्यक दवाइयां पहुंचा पाए थे। हमारी वैक्सीन उत्पादन और डिलिवरी क्षमता भी ऐसे ही मानवता के काम आएगी।।


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